जनपद में माफियाओं की अवैध संपत्तियों के खिलाफ चल रहे अभियान के क्रम में हिस्ट्रीशीटर मो. जावेद उर्फ पप्पू गंजिया की संपत्ति पर बड़ी कार्रवाई हुई। शुक्रवार को नैनी के गंजिया गांव में बने उसके तीन मंजिला आलीशान फार्म हाउस को बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया। इसकी कीमत पांच से सात करोड़ रुपए आंकी गई है। पप्पू हत्या, जानलेवा हमले, रंगदारी, भूमि कब्जाने समेत अन्य मामलों का आरोपी है।
नैनी में भू माफिया पप्पू गंजिया के आलीशान फार्म हाउस को पीडीए ने किया ध्वस्त
जहांगीराबाद वार्ड से तीन बार पार्षद रह चुका पप्पू गंजिया समाजवादी पार्टी से जुड़ा है। आठ जून को उसे अरैल निवासी ननका निषाद पुत्र बब्बन निषाद से 40 हजार रुपए प्रतिमाह की रंगदारी मांगने में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। फिलहाल वह जमानत पर है। शुक्रवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम नैनी, औद्योगिक क्षेत्र, करछना एवं करेली समेत अन्य थानों की पुलिस फोर्स, एक कंपनी पीएसी एवं सात जेसीबी मशीन के साथ दोपहर में उसके गंजिया स्थित फार्म हाउस को तोडने पहुंची।
सामान बाहर करने के बाद तीन मंजिला फार्म हाउस को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हुई और करीब पांच घंटे बाद आलीशान फार्म हाउस को ढहाकर मलबे में तब्दील कर दिया गया। पीडीए के जोनल अफसर आलोक पांडेय ने बताया कि निर्माण बिना नक्शा पास कराए हुआ था। जमीन किसकी है, इसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है। सीओ सोमेंद्र मीणा ने बताया कि पप्पू गंजिया पर कुल 19 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
15 साल पहले बनाया था फार्म हाउस
जिस फार्म हाउस को ढहाया गया, वह करीब 15 साल पहले बना था। जमीन गंजिया गांव के ही जमींदार लाला सोनकर की थी। चर्चा रही कि जमीन खरीदने के बाद पप्पू ने फार्म हाउस बनाया था। ज्यादातर समय वह इसी फार्म हाउस में ही रहता था।
ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं थीं फार्म हाउस में
भू माफिया एवं हिस्ट्रीशीटर पप्पू गंजिया के फार्म हाउस में ऐशो-आराम के सारे सामान मौजूद थे। दो बड़े-बड़े शानदार गेटों और 12 फीट की चहारदीवारी में घिरे इस फार्म हाउस के एक हिस्से में तीन मंजिला वातानुकूलित भवन निर्माण था तो बाकि हिस्सो में बागबानी थी। वातानुकूलित कमरों में एक से एक बेशकीमती फर्नीचर, व्यायाम करने की कई अत्याधुनिक मशीनें आदि मौजूद थीं। पूरा फार्म हाउस सीसीटीवी कैमरे की नजर में था। फार्म हाउस ढहाए जाने के दौरान पप्पू गंजिया के परिजन भी मौजूद थे, जिनकी आंखों में आंसू तो थे लेकिन जुबान बंद थी।