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हाईकोर्ट: जन्मतिथि विवाद में हाईकोर्ट से अब्दुल्ला आजम को राहत, साक्ष्य को ट्रायल कोर्ट में पेश करने को मंजूरी

अमर उजाला नेटवर्क, महाकुंभ नगर (प्रयागराज) Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 13 Feb 2025 09:55 PM IST
सार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को जन्म तिथि से जुड़े विवाद में बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए जन्मतिथि से जुड़े वीडियो को ट्रायल कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी है।

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Relief to Abdullah Azam from High Court in date of birth dispute, approval to present evidence in trial court
आजम खां-अब्दुल्लाह आजम। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को जन्म तिथि से जुड़े विवाद में बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए जन्मतिथि से जुड़े वीडियो को ट्रायल कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर दिया है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने वीडियो को साक्ष्य के रूप में पेश करने की अर्जी खारिज कर दी थी।

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अब्दुल्ला आजम पर रामपुर के सिविल लाइन थाने में जन्म तिथि में धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है। प्रदेश सरकार का कहना है अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1993 है, जबकि उन्होंने फर्जी जन्मतिथि (1990) के आधार पर विधान सभा का चुनाव लड़ा। इसी आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है। अब्दुल्ला आज़म अपने जन्म प्रमाण के तौर पर एक वीडियो ट्रायल कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। अब इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

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याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि अब्दुल्ला आज़म के पासपोर्ट में उनकी जन्म तिथि 1990 दर्ज है। इसे साबित करने के लिए दो वीडियो रिकॉर्डिंग महत्वपूर्ण साक्ष्य है। इनमें से एक वीडियो आजम खान के सरकारी बंगले 4 कालिदास मार्ग पर 1990 में हुए सरकारी कार्यक्रम का है, जिसमें अब्दुल्ला आज़म उस वक्त तीन माह के थे। वहीं दूसरा वीडियो जौहर डे कार्यक्रम का है। जन्मतिथि साबित करने के लिए दोनों वीडियो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की अर्जी को ट्रायल कोर्ट खारिज कर चुकी है। अब हाईकोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद याचिका मंजूर करते हुए दोनों वीडियो रिकॉर्डिंग ट्रायल कोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।

 

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