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Ambedkar Nagar News: वीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप में अंकुर वर्मा गिरफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:02 AM IST
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अंबेडकरनगर। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) उत्तर प्रदेश ने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) भर्ती परीक्षा में अनियमितता और धांधली के मामले में बृहस्पतिवार शाम अंकुर वर्मा को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी इब्राहिमपुर क्षेत्र के केदारनगर से की गई।
वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण पर्यवेक्षक एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के कुल 1953 पदों पर भर्ती के लिए टीसीएस लिमिटेड के माध्यम से परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में व्यापक स्तर पर धांधली की शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच ईओडब्ल्यू लखनऊ को सौंपी गई।
जांच में सामने आया कि भर्ती प्रक्रिया में कुछ संस्थाओं, दलालों और अभ्यर्थियों की मिलीभगत से ओएमआर शीट्स में कूटरचना की गई। इसके माध्यम से अपात्र अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिलाए गए, जबकि पात्र अभ्यर्थियों का चयन रोका गया। इस प्रकरण में अब तक कुल 173 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें से 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार आरोपी अंकुर वर्मा इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के बलरामपुर गांव स्थित अपनी ननिहाल में वर्षों से किराये के मकान में रह रहा था। वह मूल रूप से खजुरावन पूराबाजार, अयोध्या का निवासी है।
बलरामपुर में उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं, जबकि उसके पिता लालता प्रसाद और भाई अयोध्या में निवास करते हैं। जानकारी के अनुसार, अंकुर वर्मा ने पहले बलरामपुर बाजार में अंडा-मांस की दुकान खोली थी और वर्तमान में केदारनगर में दुकान संचालित कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, वह चिटफंड कंपनियों में निवेश के नाम पर लोगों से धन भी लगवाता था, जिसमें कई लोग ठगी का शिकार हुए हैं। इंस्पेक्टर संतोष सिंह विसेन एवं विश्वनाथ यादव के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण पर्यवेक्षक एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के कुल 1953 पदों पर भर्ती के लिए टीसीएस लिमिटेड के माध्यम से परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में व्यापक स्तर पर धांधली की शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच ईओडब्ल्यू लखनऊ को सौंपी गई।
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जांच में सामने आया कि भर्ती प्रक्रिया में कुछ संस्थाओं, दलालों और अभ्यर्थियों की मिलीभगत से ओएमआर शीट्स में कूटरचना की गई। इसके माध्यम से अपात्र अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिलाए गए, जबकि पात्र अभ्यर्थियों का चयन रोका गया। इस प्रकरण में अब तक कुल 173 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें से 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार आरोपी अंकुर वर्मा इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के बलरामपुर गांव स्थित अपनी ननिहाल में वर्षों से किराये के मकान में रह रहा था। वह मूल रूप से खजुरावन पूराबाजार, अयोध्या का निवासी है।
बलरामपुर में उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं, जबकि उसके पिता लालता प्रसाद और भाई अयोध्या में निवास करते हैं। जानकारी के अनुसार, अंकुर वर्मा ने पहले बलरामपुर बाजार में अंडा-मांस की दुकान खोली थी और वर्तमान में केदारनगर में दुकान संचालित कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, वह चिटफंड कंपनियों में निवेश के नाम पर लोगों से धन भी लगवाता था, जिसमें कई लोग ठगी का शिकार हुए हैं। इंस्पेक्टर संतोष सिंह विसेन एवं विश्वनाथ यादव के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
