Bareilly News: बच्चों पर भारी पड़ रही सर्दी, कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे मासूम; ऐसे रखें सेहत का ख्याल
बरेली में सर्दी का प्रकोप बढ़ने लगा है। इस मौसम में मासूम बच्चे निमोनिया और कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल में कई बच्चों का उपचार चल रहा है।
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बरेली में सर्दी की दस्तक से अस्पतालों में बीमार बच्चों की कतार बढ़ने लगी है। जिला अस्पताल में 12 बच्चे भर्ती हैं। सभी निमोनिया और कोल्ड डायरिया की चपेट में हैं। गंभीर हालत में बुधवार को अस्पताल आए दो अन्य बच्चों को भी भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। विशेषज्ञ ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चों की मालिश करने और जड़ी-बूटी वाला दूध पिलाने का सुझाव दिया है।
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. करमेंद्र के मुताबिक, बुधवार को ओपीडी में 128 बच्चे इलाज के लिए आए। इनमें से ज्यादातर में बुखार, सर्दी-जुकाम और निमोनिया के लक्षण मिले। पुराना शहर निवासी बिलाल का बेटा कोल्ड डायरिया की चपेट में रहा। उसे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया है। दो दिन पहले भी पुराना शहर के डायरिया पीड़ित बच्चे को भर्ती किया गया था। इलाज के बाद दोनों बच्चों की सेहत में सुधार हुआ है।
डॉ. करमेंद्र ने बताया कि ठंड में बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए धूप निकलने पर भी हल्के गर्म कपड़े पहनाएं। नंगे पांव फर्श पर न टहलने दें। रात में पंखे न चलाएं। रजाई ओढ़ाते रहें। बुखार हो तो पैरासिटामॉल दे सकते हैं। 24 घंटे बाद भी राहत न मिले तो डॉक्टर को दिखाएं।
पिलाएं हल्दी वाला दूध, तुलसी, दालचीनी, लौंग भी मिलाएं
आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की चिकित्सक डॉ. बिंदिया सक्सेना के मुताबिक, सर्दियों में बच्चों के दूध में हल्दी, तुलसी, दालचीनी, लौंग मिलाएं। बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के दूध में भी हल्की हल्दी मिलाई जा सकती है। इससे कफ की आशंका नहीं रहती। शरीर भीतर से गर्म होने पर ठंड का असर भी कम होता है।
काढ़ा, गिलोय, स्वर्णप्राशन, मालिश लाभकारी
डॉ. बिंदिया के मुताबिक, बच्चों के सर्दी की चपेट में आने पर काढ़ा और गिलोय पिला सकते हैं। सीने में जकड़न होने पर घी और सेंधा नमक की मालिश करनी चाहिए। इससे बलगम निकल जाता है। बच्चों को पुष्य नक्षत्र में स्वर्णप्राशन जरूर कराना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बच्चों का दिमाग भी तेज होता है। आयुर्वेदिक तेल से मालिश करने से बच्चों की हड्डी मजबूत होती है।