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यूपीपीएससी: सीधी भर्ती के आवेदन में 76 अभ्यर्थियों ने की गलती

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 29 Jul 2021 10:40 PM IST
सार

  • यूपीपीएससी ने त्रुटि सुधार के लिए अभ्यर्थियों को चार अगस्त तक दिया मौका
  • असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों पर भर्ती के लिए आयोग ने जारी किया था विज्ञापन

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UPPSC: 76 candidates made mistake in direct recruitment application
UPPSC pcs 2017 result - फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से सीधी भर्ती के लिए मांगे गए आवेदनों में 76 अभ्यर्थियों ने गलती कर दी। हालांकि, आयोग ने अभ्यर्थियों को अपने आवेदनों में त्रुटि सुधार के लिए एक अन्य अवसर प्रदान किया है। अभ्यर्थी चार अगस्त तक आवेदनों में मिली गलतियों को सुधार सकते हैं।

यूपीपीएससी ने 25 जून को सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों के साथ ही मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के तहत कार्मिक अधिकारी और उत्तर प्रदेश आयुष (यूनानी) विभाग के तहत राजकीय यूनानी महाविद्यालयों में प्रोफेसर इल्मुल अदबिया के पदों पर भी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।

ऑनलाइन आवेदन शुल्क बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 23 जुलाई और ऑनलाइन आवेदन सब्मिट किए जाने की अंतिम तिथि 26 जुलाई निर्धारित की गई थी। आयोग ने अंतिम तिथि के बाद ऑनलाइन आवेदनों का परीक्षण किया तो 76 अभ्यर्थियों के आवेदन त्रुटिपूर्ण पाए गए।

आवेदनों में चार प्रकार की गलतियां सामने आईं हैं। कुछ आवेदनों में फोटो इनवैलिड है तो कई आवेदनों में फोटो निर्धारित आकार में नहीं है। इसके साथ ही तमाम आवेदनों में अपलोड की गई फोटो पर अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर नहीं है और कई फोटो का आकार इतना छोटा है कि वे प्रिंटिंग लायक नहीं हैं।

आयोग के उप सचिव पुष्कर श्रीवास्तव के अनुसार अभ्यर्थी 29 जुलाई से चार अगस्त तक सही फोटो एवं हस्ताक्षर पुन: अपलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को यह अंतिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके बाद किसी भी प्रत्यावेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

 
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यूपीपीएससी - फोटो : अमर उजाला

सीधी भर्ती के प्राप्तांक जारी कर आयोग ने बदली व्यवस्था

प्रयागराज। प्राप्तांक एवं कटऑफ की जानकारी देने के लिए सूचना के अधिकार के तहत आने वाले हर आवेदन का जवाब न देना पड़ा, इसको लेकर किसी तरह का विवाद न हो और समय की बचत हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अब सीधी भर्ती के भी प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी करने शुरू कर दिए हैं। हालांकि आयोग की ओर से केवल इंटरव्यू में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्तांक की जानकारी ही दी जा रही है। वहीं, अभ्यर्थियों की मांग है कि आयोग स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जारी करे।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब तक केवल लिखित परीक्षा के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी करता था। सीधी भर्ती के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी किए जाने का प्रावधान नहीं था। ऐसे में आयोग के पास प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक की जानकारी के लिए सैकड़ों की संख्या में आवेदन आते थे और आयोग ने सूचना के अधिकार के तहत सभी आवेदनों का जवाब देना पड़ता था। ऐसे में स्टाफ पर बोझ बढ़ने से अन्य कार्य प्रभावित होते थे। अब आयोग की ओर से सीधी भर्ती के प्राप्तांक एवं कटऑफ जारी किए जाने से यह समस्या खत्म हो गई है।

हालांकि आयोग केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के प्राप्तांक यानी मार्कशीट जारी करेगा, जो इंटरव्यू में शामिल हुए थे। अभ्यर्थी इस व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सीधी भर्ती के लिए होनी स्क्रीनिंग परीक्षा के प्राप्तांक भी जारी किए जाएंगे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग को सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जोड़ने चाहिए और प्राप्तांक भी जारी करने चाहिए, क्योंकि स्क्रीनिंग परीक्षा के आधार पर ही अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल किया जाता है। प्रशांत ने आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक जोड़े जाएंगे और स्क्रीनिंग परीक्षा के प्राप्तांक भी जारी किए जाएं।

दर्जनों अभ्यर्थियों को नहीं मिली पीसीएस की मार्कशीट

सूचना के अधिकार के तहत भी जानकारी देने को तैयार नहीं आयोग
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 17 जुलाई को पीसीएस 2019 और 2020 के प्राप्तांक और कटऑफ अंक जारी किए थे, लेकिन दर्जनों अभ्यर्थियों की मार्कशीट वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रही है। अभ्यर्थियों को सूचना के अधिकार के तहत भी अंकों की जानकारी दिए जाने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में अभ्यर्थी अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। 

दोनों पीसीएस परीक्षाओं के प्राप्तांक (मार्कशीट) एवं कटऑफ अंक आयोग की वेबसाइट पर 23 जुलाई तक ही उपलब्ध थे। तमाम अभ्यर्थियों ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन प्राप्तांक एवं कटऑफ देखने की कोशिश की और उन्हें मोबाइल पर ओटीपी भी प्राप्त हुआ, लेकिन मार्कशीट वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हुई। आयोग ने अपनी विज्ञप्ति में ही स्पष्ट कर दिया था कि सूचना के अधिकार के तहत आने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने आयोग में प्रार्थनापत्र भी दिए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि अगर अभ्यर्थी को राहत नहीं मिली तो न्यायालय की शरण में जाएंगे।

वहीं, आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि आयोग मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन के साथ कुछ जरूरी अभिलेख भी मांगता है। जो निर्धारित तिथि तक अभिलेख जमा नहीं करते हैं, उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाता है और प्राप्तांक भी नहीं किए जाते हैं। ऐसे ही अभ्यर्थियों के प्राप्तांक वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं।
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