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Barabanki News: बसौगापुर गांव में भीषण आग, पांच घर जले, दो मवेशियों मरे
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बसोगापुर गांव में रविवार को लगी आग बुझाने की कोशिश करते ग्रामीण-संवाद
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टिकैतनगर। थाना क्षेत्र टिकैतनगर के बसौगापुर गांव में रविवार दोपहर अचानक लगी आग ने देखते ही देखते पांच मकानों को राख कर दिया। तेज लपटों और हवा के जोर ने पूरे गांव में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा कर दी। आग की चपेट में आए दो मवेशियों की जलकर मौत भी हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार आग की शुरुआत रामजस के घर से हुई। लोग बॉल्टियों में पानी लेकर दौड़े मगर हवा के तेज झोंकों ने आग को भड़का दिया। देखते ही देखते पड़ोस में बने देव नारायण, अंबर, इंदल और दिल बहादुर के घरों तक आग पहुंच गई। इन सभी के घरों में रखा अनाज, कपड़े, छोटे मोटे जेवर आदि जलकर पूरी तरह तबाह हो गए।
आग लगने की सूचना मिलते ही टिकैतनगर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर आग बुझाने में जुट गई। करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड भी गांव पहुंची, लेकिन तब तक पांचों परिवारों की सारी गृहस्थी जलकर नष्ट हो चुकी थी। रामजस के दो मवेशियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
सूचना पर पहुंचे राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके का निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया और संबंधित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत सामग्री और आर्थिक मदद उपलब्ध कराए।
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पानी से बचकर आए तो आग ने तबाह किए सपने
देव नारायण, अंबर, इंदल और दिल बहादुर मूल रूप से तेलवारी गांव के रहने वाले हैं। तेलवारी गांव बाढ़ प्रभावित माना जाता है। यहां केे सरकारी स्कूल में भी पानी भर जाता है। इसी से बचने के लिए कुछ साल पहले चारों परिवार सुरक्षित मसाने जाने वाले बसौगापुर गांव में आकर बस गए थे, लेकिन वहां पानी के डर से यहां बसे यह परिवार आग की त्रासदी के शिकार हो गए।
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ग्रामीणों के अनुसार आग की शुरुआत रामजस के घर से हुई। लोग बॉल्टियों में पानी लेकर दौड़े मगर हवा के तेज झोंकों ने आग को भड़का दिया। देखते ही देखते पड़ोस में बने देव नारायण, अंबर, इंदल और दिल बहादुर के घरों तक आग पहुंच गई। इन सभी के घरों में रखा अनाज, कपड़े, छोटे मोटे जेवर आदि जलकर पूरी तरह तबाह हो गए।
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आग लगने की सूचना मिलते ही टिकैतनगर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर आग बुझाने में जुट गई। करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड भी गांव पहुंची, लेकिन तब तक पांचों परिवारों की सारी गृहस्थी जलकर नष्ट हो चुकी थी। रामजस के दो मवेशियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
सूचना पर पहुंचे राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके का निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया और संबंधित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत सामग्री और आर्थिक मदद उपलब्ध कराए।
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पानी से बचकर आए तो आग ने तबाह किए सपने
देव नारायण, अंबर, इंदल और दिल बहादुर मूल रूप से तेलवारी गांव के रहने वाले हैं। तेलवारी गांव बाढ़ प्रभावित माना जाता है। यहां केे सरकारी स्कूल में भी पानी भर जाता है। इसी से बचने के लिए कुछ साल पहले चारों परिवार सुरक्षित मसाने जाने वाले बसौगापुर गांव में आकर बस गए थे, लेकिन वहां पानी के डर से यहां बसे यह परिवार आग की त्रासदी के शिकार हो गए।