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आरटीई : अपार आईडी के बिना नहीं मिलेगी शुल्क प्रतिपूर्ति
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ज्ञानपुर। जिले के निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रवेश पाने वाले बच्चों की अपार आईडी बनाई जाएगी। उनका रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज करना होगा। रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं होने पर विद्यालय को शुल्क प्रतिपूर्ति और अभिभावकों को अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। अपार आईडी बनाने के लिए निदेशक शिक्षा ने सभी बीएसए को पत्र जारी किया है।
आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के पठन-पाठन के लिए आरक्षित है। साल 2025-26 में चार चरणों की प्रवेश प्रक्रिया में जिले के अलग-अलग शिक्षा क्षेत्रों के ढाई हजार से अधिक बच्चों को प्रवेश दिया गया है। अपार आईडी बनाने का काम वैसे तो एक साल से चल रहा है, लेकिन अब भी कई विद्यालयों की ओर से उदासीनता बरती जा रही है। इसको देखते हुए निदेशालय ने इस पर सख्ती शुरू की है। पत्र जारी कर कहा कि जिन स्कूलों ने आरटीई से प्रवेश पाने वाले बच्चों की अपार आईडी नहीं बनवाई है उनकी शुल्क प्रतिपूर्ति रोक दी जाएगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों से समन्वय स्थापित करते हुए शत-प्रतिशत बच्चों की आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
बिना अपार आईडी के किसी भी विद्यालय को शुल्क प्रतिपूर्ति या अभिभावक को सहायता धनराशि नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर लाभ से वंचित हो सकते हैं। - शिवम पांडेय, बीएसए।
आवेदन के लिए असमंजस में अभिभावक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए अभिभावक अभी असमंजश में हैं। पिछले साल एक दिसंबर से पहले चरण का आवेदन शुरू हो गया था, लेकिन इस साल अभी तक आवेदन के लिए कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। विलंब होने से प्रवेश प्रक्रिया मई-जून तक पहुंच सकती है। इससे नए शिक्षा सत्र यानि अप्रैल में बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पाएंगे।
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आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के पठन-पाठन के लिए आरक्षित है। साल 2025-26 में चार चरणों की प्रवेश प्रक्रिया में जिले के अलग-अलग शिक्षा क्षेत्रों के ढाई हजार से अधिक बच्चों को प्रवेश दिया गया है। अपार आईडी बनाने का काम वैसे तो एक साल से चल रहा है, लेकिन अब भी कई विद्यालयों की ओर से उदासीनता बरती जा रही है। इसको देखते हुए निदेशालय ने इस पर सख्ती शुरू की है। पत्र जारी कर कहा कि जिन स्कूलों ने आरटीई से प्रवेश पाने वाले बच्चों की अपार आईडी नहीं बनवाई है उनकी शुल्क प्रतिपूर्ति रोक दी जाएगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों से समन्वय स्थापित करते हुए शत-प्रतिशत बच्चों की आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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बिना अपार आईडी के किसी भी विद्यालय को शुल्क प्रतिपूर्ति या अभिभावक को सहायता धनराशि नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर लाभ से वंचित हो सकते हैं। - शिवम पांडेय, बीएसए।
आवेदन के लिए असमंजस में अभिभावक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए अभिभावक अभी असमंजश में हैं। पिछले साल एक दिसंबर से पहले चरण का आवेदन शुरू हो गया था, लेकिन इस साल अभी तक आवेदन के लिए कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। विलंब होने से प्रवेश प्रक्रिया मई-जून तक पहुंच सकती है। इससे नए शिक्षा सत्र यानि अप्रैल में बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पाएंगे।
