सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Budaun News ›   Outsourced workers at the medical college have not received their salaries for six months in budaun

Budaun News: मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग कर्मियों को छह माह से नहीं मिला वेतन, हड़ताल कर जताया विरोध

संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं Published by: मुकेश कुमार Updated Wed, 10 Dec 2025 07:00 PM IST
सार

बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग कर्मचारी बुधवार को धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें छह माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। 
 

विज्ञापन
Outsourced workers at the medical college have not received their salaries for six months in budaun
आधे दिन तक हड़ताल पर रहे कर्मचारी - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात 250 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पिछले छह महीने से मानदेय नहीं मिला है। इससे आक्रोशित स्टाफ बुधवार सुबह ओपीडी के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर हड़ताल पर बैठ गया। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राचार्य के आश्वासन पर अपराह्न करीब दो बजे सभी कर्मचारी काम पर लौट गए। इसके बाद ओपीडी और अन्य सेवाएं बहाल हो गईं।

Trending Videos


उझानी रोड पर गुनौरा वाजिदपुर के पास बने राजकीय मेडिकल कॉलेज में इस वक्त 250 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले छह माह से मानदेय नहीं मिला है। इसकी वजह से इनके आगे आर्थिक संकट गहरा गया है। स्टाफ ने कई बार अधिकारियों से वेतन दिलाने की मांग की, लेकिन नहीं मिल पाया। आरोप है कि ठेकेदार भी इस ओर कोई ध्यान ही दे रहा।
विज्ञापन
विज्ञापन


इसको लेकर स्टाफ ने पिछले दिनों प्राचार्य को पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर 25 नवंबर तक वेतन नहीं मिला तो 10 दिसंबर से कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान जो भी परेशानी मरीजों को होगी, उसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी। बुधवार सुबह आठ बजे से स्टाफ ने हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान स्टाफ ने ओपीडी के मुख्य गेट का ताला लगा दिया। इस वजह से मरीज भी ओपीडी के बाहर ही भटकते नजर आए।

हड़ताल की वजह से भर्ती मरीजों को भी हुई परेशानी
संविदा कर्मियों की हड़ताल के बारे में कॉलेज के पूरे स्टाफ को जानकारी थी। इसके चलते मेडिकल कॉलेज में शाम की शिफ्ट में काम करने वाला स्टाफ भी सुबह ही अस्पताल में पहुंच गया। सुबह आठ बजे ड्यूटी की शिफ्ट बदलते ही पूरा स्टाफ तय जगह पर पहुंच गया। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को हुई, क्योंकि आठ बजे के बाद उनकी देखरेख करने वाला कोई भी नर्सिंग स्टाफ वार्ड में तैनात नहीं था। ऐसे में आनन-फानन में जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी वार्ड में लगाई गई।

अपराह्न बाद काम पर लौटे संविदा कर्मी, तब शुरू हुई ओपीडी
पैरामेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर रहने की वजह से दवा काउंटर पर भी सन्नाटा पसरा रहा। अपराह्न करीब दो बजे के बाद खत्म हुई हड़ताल के बाद में ओपीडी खोली गई। इसके बाद डॉक्टर अपने-अपने कक्षों में बैठे और मरीजों को देखना शुरू किया। हड़ताल की वजह से काफी संख्या में मरीज घर भी लौट गए।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण कुमार ने कहा कि आउटसोर्सिंग के 250 कर्मचारियों को पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों से लेकर ठेकेदार से भी बात की गई है। जल्द ही स्टाफ को मानदेय मिल जाएगा। अपराह्न बाद से सभी कर्मियों के काम पर लौटने से स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो गईं। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed