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Baghpat News: एसपीसी डिग्री कॉलेज के ऑडिट में साढ़े सात करोड़ की गड़बड़ी मिलने पर बैठक में हंगामा
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बागपत के सम्राट पृथ्वीराज डिग्री कॉलेज में बैठक के दौरान होता हंगामा। संवाद
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- वर्ष 2013 से 2023 तक की ऑडिट रिपोर्ट आने पर रविवार को बैठक बुलाकर ब्योरा किया गया पेश
- बैठक में बागपत, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा हरियाणा, दिल्ली तक के पदाधिकारी व सदस्य पहुंचे
- गड़बड़ी मिलने के बाद कई पदाधिकारियों ने हंगामा किया, फर्जी बिल भी पास करवाने का आरोप
संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। शहर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज के ऑडिट में साढ़े सात करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली है। इसको लेकर ही रविवार को पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें वर्ष 2013 से 2023 तक की ऑडिट रिपोर्ट का ब्योरा पेश करने के साथ ही हंगामा हो गया। वहां कई पदाधिकारियों के बीच नोकझोंक हुई और कॉलेज प्रबंध समिति के पदाधिकारियों व कर्मियों पर फर्जी बिल भी पास करवाने का आरोप लगाया।
शहर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज में ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद रविवार को बैठक बुलाई गई। इस बैठक में बागपत, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा हरियाणा व दिल्ली के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए। उनके सामने पूरी रिपोर्ट रखी गई तो उसमें साढ़े सात करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई। ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि विद्यार्थियों की फीस की रसीद तक गायब है।
वर्ष 2019 में हुई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 45 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई। शहर के होटलों में 20 कमरे दिखाए गए, जबकि किसी भी होटल में पांच व छह से ज्यादा कमरे नहीं है और फर्जी बिल बनाकर रुपये निकाले गए हैं। आराेप है कि कई होटल में तो खिलाड़ी रुके तक नहीं है। वर्ष 2014 से 2018 तक नोएडा के लोगों ने काॅलेज परिसर में कमरे बनवाने के लिए तीन करोड़ रुपये दान दिए थे मगर उसका भी हिसाब नहीं है और जब हिसाब मांगा गया तो नहीं दिया गया। कई कर्मचारियों ने इसमें खेल किया है।
बैठक में गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद हंगामा शुरू हो गया है और कई पदाधिकारी व सदस्यों के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई। कई पदाधिकारी पर भी इसमें शामिल होने व पूर्व प्राचार्य के खाते में भी नौ लाख रुपये पहुंचने का कोई हिसाब आज तक नहीं देने का आरोप लगाया गया। हंगामा होने के बाद बैठक को निरस्त कर दिया गया है और जल्द ही अगली बैठक करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान राजेंद्र चौहान, सुरेंद्र चौहान, नीरज चौहान, श्रीनिवास चाौहान, अनिल चौहान, सुदेश चौहान आदि मौजूद रहे।
- दिसंबर में होंगे प्रबंध समिति के चुनाव, तब होगी जांच
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिसंबर में प्रबंध समिति के चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए विवि को पत्र लिखा जाएगा। पर्यवेक्षक नियुक्त होते ही चुनाव करा दिए जाएंगे। नए पदाधिकारी बनने के बाद जांच कराई जाएगी और उसमें साफ होगा कि करोड़ों की गड़बड़ी में कौन-कौन शामिल है।
- बागपत का सबसे पुराना है पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज
पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज कोई नया नहीं है, बल्कि यह बागपत जिला मुख्यालय का 40 साल पुराना कॉलेज है। एक समय में इसके अलावा केवल बड़ौत में कॉलेज थे। यहां से पढ़कर कई विद्यार्थी उच्च पदों पर पहुंचे हैं, इनमें जज, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
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ऑडिट में ये मिली गड़बड़ी
- 10 वर्षों की बैलेंस सीट में 97,94,816 रुपये का ब्योरा कम मिला।
- प्राइवेट छात्रों की फीस जमा करने में 1,03,89,435 रुपये जमा करने का कोई साक्ष्य नहीं मिले।
- 10 वर्षों में छात्रों की संख्या व उनकी फीस में 3,88,79,250 रुपये का अंतर मिला।
- सदस्यता शुल्क में 4,63,900 रुपये कम मिले।
- कॉलेज में कक्ष निर्माण के लिए मिली दान की धनराशि में 1,53,94,800 रुपये का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला।
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वर्जन
- ऑडिट की रिपोर्ट मिल गई है और सभी प्रश्नों का जवाब बनाया जा रहा है। सभी जवाब 15 दिन से एक माह में तैयार करके बैठक में दिए जाएंगे। कुछ मामले पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल के है, जो जानकारी में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। - राजेंद्र चौहान, प्रबंधक सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज
