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Bijnor News: पत्नी डॉ. नीतू तेवतिया के नाम से पंजीकृत है नर्सिंग होम
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:24 AM IST
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बिजनौर। चांदपुर का नवजीवन नर्सिंग होम डॉ. नीतू तेवतिया के नाम से पंजीकृत है। मुजफ्फरनगर सीएमओ की पत्नी नीतू प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। यहीं सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया प्रैक्टिस करते मिले। निरीक्षण में डॉक्टर ने कहा कि वह अपनी पत्नी से मिलने यहां आए थे। डॉ. नीतू ने भी महिला आयोग की सदस्य से इस बात की पुष्टि की।
जिले में सरकारी डॉक्टर का निजी प्रैक्टिस करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी लगातार सरकारी डॉक्टरों की प्रैक्टिस करने की शिकायत हुई थी। पूर्व में मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में तैनात रहे बिजनौर के एक डॉक्टर पर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के आरोप लगे थे। शिकायत के बाद जांच भी हुई थी। इसके अलावा जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक भी निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस कर रहे हैं। सरकारी नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी प्रैक्टिस नहीं करने वाले सरकारी डॉक्टरों को गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता (एनपीए) दिया जाता है। जो निजी प्रैक्टिस के बदले में मूल वेतन का 20 प्रतिशत होता है। ताकि उन्हें निजी प्रैक्टिस करने से रोका जा सके। एनपीए केवल उन सरकारी डॉक्टरों को मिलता है जो पूरी तरह से अपनी ड्यूटी करते हैं और कोई भी निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं।
मुजफ्फरनगर सीएमओ डाॅ. सुनील तेवतिया का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। वह अपने घर पत्नी से मिलने आए हैं। कोई प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे। महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन के बेटे के घुटने का मुजफ्फरनगर में मुकेश जैन के यहां ऑपरेशन हुआ था। वहां काउंटर साइन नहीं करने पर वह ब्लैकमेल कर रही हैं। उनको परेशान किया जा रहा है।
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जिले में सरकारी डॉक्टर का निजी प्रैक्टिस करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी लगातार सरकारी डॉक्टरों की प्रैक्टिस करने की शिकायत हुई थी। पूर्व में मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में तैनात रहे बिजनौर के एक डॉक्टर पर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के आरोप लगे थे। शिकायत के बाद जांच भी हुई थी। इसके अलावा जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक भी निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस कर रहे हैं। सरकारी नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी प्रैक्टिस नहीं करने वाले सरकारी डॉक्टरों को गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता (एनपीए) दिया जाता है। जो निजी प्रैक्टिस के बदले में मूल वेतन का 20 प्रतिशत होता है। ताकि उन्हें निजी प्रैक्टिस करने से रोका जा सके। एनपीए केवल उन सरकारी डॉक्टरों को मिलता है जो पूरी तरह से अपनी ड्यूटी करते हैं और कोई भी निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं।
मुजफ्फरनगर सीएमओ डाॅ. सुनील तेवतिया का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। वह अपने घर पत्नी से मिलने आए हैं। कोई प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे। महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन के बेटे के घुटने का मुजफ्फरनगर में मुकेश जैन के यहां ऑपरेशन हुआ था। वहां काउंटर साइन नहीं करने पर वह ब्लैकमेल कर रही हैं। उनको परेशान किया जा रहा है।