UP News: बोगस फर्म बनाकर की 10.77 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी, शाहजहांपुर में तीन आरोपी गिरफ्तार
शाहजहांपुर में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने बोगस फर्म बनाकर 10 करोड़ 77 लाख की जीएसटी चोरी कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाया है।
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शाहजहांपुर में पुलिस ने बोगस फर्म बनाकर दस करोड़ 77 लाख रुपये की जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी सोशल मीडिया पर लोन का झांसा देकर लोगों के कागजात हासिल कर कूटरचित रेंट एग्रीमेंट के माध्यम से बोगस फर्म बनाते थे। इसके बाद व्यापारियों से मिलकर उन्हें जीएसटी चोरी का लाभ पहुंचाते थे। बदले में कमीशन प्राप्त करते थे। मामले में कुछ बैंक कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस जीएसटी चोरी करने में शामिल व्यापारियों पर भी कार्रवाई करेगी।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि 28 मई 2025 को सहायक आयुक्त राज्य कर भावना चंद्रा ने रोजा थाने में फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी कर राजस्व क्षति पहुंचाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। केस के खुलासे के लिए एसपी सिटी की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया था। केस की विवेचना प्रभारी गैंगस्टर सेल निरीक्षक वीरेंद्र सिंह कर रहे थे।
शुक्रवार को एसओजी, सर्विलांस सेल व पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि जीएसटी की चोरी करने वाले गैंग के सदस्य अपने वकील से मिलने के लिए लखनऊ की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने सुबह करीब 06:45 बजे काले रंग की एसयूवी कार को अटसलिया पुल के पास घेराबंदी कर रोक लिया। कार में भारी मात्रा में कूटरचित प्रपत्र, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, प्रपत्र तैयार करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले उपकरण टेबलेट, सीपीयू, हार्डडिस्क, पेन ड्राइव, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन बरामद हुए।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस ने कार में सवार नई दिल्ली के रोहिणी के सेक्टर 11 के व्हाइट हाउस अपार्टमेंट में रहने वाले गौरव यादव, नई दिल्ली के समयपुर बादली के निवासी दीपक और प्रयागराज के थाना नवाबगंज क्षेत्र के रहने वाले सिद्धार्थ पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने बताया कि वे लोगों को लोन दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन निकालते थे। इसके बाद उन लोगों से उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल प्राप्त कर फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार कर बोगस जीएसटी फर्म तैयार करते थे।
फर्म के नाम से बैंक अकाउंट खुलवाकर व्यापारियों को जीएसटी चोरी करके आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ पहुंचाते थे। इसके बदले में पांच से 20 प्रतिशत तक कमीशन हासिल करते थे। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने अब तक दस करोड़ 77 लाख रुपये की जीएसटी चोरी किए जाने की बात कबूल की है।