{"_id":"69459dcccad62de2f80fabd4","slug":"the-film-festival-showcased-a-wonderful-confluence-of-art-culture-and-cinema-chitrakoot-news-c-215-1-sknp1043-124628-2025-12-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chitrakoot News: फिल्म फेस्टिवल में कला, संस्कृति और सिनेमा का दिखा अद्भुत संगम","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chitrakoot News: फिल्म फेस्टिवल में कला, संस्कृति और सिनेमा का दिखा अद्भुत संगम
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:17 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
चित्रकूट। खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल के तीसरे दिन कला, संस्कृति और सिनेमा का अद्भुत संगम देखने को मिला। दिनभर चले विविध कार्यक्रमों ने दर्शकों और फिल्म प्रेमियों को लोक-संस्कृति से लेकर समकालीन सिनेमा तक की समृद्ध यात्रा कराई।
कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई, जिसमें पंडवानी गायन, नृत्य, बुंदेली लोकगीत, फोक डांस और बॉलीवुड डांस की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। विशेष आकर्षण के रूप में अभिनेता-गायक वेद थापर ने अपने सुमधुर गीतों से समा बांधा, जिसे श्रोताओं ने सराहा। इस दौरान साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्यकार सुबोध सिन्हा, गौरव शर्मा व अभिनेता वेद थापर को सिने गौरव सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान समारोह रचनात्मक योगदान को मान्यता देने का सशक्त मंच बना।
कार्यक्रम में बुंदेली फिल्म मीठा में किन्नर की पीड़ा व झोपड़ी में गरीब महिला के दर्द ने दर्शकों को द्रवित किया। रीजनल शॉर्ट और डॉक्यूमेंट्री फिल्में टपरा टाकीज में दिखाई जा रही हैं। एक दिन में 15 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। शुक्रवार को बुंदेली फिल्म मीठा ने दर्शकों को प्रभावित किया। इसमें एक किन्नर के दर्द को प्रदर्शित किया गया है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ी फिल्म झोपड़ी दिखाई गई। मीठा फिल्म का निर्माण, निर्देशन उरई उप्र के प्रदीप कुमार ने किया है।
फिल्म की कहानी एक किन्नर बच्चे के जन्म से शुरू होती है। किन्नर बच्चे का जन्म होने पर सबसे पहले परिवार के सदस्य ही उसका तिरस्कार करके प्रताड़ित करते हैं। परिवार के बाद समाज का हर वर्ग प्रताड़ित और शोषित करता है। इस मार्मिक कहानी ने दर्शकों प्रभावित किया। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के निर्माता निर्देशक हेमंत पटेल की फिल्म झोपड़ी भी दर्शकों और समीक्षकों के बीच छाप छोड़ने में सफल रही।
-- -- -- -- -- -- -- इनसेट
स्कूल के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
चित्रकूट। समारोह की तीसरी शाम स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुई। बच्चों ने लोक गीत का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही लोकनृत्य गरबा और फिल्मों गानों पर भी प्रस्तुतियों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम आयोजक फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला, अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी, फेस्टिवल के यूपी प्रभारी अजीत सिंह, आश्रय सिंह,जगमोहन जोशी, आरिफ शहडोली, विराज तिवारी, डा. नागेंद्र विद्यार्थी, सोनू ठाकुर समेत टीम से जुड़े लोग और हजारों दर्शक मौजूद रहे।
Trending Videos
कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई, जिसमें पंडवानी गायन, नृत्य, बुंदेली लोकगीत, फोक डांस और बॉलीवुड डांस की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। विशेष आकर्षण के रूप में अभिनेता-गायक वेद थापर ने अपने सुमधुर गीतों से समा बांधा, जिसे श्रोताओं ने सराहा। इस दौरान साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्यकार सुबोध सिन्हा, गौरव शर्मा व अभिनेता वेद थापर को सिने गौरव सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान समारोह रचनात्मक योगदान को मान्यता देने का सशक्त मंच बना।
विज्ञापन
विज्ञापन
कार्यक्रम में बुंदेली फिल्म मीठा में किन्नर की पीड़ा व झोपड़ी में गरीब महिला के दर्द ने दर्शकों को द्रवित किया। रीजनल शॉर्ट और डॉक्यूमेंट्री फिल्में टपरा टाकीज में दिखाई जा रही हैं। एक दिन में 15 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। शुक्रवार को बुंदेली फिल्म मीठा ने दर्शकों को प्रभावित किया। इसमें एक किन्नर के दर्द को प्रदर्शित किया गया है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ी फिल्म झोपड़ी दिखाई गई। मीठा फिल्म का निर्माण, निर्देशन उरई उप्र के प्रदीप कुमार ने किया है।
फिल्म की कहानी एक किन्नर बच्चे के जन्म से शुरू होती है। किन्नर बच्चे का जन्म होने पर सबसे पहले परिवार के सदस्य ही उसका तिरस्कार करके प्रताड़ित करते हैं। परिवार के बाद समाज का हर वर्ग प्रताड़ित और शोषित करता है। इस मार्मिक कहानी ने दर्शकों प्रभावित किया। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के निर्माता निर्देशक हेमंत पटेल की फिल्म झोपड़ी भी दर्शकों और समीक्षकों के बीच छाप छोड़ने में सफल रही।
स्कूल के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
चित्रकूट। समारोह की तीसरी शाम स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुई। बच्चों ने लोक गीत का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही लोकनृत्य गरबा और फिल्मों गानों पर भी प्रस्तुतियों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम आयोजक फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला, अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी, फेस्टिवल के यूपी प्रभारी अजीत सिंह, आश्रय सिंह,जगमोहन जोशी, आरिफ शहडोली, विराज तिवारी, डा. नागेंद्र विद्यार्थी, सोनू ठाकुर समेत टीम से जुड़े लोग और हजारों दर्शक मौजूद रहे।
