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Bahraich News: प्रतिमाह 80 थैलेसीमिया मरीजों को मिल रही नई जिंदगी
संवाद न्यूज एजेंसी, बहराइच
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:11 AM IST
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बहराइच। जिले के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में प्रतिमाह 80 थैलेसीमिया पीड़ितों को नियमित रूप से जीवनदायिनी रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है। इस सुविधा का लाभ न केवल बहराइच, बल्कि पड़ोसी जनपद श्रावस्ती, बलरामपुर और सीमा पार नेपाल के नेपालगंज से आने वाले मरीज भी उठा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने बताया कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीजों को जीवित रहने के लिए नियमित अंतराल पर रक्त चढ़ाना अनिवार्य होता है। संस्थान ने इन रोगियों की एक विस्तृत सूची तैयार की है, ताकि उनकी आवश्यकता के अनुसार समय पर रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. खत्री के अनुसार, इन 80 पंजीकृत मरीजों में अधिकांश संख्या बच्चों और युवाओं की है। समय पर रक्त मिलने से इन मरीजों के जीवन पर मंडराने वाला संकट दूर हो रहा है और उनका उपचार सुलभ हुआ है। मेडिकल कॉलेज की इस पहल से दूर-दराज के क्षेत्रों और पड़ोसी देशों से आने वाले मरीजों को भटकना नहीं पड़ता।
जानिए क्या है थैलेसीमिया
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण सामान्य से कम या दोषपूर्ण होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) में मौजूद वह महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों और ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।
जीन की जांच कराना जरूरी
प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने बताया कि थैलेसीमिया मेजर और माइनर दो तरह का होता है। परिवार में यदि कोई थैलेसीमिया रोगी है तो विवाह या बच्चे की योजना से पहले जीन जांच कराना जरूरी है।
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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने बताया कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीजों को जीवित रहने के लिए नियमित अंतराल पर रक्त चढ़ाना अनिवार्य होता है। संस्थान ने इन रोगियों की एक विस्तृत सूची तैयार की है, ताकि उनकी आवश्यकता के अनुसार समय पर रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
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डॉ. खत्री के अनुसार, इन 80 पंजीकृत मरीजों में अधिकांश संख्या बच्चों और युवाओं की है। समय पर रक्त मिलने से इन मरीजों के जीवन पर मंडराने वाला संकट दूर हो रहा है और उनका उपचार सुलभ हुआ है। मेडिकल कॉलेज की इस पहल से दूर-दराज के क्षेत्रों और पड़ोसी देशों से आने वाले मरीजों को भटकना नहीं पड़ता।
जानिए क्या है थैलेसीमिया
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण सामान्य से कम या दोषपूर्ण होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) में मौजूद वह महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों और ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।
जीन की जांच कराना जरूरी
प्राचार्य डॉ. संजय खत्री ने बताया कि थैलेसीमिया मेजर और माइनर दो तरह का होता है। परिवार में यदि कोई थैलेसीमिया रोगी है तो विवाह या बच्चे की योजना से पहले जीन जांच कराना जरूरी है।
