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चिंताजनक है जिले में बच्चों की सेहत
Bareilly
Updated Fri, 12 Jul 2013 05:33 AM IST
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बरेली। कुपोषित बच्चों की संख्या में हुए इजाफे ने प्रशासन को भी हैरत में डाल दिया है। सर्वे में करीब 74 हजार बच्चों में कुपोषण के लक्षण पाए गए हैं। यह तस्वीर सामने आने पर अब बचाव की पहल शुरू की गई है। आंगनबाड़ी सेंटरों पर बाल पोषाहार वितरण उत्सव शुरू किए जा रहे हैं। बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए शिविर आयोजित हो रहे हैं। अति कुपोषित बच्चों के संरक्षण के लिए जनप्रतिनिधियों से भी गुजारिश की गई है।
अप्रैल में हुए सर्वे में चौंकाने वाली स्थिति सामने आई थी। जिले में करीब चार हजार बच्चे अति कुपोषित और 70 हजार बच्चे कुपोषित मिले थे। शेरगढ़, बिथरी, बहेड़ी और नवाबगंज ब्लाक क्षेत्र में ये संख्या अधिक पाई गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने इसे गंभीरता से लेकर अपने स्तर से पहल शुरू की है। गर्भवती और बच्चों को हर हाल में बाल पोषाहार दिलाने के लिए वितरण उत्सव शुरू कराया गया है। सभी 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों पर महीने में कम से कम एक शनिवार को बाल पोषाहार वितरण उत्सव करने को कहा गया है। इसमें विधायक, ब्लॉक प्रमुख, प्रधान या फिर उनकी उपलब्धता न होने पर गांव-मोहल्ले के मोअज्जिज लोगों को बुलाकर उनके सामने पोषाहार वितरण कराने के आदेश दिए गए हैं।
अति कुपोषित बच्चों के लिए स्पेशल कार्ड भी बनाए गए हैं। इस कार्ड में वजन के हिसाब से श्रेणी तय की जाएगी और उन्हें सामान्य बनाने तक प्रक्रिया जारी रहेगी। फतेहगंज पश्चिमी और फिर आलमगपुर के देवचरा में ये शिविर लगाए जा चुके हैं।
अति कुपोषण का आधार
-जन्म के वक्त शिशु का वजन दो किलो से कम होना
-एक साल की उम्र पर लड़के वजन सात किलो और लड़की का वजन छह किलो दो सौ ग्राम से कम होना
मीरगंज, आलमपुर, फरीदपुर, भुता और नवाबगंज ब्लाक क्षेत्रों में एक-एक उत्सव हो चुका है। पोषाहार को गंदगी से बचाने के लिए कागज के पैकेट में दिया जा रहा है। उत्सव में न आने वाले बच्चों को उनके घर तक पैकेट पहुंचाने को कहा गया है। इसकी भी क्रॉस चेकिंग होगी। निश्चित शनिवार के अलावा हर शनिवार को केंद्रों पर पैकेट वितरण होगा।
राजेश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी
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अप्रैल में हुए सर्वे में चौंकाने वाली स्थिति सामने आई थी। जिले में करीब चार हजार बच्चे अति कुपोषित और 70 हजार बच्चे कुपोषित मिले थे। शेरगढ़, बिथरी, बहेड़ी और नवाबगंज ब्लाक क्षेत्र में ये संख्या अधिक पाई गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने इसे गंभीरता से लेकर अपने स्तर से पहल शुरू की है। गर्भवती और बच्चों को हर हाल में बाल पोषाहार दिलाने के लिए वितरण उत्सव शुरू कराया गया है। सभी 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों पर महीने में कम से कम एक शनिवार को बाल पोषाहार वितरण उत्सव करने को कहा गया है। इसमें विधायक, ब्लॉक प्रमुख, प्रधान या फिर उनकी उपलब्धता न होने पर गांव-मोहल्ले के मोअज्जिज लोगों को बुलाकर उनके सामने पोषाहार वितरण कराने के आदेश दिए गए हैं।
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अति कुपोषित बच्चों के लिए स्पेशल कार्ड भी बनाए गए हैं। इस कार्ड में वजन के हिसाब से श्रेणी तय की जाएगी और उन्हें सामान्य बनाने तक प्रक्रिया जारी रहेगी। फतेहगंज पश्चिमी और फिर आलमगपुर के देवचरा में ये शिविर लगाए जा चुके हैं।
अति कुपोषण का आधार
-जन्म के वक्त शिशु का वजन दो किलो से कम होना
-एक साल की उम्र पर लड़के वजन सात किलो और लड़की का वजन छह किलो दो सौ ग्राम से कम होना
मीरगंज, आलमपुर, फरीदपुर, भुता और नवाबगंज ब्लाक क्षेत्रों में एक-एक उत्सव हो चुका है। पोषाहार को गंदगी से बचाने के लिए कागज के पैकेट में दिया जा रहा है। उत्सव में न आने वाले बच्चों को उनके घर तक पैकेट पहुंचाने को कहा गया है। इसकी भी क्रॉस चेकिंग होगी। निश्चित शनिवार के अलावा हर शनिवार को केंद्रों पर पैकेट वितरण होगा।
राजेश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी