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Mafia Vinod Upadhyay: दौलत-ताकत की चाह ने माफिया विनोद और अजीत को जुड़वाया, सियासत ने किया जुदा
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 10 Jan 2024 01:32 PM IST
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सार
एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि माफिया से जुड़े जिले के रहने वाले और गैर जनपदों के बदमाशों पर नजर है। उनके संपर्क में रहने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।

विनोद माफिया। (फाइल)
- फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
दौलत और ताकत की चाहत में कुख्यात विनोद माफिया ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत शाही से दोस्ती की थी, मगर सियासत में हुए टकराव के बाद दोनों अलग हो गए। माफिया विनोद उपाध्याय ने देवरिया में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था। इसके लिए वह अक्सर देवरिया आता-जाता रहता था।
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वहां उसकी ससुराल भी है। सूत्रों के अनुसार, कई विभागों में आज भी माफिया के करीबियों का वर्चस्व कायम है। इन विभागों में उनके अलावा कोई दूसरा टेंडर लेने का प्रयास नहीं करता है।
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गोरखपुर के रहने वाले माफिया विनोद उपाध्याय की देवरिया में रिश्तेदारी तो कुछ साल पहले हुई, लेकिन उसका यहां आना-जाना पहले से था। बनकटा क्षेत्र का रहने वाला बदमाश अजीत शाही और विनोद पहले एक साथ मिलकर विभिन्न अपराधों को अंजाम देते थे। सूत्रों की मानें तो अजीत शाही ने जब बनकटा ब्लॉक से प्रमुख का चुनाव लड़ा था तो विनोद ने उसके प्रचार की कमान संभाली थी। दोनों ने बसपा से जुड़कर भी राजनीति की, लेकिन बाद में किसी बात को लेकर उनमें ठन गई। इसके बाद गोरखपुर में दोनों के अलग-अलग गुट बन गए।
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उधर, देवरिया में अजीत का घर होने के कारण यहां वह ज्यादा प्रभावशाली बना रहा। जिले में उसको टक्कर देने के लिए विनोद ने अपनी ससुराल में आते-जाते अपना नेटवर्क खड़ा किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के कई छात्र नेता विनोद के नेटवर्क में शामिल हो गए। लखनऊ में छात्र राजनीति और पढ़ाई के बाद उसका ठिकाना गृह जनपद देवरिया बन गया था।
हालांकि देवरिया में अजीत और विनोद के बीच कभी आमना-सामना नहीं हुआ, लेकिन दोनों के नेटवर्क में शामिल लोगों के बीच तनातनी रहती थी। गोरखपुर के अलावा आस-पास के जिलों में भी माफिया का दबदबा बढ़ता रहा। पुलिस ने जब माफिया विनोद पर एक लाख का इनाम घोषित किया तो वह भूमिगत हो गया था। उसे सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने में देवरिया के उसके नेटवर्क में शामिल लोगों ने भी सहयोग किया था।
एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि माफिया से जुड़े जिले के रहने वाले और गैर जनपदों के बदमाशों पर नजर है। उनके संपर्क में रहने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
हालांकि देवरिया में अजीत और विनोद के बीच कभी आमना-सामना नहीं हुआ, लेकिन दोनों के नेटवर्क में शामिल लोगों के बीच तनातनी रहती थी। गोरखपुर के अलावा आस-पास के जिलों में भी माफिया का दबदबा बढ़ता रहा। पुलिस ने जब माफिया विनोद पर एक लाख का इनाम घोषित किया तो वह भूमिगत हो गया था। उसे सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने में देवरिया के उसके नेटवर्क में शामिल लोगों ने भी सहयोग किया था।
एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि माफिया से जुड़े जिले के रहने वाले और गैर जनपदों के बदमाशों पर नजर है। उनके संपर्क में रहने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।