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Budaun News: बदायूं में छुट्टा पशुओं का विरोध,..जगह-जगह प्रदर्शन
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बदायूं/म्याऊं। जिले में छुट्टा पशुओं का विरोध तेज हो गया है। जगह-जगह धरना प्रदर्शन चल रहे हैं। ग्रामीण अब छुट्टा पशुओं से निजात पाना चाहते हैं। मंगलवार को म्याऊं और मुजरिया थाने के बाहर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया तो वही लिलवां गांव में छुट्टा पशुओं को सरकारी स्कूल में बंद कर दिया गया।
म्याऊं में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन ने ब्लॉक पर धरना प्रदर्शन किया। भाकियू कार्यकर्ताओं ने कहा कि छुट्टा पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है। उनका दिन रात का सुख चैन छीन गया है। उनका अधिकतर समय खेतों पर बीत रहा है जिससे वे दूसरा कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इस दौरान ब्लॉक पर पुलिस बल तैनात रहा। बमुश्किल किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया गया। किसानों ने छुट्टा पशुओं के न पकड़े जाने पर बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
उसावां। थाना क्षेत्र के गांव लिलवां में मंगलवार को गुस्साए ग्रामीणों ने छुट्टा पशुओं को प्राथमिक स्कूल में बंद कर दिया। गनीमत रही कि इस समय स्कूलों की छुट्टी चल रही है जिससे स्कूल में बच्चे नहीं थे। किसानों ने बताया कि वह लंबे समय से छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। शिकायतें कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। बाद में इसकी सूचना पर पहुंचे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। देर शाम तक पशुओं को स्कूल से नहीं छोड़ा गया।
ट्रैक्टर-ट्रॉली में थाने पहुंचे किसान
मुजरिया। मंगलवार को थाना क्षेत्र के गांव पालपुर, नरसेना, पाठक नगला समेत कई गांव के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि छुट्टा पशुओं से उनकी फसलें बर्बाद हो गई है। तमाम लोगों ने दूध देने के बाद अपने पशुओं को खुला छोड़ दिया है, जिससे दूसरे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जब अधिकारी कार्रवाई करने की बात करते हैं, तो ग्रामीण अपने पशुओं को बांध लेते हैं और लापरवाही करते हैं तो वह पशुओं को खोल देते हैं। इससे गरीब तबके के किसान बेहद नुकसान उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो वह डीएम कार्यालय जाकर इसकी शिकायत करेंगे। संवाद
छुट्टा पशुओं की आड़ में फसलें चरा रहे लोग
दहगवां। ब्लॉक क्षेत्र के गांव बस्तोई सीकरी के ग्रामीणों ने मंगलवार को थाना पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के तमाम लोग छुट्टा पशुओं की आड़ में अपने पशुओं से फसलें चरा रहे हैं। वह अपने पशुओं को दिन और रात में खोल देते हैं, जिससे पशु उनकी फसलों को चर लेते हैं जबकि ग्रामीण इस भ्रम में रहते हैं कि उनकी फसलों को छुट्टा पशु चर गए। ग्रामीणों ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। संवाद
आरोप- पशु पकड़े नहीं, डीएम को दे दी आख्या
मूसाझाग। विकास खंड जगत की ग्राम पंचायत बसैयाखेड़ा के गांव बेला निवासी रजनेश, उमेश सिंह व सर्वेश सिंह ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर गांव मे घूम रहे दर्जनों छुट्टा पशुओं द्वारा नष्ट की जा रही फसल के बारे में शिकायत करते हुए पशु पकड़वाने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव ने बिना पशु पकड़वाए ही डीएम को आख्या दे दी कि गांव मे एक भी आवारा गोवंशीय पशु नहीं है। जो पशु हैं, वे ग्रामीणों द्वारा छोड़े गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पंचायत सचिव ने झूठी जांच आख्या दी है। संवाद
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म्याऊं में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन ने ब्लॉक पर धरना प्रदर्शन किया। भाकियू कार्यकर्ताओं ने कहा कि छुट्टा पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है। उनका दिन रात का सुख चैन छीन गया है। उनका अधिकतर समय खेतों पर बीत रहा है जिससे वे दूसरा कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इस दौरान ब्लॉक पर पुलिस बल तैनात रहा। बमुश्किल किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया गया। किसानों ने छुट्टा पशुओं के न पकड़े जाने पर बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
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उसावां। थाना क्षेत्र के गांव लिलवां में मंगलवार को गुस्साए ग्रामीणों ने छुट्टा पशुओं को प्राथमिक स्कूल में बंद कर दिया। गनीमत रही कि इस समय स्कूलों की छुट्टी चल रही है जिससे स्कूल में बच्चे नहीं थे। किसानों ने बताया कि वह लंबे समय से छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। शिकायतें कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। बाद में इसकी सूचना पर पहुंचे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। देर शाम तक पशुओं को स्कूल से नहीं छोड़ा गया।
ट्रैक्टर-ट्रॉली में थाने पहुंचे किसान
मुजरिया। मंगलवार को थाना क्षेत्र के गांव पालपुर, नरसेना, पाठक नगला समेत कई गांव के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि छुट्टा पशुओं से उनकी फसलें बर्बाद हो गई है। तमाम लोगों ने दूध देने के बाद अपने पशुओं को खुला छोड़ दिया है, जिससे दूसरे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जब अधिकारी कार्रवाई करने की बात करते हैं, तो ग्रामीण अपने पशुओं को बांध लेते हैं और लापरवाही करते हैं तो वह पशुओं को खोल देते हैं। इससे गरीब तबके के किसान बेहद नुकसान उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो वह डीएम कार्यालय जाकर इसकी शिकायत करेंगे। संवाद
छुट्टा पशुओं की आड़ में फसलें चरा रहे लोग
दहगवां। ब्लॉक क्षेत्र के गांव बस्तोई सीकरी के ग्रामीणों ने मंगलवार को थाना पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के तमाम लोग छुट्टा पशुओं की आड़ में अपने पशुओं से फसलें चरा रहे हैं। वह अपने पशुओं को दिन और रात में खोल देते हैं, जिससे पशु उनकी फसलों को चर लेते हैं जबकि ग्रामीण इस भ्रम में रहते हैं कि उनकी फसलों को छुट्टा पशु चर गए। ग्रामीणों ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। संवाद
आरोप- पशु पकड़े नहीं, डीएम को दे दी आख्या
मूसाझाग। विकास खंड जगत की ग्राम पंचायत बसैयाखेड़ा के गांव बेला निवासी रजनेश, उमेश सिंह व सर्वेश सिंह ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर गांव मे घूम रहे दर्जनों छुट्टा पशुओं द्वारा नष्ट की जा रही फसल के बारे में शिकायत करते हुए पशु पकड़वाने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव ने बिना पशु पकड़वाए ही डीएम को आख्या दे दी कि गांव मे एक भी आवारा गोवंशीय पशु नहीं है। जो पशु हैं, वे ग्रामीणों द्वारा छोड़े गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पंचायत सचिव ने झूठी जांच आख्या दी है। संवाद