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Ambedkar Nagar News: छह महीने में 114 लोग एचआईवी संक्रमित, चार की मौत
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:11 AM IST
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.जिला चिकित्सालय में बना संपूर्ण सुरक्षा केंद्र।
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अंबेडकरनगर। जिले में एचआईवी संक्रमण की रफ्तार डराने लगी है। पिछले छह महीनों में 114 नए मरीज सामने आए हैं, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है। चिंताजनक बात यह है कि संक्रमितों में अधिकांश ऐसे प्रवासी मजदूर हैं, जो दूसरे राज्यों से काम कर लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से एक महिला ने शिशु को जन्म दिया है। राहत की बात यह कि बच्चा फिलहाल संक्रमण से सुरक्षित है।
जिले में 2005 से संचालित संपूर्ण सुरक्षा केंद्र के मुताबिक अब तक 2,040 लोग एचआईवी की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें 160 की मौत हो चुकी है। लेकिन हालिया छह महीने की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल जहां पूरे 12 महीनों में 138 मामले आए थे, वहीं इस वर्ष सिर्फ छह महीनों में ही 114 संक्रमित पाए गए हैं। मौतों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी हो चुकी है। जिले में फिलहाल 1,880 एचआईवी पॉजिटिव मरीज सक्रिय हैं। इनमें से 1,689 मरीज जिला अस्पताल के संपूर्ण सुरक्षा केंद्र से नियमित दवा ले रहे हैं। शेष मरीज लखनऊ व अन्य जिलों में उपचाररत हैं।
एम्स दिल्ली भेजे जाते सैंपल
संक्रमित गर्भवती महिलाओं के नवजातों की डीबीएस (ड्राई ब्लड स्पॉट) जांच दिल्ली एम्स से कराई जाती है। जांच तीन चरणों में होती है, और सभी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही शिशु को एचआईवी-मुक्त माना जाता है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर तुरंत इलाज शुरू किया जाता है।
एचआईवी संक्रमण के प्रमुख कारण
असुरक्षित यौन संबंध
संक्रमित सूई या इंजेक्शन का उपयोग
संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद का चढ़ाया जाना
गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान संक्रमण
संक्रमित अंग या ऊतक प्रत्यारोपण
तीन वर्षों का संक्रमण आंकड़ा
वर्ष कुल मरीज पुरुष महिला मौतें
2023-24 138 85 53 3
2024-25 127 82 45 2
2025-26 (अब तक) 114 69 45 4
नियमित शिविर लगाए जाएं
विभाग की ओर से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में नियमित जांच शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित हो सके।
डॉ. गौतम मिश्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी / प्रभारी एचआईवी कार्यक्रम

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जिले में 2005 से संचालित संपूर्ण सुरक्षा केंद्र के मुताबिक अब तक 2,040 लोग एचआईवी की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें 160 की मौत हो चुकी है। लेकिन हालिया छह महीने की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल जहां पूरे 12 महीनों में 138 मामले आए थे, वहीं इस वर्ष सिर्फ छह महीनों में ही 114 संक्रमित पाए गए हैं। मौतों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी हो चुकी है। जिले में फिलहाल 1,880 एचआईवी पॉजिटिव मरीज सक्रिय हैं। इनमें से 1,689 मरीज जिला अस्पताल के संपूर्ण सुरक्षा केंद्र से नियमित दवा ले रहे हैं। शेष मरीज लखनऊ व अन्य जिलों में उपचाररत हैं।
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एम्स दिल्ली भेजे जाते सैंपल
संक्रमित गर्भवती महिलाओं के नवजातों की डीबीएस (ड्राई ब्लड स्पॉट) जांच दिल्ली एम्स से कराई जाती है। जांच तीन चरणों में होती है, और सभी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही शिशु को एचआईवी-मुक्त माना जाता है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर तुरंत इलाज शुरू किया जाता है।
एचआईवी संक्रमण के प्रमुख कारण
असुरक्षित यौन संबंध
संक्रमित सूई या इंजेक्शन का उपयोग
संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद का चढ़ाया जाना
गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान संक्रमण
संक्रमित अंग या ऊतक प्रत्यारोपण
तीन वर्षों का संक्रमण आंकड़ा
वर्ष कुल मरीज पुरुष महिला मौतें
2023-24 138 85 53 3
2024-25 127 82 45 2
2025-26 (अब तक) 114 69 45 4
नियमित शिविर लगाए जाएं
विभाग की ओर से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में नियमित जांच शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित हो सके।
डॉ. गौतम मिश्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी / प्रभारी एचआईवी कार्यक्रम