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Chitrakoot News: धर्मनगरी में थम गया विकास का पहिया, उम्मीदों को झटा

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Fri, 26 Dec 2025 12:02 AM IST
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The wheel of development has stopped in the holy city, dashing hopes.
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ईयर एंडर- विकास
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दस साल से ओवरब्रिज बनने की राह ताक रहे लोग, आठ साल में एक बाईपास तक नहीं
रानीपुर टाइगर रिजर्व व स्काई ग्लास ब्रिज के साथ हवाई अड्डा भी शुरू हुआ लेकिन आज सब बंद
फोटो नंबर- 8, 9 , 10 व 11
संवाद न्यूज एजेंसी
चित्रकूट। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कई बार धर्मनगरी में आकर विकास को गति देने की बात कर चुके हैं लेकिन सच्चाई यह है कि आठ साल से एक बाई पास मार्ग तक नहीं बन सका। रानीपुर टाइगर रिजर्व व स्काई ग्लास ब्रिज के साथ हवाई अड्डा भी संचालित हुआ लेकिन आज सब बंद हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेवे से साढ़े 15 किलोमीटर चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस निर्माण का काम तीन साल से काम शुरु ही नहीं हो पाया। इसे प्रयागराज व मप्र से जोड़ने की बात तो दूर की है।
झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में दस साल से रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बन रहा है जो अभी तक एक चौथाई भी नहीं बना। मुख्यालय से खोह गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर दस साल से ओवरब्रिज बन रहा है। अधिकारी कहते हैं नई डिजाइन से ओवरब्रिज बनाने की अनुमति मिल गई है। ओवर ब्रिजबनाने के लिए जो बाधाएं थी वह सभी दूर हो गई हैं। पहले यह ब्रिज 22 करोड़ से बनना था। अब 31 करोड़ से बनाया जाएगा। ओवरब्रिज की लंबाई 89.7 मीटर है। चौड़ाई 15.40 मीटर चौड़ा रहेगा। निर्माण कार्य के लिए कंपनी सीएनडीएस को ठेका दिया गया गया है। अभी भी काम अटका है।
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सड़कों की हालत तो यह है कि हाईवे को छोड़कर अन्य संपर्क मार्गों की मरम्मत में दस करोड़ से अधिक खर्च हो चुका लेकिन एक दिन की बारिश होने पर इनकी पोल खुल जाती है। जिले मेें पांच बड़े पुल तो बने लेकिन अंग्रेजों के जमाने वाले मंदाकिनी पुल की मरम्मत तक नहीं कराई जाती। अब नया पुल बनाने का काम शुरु हुआ है। आज भी सेमरदहा के खांच का पुरवा के बच्चे व निवासी छोटे से पुल के लिए तरस रहे हैं। एक नाले पर पुल न बनने से जुगाड़ से खतरा उठाकर लोग आवागमन करते हैं।
15 किमी किलोमीटर लेन लिंक एक्सप्रेसवे अधूरा
भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्रक्रिया कई साल से शुरु है। जो करीब साढे़ 15 किमी लंबा व 115 मीटर चौड़ा व फोर लेन होगा। इसकी लागत 228 करोड़ है। कार्यदायी संस्था यूपीडा को सौ करोड़ रुपये भी दिए जा चुके हैं। इसके भूमि अधिग्रहण का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। दिसंबर माह में निर्माण कार्य शुरु होना था लेकिन अभी तक कोई कार्य शुरु नहीं हो सका। लिंक एक्सप्रेसवे के लिए कुल 16.55 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें से करीब 12 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। जिसमें 153 हेक्टेयर किसानों से जमीन क्रय करनी है। जिसमें से 90 प्रतिशत भूमि किसानों की सहमति पर यूपीडा के पक्ष में बैनामा हो चुका है।आगे चलकर इसको देवांगना हवाई पट्टी से भी जोड़ा जा सकता है।
मंदाकिनी नदी पर 112 मी लंबा व 18 मी चौड़ा पुल का काम मंद
मंदाकिनी नदी पर बने सकरे पुल के बगल में 112 मीटर लंबा व 18 मीटर चौड़ा नया पक्का पुल का निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ रही है। अभी तक केवल मिट्टी परीक्षण का ही कार्य हो रहा है। 17.46 करोड़ से नए पुल का निर्माण होगा। पटियाला की कार्यदाई संस्था राणा विल्डर्स नया पुल का निर्माण करा रही है। अभी तक मंदाकिनी नदी पर अंग्रेजों के जमाने में बने पुल से आवागमन होता है। पुल काफी जर्जर हालत में है। कभी भी ढह सकता है।

जिम्मेदार बोले
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस के लिए प्रशासन ने अपना काम कर भूमि अधिग्रहीत कराकर 90 प्रतिशत मुआवजा भी दिला दिया है। अब यूपीडा को काम करना है। मंदाकिनी पर पुल व ओवरब्रिज का काम एनएच करा रहा है। इसमें जो भी बाधाएं थीं उन्हें दूर कराया गया है। अब विभागीय अधिकारियों से इसे जल्द कराने के लिए कहा गया है। बाईपास के लिए प्रस्ताव तो गया पर अभी पूरी स्वीकृति मिलने पर ही काम आगे बढ़ेगा।-उमेश चंद्र निगम-अपर जिलाधिकारी चित्रकूट
रिपोर्ट- सुधीर अग्रवाल, पवन सिंह व अनूप दुबे
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