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Chitrakoot News: कोषागार घोटाला-ऑडिट रिपोर्ट और बैंक खातों की ईडी कर सकती है जांच
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:09 PM IST
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चित्रकूट। कोषागार घोटाले में ईडी को आरोपियों का रिकार्ड सौंपने के बाद एसआईटी मामले से संबंधित अन्य दस्तावेजों को तैयार करने में लगी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक ईडी जल्द ही जांच के लिए मुख्यालय आएगी।
जांच में कोषागार विभाग में हर साल होने वाली ऑडिट की रिपोर्ट व इस जांच में आने वाले अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त किया गया है। ऐसे में यह तय है कि ईडी जिले के कोषागार विभाग के आरोपी अधिकारी कर्मचारियों समेत ऑडिट टीम के अधिकारियों के कामों और बैंक खातों की जांच कर सकती है।
अभी तक की जांच में पुलिस व एसआईटी के सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी भी आ रहे हैं। खासकर मृतक पेंशनरों के खाते में सरकारी धनराशि भेजे जाने को लेकर जांच में कई पेंच सामने आ रहे हैं। विभागीय प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और एसआईटी के मूल पत्रावलियों की छानबीन के दौरान कई खातों के लेनदेन, हस्ताक्षर, रिकार्ड में अंतर मिला है। यह अंतर दो माह बाद भी अभी पूरा सही नहीं हो पाया है। एसआईटी ने जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बात को जवाब मांगा है कि पेंशनरों के जीवित प्रमाण पत्र न होने पर उनके खातों में कैसे भुगतान किया गया है।
एसआईटी ने अब तक की छानबीन के दौरान दस्तावेजों के बिना ही अनियमित भुगतान करने के तथ्य हासिल कर लिए हैं। इसमें मृतकों के खातों को लेकर पूरा डाटा न मिलने से संदेह बना है।
इसकी शासन स्तर से भी मानीटरिंग हो रही है। अपर मुख्य सचिव वित्त ने शासन स्तर पर दो जिम्मेदार अधिकारियों को मानीटरिंग की जिम्मेदारी सौंप रखी है। दोनों अधिकारी रोजाना गबन की चल रही जांच की प्रतिदिन की स्थिति की जानकारी ले रहे है। एसआईटी और कोषागार स्तर से रोजाना जांच किस स्तर तक पहुंची है। हलांकि अब ईडी के हस्तक्षेप के बाद विभागीय व एसआईटी की जांच बंद नहीं हुई है लेकिन सभी को ईडी के अगले कदम का इंतजार है। कोषागार विभाग की ओर से ईडी के मांगे गए साक्ष्य भेजे गए हैं अब एसआईटी की साक्ष्य व रिकार्ड दो दिन में भेजे जा सकते हैं। एसपी अरुण सिंह ने बताया कि एसआईटी की विवेचना क्रमवार जारी है। जल्द ही जांच के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
मामले में 32 जेल में और हो चुकी तीन करोड़ 66 लाख से अधिक की रिकवरी
2018 से सितंबर 2025 तक 93 पेंशनरों के खातों में 43 करोड़ 13 लाख रुपये अनियमित तरीके से एरियर मद में भेजे गए हैं। इसमें 99 लोगोें के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। इसमें कोषागार विभाग के एटीओ विकास सचान, संदीप श्रीवास्तव, रिटायर्ड एटीओ अवधेश प्रताप सिंह व एकाउंटेंट अशोक वर्मा शामिल हैं। एटीओ संदीप की मृत्यु हो चुकी है। रिटायर्ड एटीओ अवधेश अदालत से अग्रिम जमानत पर है। इसके अलावा एटीओ विकास व एकाउंटेंट अशोक समेत कुल 32 आरोपी जेल में हैं। मामले में वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि अभी तक लगभग तीन करोड़ 66 लाख की रिकवरी हो चुकी है। संवाद
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जांच में कोषागार विभाग में हर साल होने वाली ऑडिट की रिपोर्ट व इस जांच में आने वाले अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त किया गया है। ऐसे में यह तय है कि ईडी जिले के कोषागार विभाग के आरोपी अधिकारी कर्मचारियों समेत ऑडिट टीम के अधिकारियों के कामों और बैंक खातों की जांच कर सकती है।
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अभी तक की जांच में पुलिस व एसआईटी के सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी भी आ रहे हैं। खासकर मृतक पेंशनरों के खाते में सरकारी धनराशि भेजे जाने को लेकर जांच में कई पेंच सामने आ रहे हैं। विभागीय प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और एसआईटी के मूल पत्रावलियों की छानबीन के दौरान कई खातों के लेनदेन, हस्ताक्षर, रिकार्ड में अंतर मिला है। यह अंतर दो माह बाद भी अभी पूरा सही नहीं हो पाया है। एसआईटी ने जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बात को जवाब मांगा है कि पेंशनरों के जीवित प्रमाण पत्र न होने पर उनके खातों में कैसे भुगतान किया गया है।
एसआईटी ने अब तक की छानबीन के दौरान दस्तावेजों के बिना ही अनियमित भुगतान करने के तथ्य हासिल कर लिए हैं। इसमें मृतकों के खातों को लेकर पूरा डाटा न मिलने से संदेह बना है।
इसकी शासन स्तर से भी मानीटरिंग हो रही है। अपर मुख्य सचिव वित्त ने शासन स्तर पर दो जिम्मेदार अधिकारियों को मानीटरिंग की जिम्मेदारी सौंप रखी है। दोनों अधिकारी रोजाना गबन की चल रही जांच की प्रतिदिन की स्थिति की जानकारी ले रहे है। एसआईटी और कोषागार स्तर से रोजाना जांच किस स्तर तक पहुंची है। हलांकि अब ईडी के हस्तक्षेप के बाद विभागीय व एसआईटी की जांच बंद नहीं हुई है लेकिन सभी को ईडी के अगले कदम का इंतजार है। कोषागार विभाग की ओर से ईडी के मांगे गए साक्ष्य भेजे गए हैं अब एसआईटी की साक्ष्य व रिकार्ड दो दिन में भेजे जा सकते हैं। एसपी अरुण सिंह ने बताया कि एसआईटी की विवेचना क्रमवार जारी है। जल्द ही जांच के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
मामले में 32 जेल में और हो चुकी तीन करोड़ 66 लाख से अधिक की रिकवरी
2018 से सितंबर 2025 तक 93 पेंशनरों के खातों में 43 करोड़ 13 लाख रुपये अनियमित तरीके से एरियर मद में भेजे गए हैं। इसमें 99 लोगोें के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। इसमें कोषागार विभाग के एटीओ विकास सचान, संदीप श्रीवास्तव, रिटायर्ड एटीओ अवधेश प्रताप सिंह व एकाउंटेंट अशोक वर्मा शामिल हैं। एटीओ संदीप की मृत्यु हो चुकी है। रिटायर्ड एटीओ अवधेश अदालत से अग्रिम जमानत पर है। इसके अलावा एटीओ विकास व एकाउंटेंट अशोक समेत कुल 32 आरोपी जेल में हैं। मामले में वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि अभी तक लगभग तीन करोड़ 66 लाख की रिकवरी हो चुकी है। संवाद
