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पुण्यकर्मों से इस जीवन को सींचता है, वह सनातन ब्रह्म परमेश्वर ऐसे मनुष्य को प्यार करता है : बाबा फुलसंदे वाले
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:13 AM IST
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नहटौर के फुलसंदा आश्रम में सतसंग में प्रवचन करते बाबा फुलसंदे बाले। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
नहटौर। गुरुगद्दी दरबार फुलसंदा आश्रम में रविवार को आयोजित सत्संग में बाबा फुलसंदे वालों ने कहा कि जो मनुष्य प्रतिदिन परमात्मा की स्तुति करता है और निरंतर सनातन ज्योति को अपनी अंतरात्मा में देखता है, उसका जीवन रथ हमेशा परमेश्वर की ओर बढ़ता रहता है।
बाबा ने कहा कि जो व्यक्ति दान आदि पुण्य कर्मों से इस जीवन को सींचता है, वह सनातन ब्रह्म परमेश्वर ऐसे मनुष्य को प्यार करता है। कहा कि मनुष्य को हमेशा परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु अपनी भक्ति से हमारी आत्मा को इतना अधिक प्रकाशमान कर दे कि हम दुखी लोगों के दुख को दूर कर सकें।
आत्मा को इतना पावन कर दे कि जो भी हमारे निकट आए, वह हमें स्पर्श करके पवन हो जाए। हम तेरे नाम का सुमिरन करते हुए असंख्य जीव आत्माओं को साथ लेकर भवसागर पार करते हुए तेरे समक्ष पहुंच सकें। हमारा जीवन तेरे तेज तेजस्वी बना रहे और हम आजीवन तेरा गुणगान करते हुए प्राणी मात्र के कल्याण में लग रहें। सत्संग में बड़ी मात्रा में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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नहटौर। गुरुगद्दी दरबार फुलसंदा आश्रम में रविवार को आयोजित सत्संग में बाबा फुलसंदे वालों ने कहा कि जो मनुष्य प्रतिदिन परमात्मा की स्तुति करता है और निरंतर सनातन ज्योति को अपनी अंतरात्मा में देखता है, उसका जीवन रथ हमेशा परमेश्वर की ओर बढ़ता रहता है।
बाबा ने कहा कि जो व्यक्ति दान आदि पुण्य कर्मों से इस जीवन को सींचता है, वह सनातन ब्रह्म परमेश्वर ऐसे मनुष्य को प्यार करता है। कहा कि मनुष्य को हमेशा परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु अपनी भक्ति से हमारी आत्मा को इतना अधिक प्रकाशमान कर दे कि हम दुखी लोगों के दुख को दूर कर सकें।
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आत्मा को इतना पावन कर दे कि जो भी हमारे निकट आए, वह हमें स्पर्श करके पवन हो जाए। हम तेरे नाम का सुमिरन करते हुए असंख्य जीव आत्माओं को साथ लेकर भवसागर पार करते हुए तेरे समक्ष पहुंच सकें। हमारा जीवन तेरे तेज तेजस्वी बना रहे और हम आजीवन तेरा गुणगान करते हुए प्राणी मात्र के कल्याण में लग रहें। सत्संग में बड़ी मात्रा में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

नहटौर के फुलसंदा आश्रम में सतसंग में प्रवचन करते बाबा फुलसंदे बाले। संवाद