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UP: सपा ने निकाला... अब इस पार्टी का दामन थामेंगी विधायक पूजा पाल? इसलिए समाजवादी पार्टी ने किया निष्कासन
अमर उजाला नेटवर्क, कौशांबी
Published by: शाहरुख खान
Updated Sat, 16 Aug 2025 01:20 PM IST
सार
Samajwadi Party News: समाजवादी पार्टी ने बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोटिंग की थी। अब उन्होंने सीएम योगी की तारीफ की थी।
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Pooja Pal
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
UP Politics News In Hindi: कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी विधायक पूजा पाल को आखिरकार पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पिछले साल राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के पक्ष में वोटिंग की थी। उस समय से अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
विधायक और हाईकमान के बीच तल्खियां तो काफी दिन से चली आ रही थीं। लेकिन बृहस्पतिवार को जब विधायक पूजा पाल ने सदन में खुलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की तो सपा अध्यक्ष ने निष्कासन पत्र भिजवा दिया।
अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बसपा, सपा के बाद पूजा किसी नई पार्टी का दामन थाम सकती हैं। राज्यसभा चुनाव में सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। अप्रैल 25 में विधायक मनोज पांडेय, अभय सिंह और राकेश सिंह को पार्टी से बाहर किया गया लेकिन पूजा पाल पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
उस समय पार्टी ने कहा था कि पूजा को सुधार का मौका दिया गया। लेकिन पर्दे की पीछे की बात यह थी कि पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूला पर राजनीति कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे कि पाल बिरादरी में कोई गलत संदेश चला जाए और भाजपा उसको भुना ले।
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विधायक और हाईकमान के बीच तल्खियां तो काफी दिन से चली आ रही थीं। लेकिन बृहस्पतिवार को जब विधायक पूजा पाल ने सदन में खुलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की तो सपा अध्यक्ष ने निष्कासन पत्र भिजवा दिया।
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अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बसपा, सपा के बाद पूजा किसी नई पार्टी का दामन थाम सकती हैं। राज्यसभा चुनाव में सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। अप्रैल 25 में विधायक मनोज पांडेय, अभय सिंह और राकेश सिंह को पार्टी से बाहर किया गया लेकिन पूजा पाल पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
उस समय पार्टी ने कहा था कि पूजा को सुधार का मौका दिया गया। लेकिन पर्दे की पीछे की बात यह थी कि पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूला पर राजनीति कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे कि पाल बिरादरी में कोई गलत संदेश चला जाए और भाजपा उसको भुना ले।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद बदलने लगा था पूजा का रुख
पूजा पाल 2022 के विधानसभा चुनाव में चायल सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनी थीं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूजा का रुख बदलने लगा। वह भाजपा के करीब होने लगीं। उनके आचरण और बयानों को लेकर पार्टी में असंतोष बढ़ रहा था।
पूजा पाल 2022 के विधानसभा चुनाव में चायल सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनी थीं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूजा का रुख बदलने लगा। वह भाजपा के करीब होने लगीं। उनके आचरण और बयानों को लेकर पार्टी में असंतोष बढ़ रहा था।
लोकसभा चुनाव में भी पूजा ने दिया भाजपा का साथ
लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने भाजपा का साथ दिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, विधायक के आचरण की लगातार निगरानी की जा रही थी। निष्कासन के बाद पूजा पाल की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने भाजपा का साथ दिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, विधायक के आचरण की लगातार निगरानी की जा रही थी। निष्कासन के बाद पूजा पाल की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हालांकि, उन्होंने लखनऊ में खुलकर कहा कि अतीक के आपराधिक साम्राज्य का खात्मा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें न्याय दिलाया। इस मामले में सपा का दोहरा चरित्र सामने आया है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूजा पाल का भाजपा में जाना तय है। उन्हें मंत्री पद भी दिया जा सकता है। सपा में रहते हुए वह मंत्री नहीं बन सकती थीं। अब रास्ता साफ हो गया।
पार्टी विरोधी काम करने वाला बाहर होगा
सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल का कहना है कि जो भी पार्टी विरोधी कार्य करेगा, उसे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। पूजा पाल पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, उन्हें सुधारने का अवसर जून माह में चेतावनी के साथ दिया गया था लेकिन कोई तब्दीली नहीं आई। इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल का कहना है कि जो भी पार्टी विरोधी कार्य करेगा, उसे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। पूजा पाल पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, उन्हें सुधारने का अवसर जून माह में चेतावनी के साथ दिया गया था लेकिन कोई तब्दीली नहीं आई। इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है।
विधायक पल्लवी पटेल का रुख भी अस्पष्ट
कौशाम्बी में तीनों विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा रहा लेकिन उसके दो विधायकों ने बगावत की राह चुन ली थी। अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल सिराथू से सपा के टिकट पर विधायक बनीं।
कौशाम्बी में तीनों विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा रहा लेकिन उसके दो विधायकों ने बगावत की राह चुन ली थी। अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल सिराथू से सपा के टिकट पर विधायक बनीं।
पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर उनकी भी पार्टी से ठन गई। तब से वह भी पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि, अभी उन्होंने अपना रुख अस्पष्ट नहीं किया है। राजनीतिक हलकों में इसे सपा के भीतर बढ़ते असंतोष और आगामी चुनावी समीकरणों में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
15 विधानसभा क्षेत्रों में सात पर सपा ने लहराया था परचम
कौशांबी जिले की तीन विधानसभाओं में तीनों पर सपा का कब्जा है। विधानसभा चायल से पूजा पाल, सिराथू से पल्लवी पटेल और मंझनपुर से इंद्रजीत सरोज विधायक हैं। वहीं प्रयागराज की 12 विधानसभा क्षेत्रों में चार पर सपा का कब्जा है।
कौशांबी जिले की तीन विधानसभाओं में तीनों पर सपा का कब्जा है। विधानसभा चायल से पूजा पाल, सिराथू से पल्लवी पटेल और मंझनपुर से इंद्रजीत सरोज विधायक हैं। वहीं प्रयागराज की 12 विधानसभा क्षेत्रों में चार पर सपा का कब्जा है।
विधानसभा हंडिया से हाकिमलाल बिंद, मेजा से संदीप पटेल, सोरांव से गीता पासी, प्रतापपुर से विजमा यादव विधायक हैं। विधायकों का कहना है कि पूजा पाल सिर्फ चुनाव जीतने के लिए सपा में आई थीं।