Prayagraj : जल जीवन मिशन योजना की 48 लाख की पाइप उड़ाने वाला गैंग शिकंजे में, सरगना समेत 21 गिरफ्तार
घटना 22 व 23 दिसंबर को हुई थी जिसकी रिपोर्ट छह जनवरी को दर्ज कराई गई थी। बारा तहसील में जलजीवन मिशन के तहत पानी की पाइप डालने का काम विष्णु प्रकाश आर फंगालिया फर्म कर रही थी। काम के लिए पिपरांव गांव की नहर के किनारे बड़ी संख्या में पाइप रखे गए थे।

विस्तार
बारा में जल जीवन मिशन योजना के तहत डाले जा रहे पानी के 48 लाख रुपये के पाइप चोरी के मामले का रविवार को खुलासा हो गया। एसओजी यमुनापार ने वारदात को अंजाम देने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 43 लाख रुपये मूल्य के 194 पाइप बरामद कर लिए। साथ ही गैंग के सरगना समेत 21 लाेगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को जेल भेज दिया गया है।

घटना 22 व 23 दिसंबर को हुई थी जिसकी रिपोर्ट छह जनवरी को दर्ज कराई गई थी। बारा तहसील में जलजीवन मिशन के तहत पानी की पाइप डालने का काम विष्णु प्रकाश आर फंगालिया फर्म कर रही थी। काम के लिए पिपरांव गांव की नहर के किनारे बड़ी संख्या में पाइप रखे गए थे। एक जनवरी को पता चला कि इनमें से 220 पाइप चोरी हो गए हैं। बाद में बारा व उमापुर टोल प्लाजा पर लगे कैमरों के फुटेज देखने पर पता चला कि लाल रंग के डीसीएम में उपरोक्त पाइप लादकर ले जाए गए हैं। तहरीर पर बारा पुलिस ने अज्ञात में केस दर्ज किया था।
एसओजी यमुनापार प्रभारी रणजीत सिंह व उनकी टीम जांच में लगी तो डीसीएम के मालिक का नाम पता मिला। डीसीएम मालिक से ड्राइवर व क्लीनर का पता चला। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि वारदात को अंजाम देने वाले गैंग का सरगना राहुल यादव नि0 मधुपुर थाना मुगराबादशाहपुर जिला जौनपुर है। वह पहले बांदा में जलजीवन मिशन के तहत काम करने वाली फर्म का कर्मचारी था।
बाद में उसने वहां भी इसी तरह बड़े पैमाने पर पाइप चोरी करवाए थे। इसके बाद एसओजी राहुल की तलाश में जुट गई और फिर उसके पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हो गया। उसकी निशानदेही पर 194 पाइप बरामद करते हुए एसओजी ने गैंग के 20 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया।
लखनऊ की फर्म खरीदती थी चोरी का माल
पुलिस के मुताबिक, राहुल ने पूछताछ में बताया कि चोरी किए गए पाइप लखनऊ की सीएस इंटर प्राइजेज फर्म का मालिक चांद सिद्दीकी खरीदता था। यह फर्म भी जल जीवन मिशन के तहत काम करती है। चांद तो फरार हो गया लेकिन एसओजी ने तत्परता दिखाते हुए उसकी फर्म के कंप्यूटर ऑपरेटर सुनील वर्मा, ठेकेदार वरुण विक्रम सिंह, सुपरवाइजर हिमांशु सिंह और लेबर कॉन्ट्रैक्टर जुनैद को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा घटना में प्रयुक्त डीसीएम भी बरामद कर लिया है।
इसके अलावा यह भी हुए गिरफ्तार
मनोज गुप्ता निवासी बदायूं, राजा पटेल निवासी फतेहपुर, कुलदीप महेश्वरी निवासी बदायूूं, राजेश चौधरी निवासी नोयडा सेक्टर 5, विकास निवासी बिलान्दापुर शाहजहांपुर, विकास पंवार निवासी दोघट बागपत, अनूप तिवारी निवासी शाहजहांपुर, शम्भू चौधरी निवासी बिहार, दुर्गेश शर्मा निवासी हरदोई, सिकन्दर निवासी बेगूसराय (बिहार), प्रवीण कुमार निवासी कांगणा (हिमाचल प्रदेश), सुड्डू कुमार निवासी बिहार, बृजेश कुशवाहा निवासी हरदोई, राममोहन निषाद निवासी कानपुर देहात, विजय बहादुर गौतम निवासी जौनपुर, अरुण यादव निवासी जौनपुर।