Bareilly News: माफिया अशरफ के साले सद्दाम से भी जुड़ा था आरिफ का नाम, पुलिस नहीं कस पाई शिकंजा
बरेली में कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ को मौलाना तौकीर का करीबी बताया जाता है। बरेली जेल में बंद रहे माफिया अशरफ के साले सद्दाम के साथ भी आरिफ का नाम जुड़ा, लेकिन पुलिस उस पर शिकंजा नहीं कस पाई।
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बरेली में कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ पर पुलिस लगातार मेहरबान रही। शहर में बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा से उसके संबंधों को उजागर नहीं कर सकी। माफिया अशरफ के साले सद्दाम से भी आरिफ का नाम जुड़ा, लेकिन पुलिस उस पर शिकंजा नहीं कस पाई। बीडीए की टीम ने शनिवार को उसकी अवैध इमारतें ढहाईं तो पुलिस अफसर इस पर बयान देने से भी बचते रहे।
मोहम्मद आरिफ के खिलाफ पुलिस के रिकॉर्ड में काफी पुराने दो-तीन मुकदमे ही हैं। ये भी जमीन की खरीद-फरोख्त से संबंधित हैं। करीब ढाई साल तक प्रयागराज का माफिया अशरफ बरेली जेल में बंद रहा था। उन दिनों अशरफ के साले सद्दाम ने फाइक एन्क्लेव से सटे खुशबू एन्क्लेव में किराये का मकान लेकर बरेली में सिंडीकेट बनाया था।
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दो साल पहले सद्दाम का राज खुला तो चर्चा रही कि आरिफ ने ही उसे संरक्षण दिया था। सद्दाम के साथ कॉलोनी विकसित करने का आरोप भी आरिफ पर लगा था। हालांकि, पुलिस आज तक आरिफ और सद्दाम के जुड़ाव की तस्दीक कर उस पर शिकंजा नहीं कस पाई। सद्दाम व उसके गैंग पर कार्रवाई से आरिफ पूरी तरह बाहर रहा।
बवाल के बाद खंगाली गई थी आरिफ के बैंक खातों की डिटेल
इधर, 26 सितंबर को शहर में हुए बवाल को लेकर दस मुकदमे दर्ज किए गए। कुछ मामले बाद में दर्ज हुए तो वर्ष 2019 का एक मामला दोबारा विवेचना में शामिल हुआ। करीब 14 मुकदमों की विवेचना की जा रही है। बवाल के बाद चर्चा उड़ी कि आरिफ अक्सर मौलाना तौकीर की आर्थिक मदद करता था।
पुलिस अपनी जांच में इस बिंदु को भी उजागर नहीं कर सकी। सूत्र बताते हैं कि बरातघरों को बीडीए ने सील किया तो पुलिस ने भी आरिफ के बैंक खातों व मोबाइल की डिटेल खंगाली, पर कार्रवाई से परहेज करती रही। पुलिस आरिफ के खिलाफ दर्ज पुराने मामलों का हवाला देकर पल्ला झाड़ती रही।
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सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि आरिफ के खिलाफ पुराने मुकदमे हैं, लेकिन मौलाना तौकीर रजा से संबंधित मुकदमों में उसका नाम फिलहाल नहीं है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बीडीए ने की है, पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से मौके पर तैनात रही। बीडीए की टीम आगे भी कोई कार्रवाई करेगी तो पुलिस बल साथ रहेगा।
ढाई साल पहले ही बनी थी मार्केट
जगतपुर रोड पर आकाशपुरम गेट नंबर-1 के पास मोहम्मद आरिफ ने अवैध दो मंजिला बिल्डिंग खड़ी की थी। इसमें 16 दुकानें थीं। वहीं के निवासी बुजुर्ग कुतुबुद्दीन ने बताया कि यह मार्केट आरिफ के नाम से ही जानी जाती थी। आरिफ ने ढाई वर्ष पहले मार्केट बनाकर दुकानों को किराए पर उठाया था। मोहम्मद इलियास ने बताया कि उन्होंने देख लिया है कि समय बदलता है। ढाई साल पहले जब आरिफ यहां दुकान बनवा रहा था तो उसका रुतबा देखते ही बनता था, लेकिन आज समय बदला और उसकी दुकानों के साथ ही रसूख भी मिट्टी में मिल गया।