- प्रबंध समिति के दिसंबर में चुनाव होंगे और नई समिति बनेगी। वह समिति ही पूरे मामले की जांच करेगी। उससे ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। - श्रीनिवास चौहान, अध्यक्ष सम्राट पृथ्वीराज चौहान लॉ एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज
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- बैठक में बागपत, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा हरियाणा, दिल्ली तक के पदाधिकारी व सदस्य पहुंचे
- गड़बड़ी मिलने के बाद कई पदाधिकारियों ने हंगामा किया, फर्जी बिल भी पास करवाने का आरोप
संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। शहर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज के ऑडिट में साढ़े सात करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली है। इसको लेकर ही रविवार को पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें वर्ष 2013 से 2023 तक की ऑडिट रिपोर्ट का ब्योरा पेश करने के साथ ही हंगामा हो गया। वहां कई पदाधिकारियों के बीच नोकझोंक हुई और कॉलेज प्रबंध समिति के पदाधिकारियों व कर्मियों पर फर्जी बिल भी पास करवाने का आरोप लगाया।
शहर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज में ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद रविवार को बैठक बुलाई गई। इस बैठक में बागपत, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा हरियाणा व दिल्ली के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए। उनके सामने पूरी रिपोर्ट रखी गई तो उसमें साढ़े सात करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई। ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि विद्यार्थियों की फीस की रसीद तक गायब है।
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वर्ष 2019 में हुई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 45 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई। शहर के होटलों में 20 कमरे दिखाए गए, जबकि किसी भी होटल में पांच व छह से ज्यादा कमरे नहीं है और फर्जी बिल बनाकर रुपये निकाले गए हैं। आराेप है कि कई होटल में तो खिलाड़ी रुके तक नहीं है। वर्ष 2014 से 2018 तक नोएडा के लोगों ने काॅलेज परिसर में कमरे बनवाने के लिए तीन करोड़ रुपये दान दिए थे मगर उसका भी हिसाब नहीं है और जब हिसाब मांगा गया तो नहीं दिया गया। कई कर्मचारियों ने इसमें खेल किया है।
बैठक में गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद हंगामा शुरू हो गया है और कई पदाधिकारी व सदस्यों के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई। कई पदाधिकारी पर भी इसमें शामिल होने व पूर्व प्राचार्य के खाते में भी नौ लाख रुपये पहुंचने का कोई हिसाब आज तक नहीं देने का आरोप लगाया गया। हंगामा होने के बाद बैठक को निरस्त कर दिया गया है और जल्द ही अगली बैठक करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान राजेंद्र चौहान, सुरेंद्र चौहान, नीरज चौहान, श्रीनिवास चाौहान, अनिल चौहान, सुदेश चौहान आदि मौजूद रहे।
- दिसंबर में होंगे प्रबंध समिति के चुनाव, तब होगी जांच
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिसंबर में प्रबंध समिति के चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए विवि को पत्र लिखा जाएगा। पर्यवेक्षक नियुक्त होते ही चुनाव करा दिए जाएंगे। नए पदाधिकारी बनने के बाद जांच कराई जाएगी और उसमें साफ होगा कि करोड़ों की गड़बड़ी में कौन-कौन शामिल है।
- बागपत का सबसे पुराना है पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज
पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज कोई नया नहीं है, बल्कि यह बागपत जिला मुख्यालय का 40 साल पुराना कॉलेज है। एक समय में इसके अलावा केवल बड़ौत में कॉलेज थे। यहां से पढ़कर कई विद्यार्थी उच्च पदों पर पहुंचे हैं, इनमें जज, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
ऑडिट में ये मिली गड़बड़ी
- 10 वर्षों की बैलेंस सीट में 97,94,816 रुपये का ब्योरा कम मिला।
- प्राइवेट छात्रों की फीस जमा करने में 1,03,89,435 रुपये जमा करने का कोई साक्ष्य नहीं मिले।
- 10 वर्षों में छात्रों की संख्या व उनकी फीस में 3,88,79,250 रुपये का अंतर मिला।
- सदस्यता शुल्क में 4,63,900 रुपये कम मिले।
- कॉलेज में कक्ष निर्माण के लिए मिली दान की धनराशि में 1,53,94,800 रुपये का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला।
वर्जन
- ऑडिट की रिपोर्ट मिल गई है और सभी प्रश्नों का जवाब बनाया जा रहा है। सभी जवाब 15 दिन से एक माह में तैयार करके बैठक में दिए जाएंगे। कुछ मामले पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल के है, जो जानकारी में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। - राजेंद्र चौहान, प्रबंधक सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज
- प्रबंध समिति के दिसंबर में चुनाव होंगे और नई समिति बनेगी। वह समिति ही पूरे मामले की जांच करेगी। उससे ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। - श्रीनिवास चौहान, अध्यक्ष सम्राट पृथ्वीराज चौहान लॉ एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज