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Farrukhabad News: बालक हत्याकांड में पुलिस को करीबियों पर शक
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फर्रुखाबाद/जहानगंज। क्षेत्र के गांव कोरीखेड़ा में बालक का अपहरण कर पांचवें दिन हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके अलावा पुलिस की शक की सुई करीबियों पर भी टिकी है। एएसपी व सीओ ने सोमवार को परिजनों को बुलाकर बंद कमरे में एक-एक कर पूछताछ की।
जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव कोरीखेड़ा निवासी चंद्रप्रकाश गुप्ता के पुत्र आशुतोष(10) का 10 दिसंबर की शाम अपहरण कर लिया गया था। 14 दिसंबर को बालक का शव आलू के खेत में पड़ा मिला। उसके सिर पर वजनदार वस्तु से प्रहार कर हत्या किए जाने की आशंका है। इस मामले में बालक की मां ने थाने में 11 लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस ने नामजद चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह व सीओ मोहम्मदाबाद अजय वर्मा थाने पहुंचे। उन्होंने गांव के प्रधान अशोक कुमार, बालक आशुतोष के चचेरे भाई अवधेश गुप्ता, आदेश गुप्ता, ताऊ सुबोध कुमार व प्रेमचंद्र को भी थाने बुलाया। इसके बाद एएसपी व सीओ ने परिजनों को एक-एक कर बुलाकर बंद कमरे में घटना के संबंध में जानकारी ली। बताया जा रहा है कि पुलिस की शक की सुई नामजद आरोपियों के अलावा करीबियों पर भी घूम रही है।
अपहरण कर हत्या के बाद बालक आशुतोष के शव का रविवार शाम पोस्टमार्टम कराया गया। सोमवार को पुलिस मौजूदगी में पांचालघाट पर परिजनों ने जल प्रवाह कर शव का अंतिम संस्कार किया गया।
बालक का अपहरण कर हत्या की घटना के बाद गांव कोरीखेड़ा में दूसरे दिन सोमवार को सन्नाटा पसरा रहा। कोई भी ग्रामीण घटना के संबंध में बात करने के अनजान बनकर कतराता रहा। वहीं गांव में पुलिस तैनात रही है। फिलहाल गांव में भय का माहौल दिखा। पुलिस अधीक्षक आरती सिंह रात में गांव कोरीखेड़ा पहुंचीं। उनके साथ एएसपी अरुण कुमार सिंह व सीओ मोहम्मदाबाद अजय वर्मा भी मौजूद थे। एसपी ने बालक की मां पूनम, बहन अंशिका व चचेरे भाई आदेश से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान आदेश ने कहा कि शव मिलने के करीब आधा घंटे पहले उन्होंने दो आरोपियों को घटनास्थल की ओर से आते देखा था। जब उन्होंने पीछा किया तो दोनों आरोपी गांव न्यामतपुर ठाकुरान में घुस गए। एसपी ने कई बिंदुओं पर बीरीकी से पूछताछ की और इसके बाद घटनास्थल की ओर रवाना हुई। कोहरा होने और घटनास्थल खेत का होने से वह वहां तक नहीं पहुंच सकीं। इससे रास्ते से ही उन्हें वापस थाने होना पड़ा। रात 10.20 बजे डीआईजी हरीश चंद्र थाने पहुंचे। उन्होंने थानाध्यक्ष के कार्यालय में बंद कमरे में घटना की जानकारी ली। देर रात तक वह पूरे घटना क्रम के बारे में जानकारी करते रहे। डीआईजी हरीश चंद्र ने सोमवार को थाने का निरीक्षण किया। इस दौरान महिला हेल्प डेस्क पर मौजूद सिपाही हिमांशी से कोरीखेड़ी बीट के बारे में जानकारी की तो वह यह नहीं बता सकी कि बीट सिपाही कौन है। बाद में बताया गया कि कोरीखेड़ा बीट पर महिला सिपाही दीपिका की ड्यूटी है। उन्होंने सिपाही हिमांशी से जानकारी की कि उसने आशुतोष के परिजनों और मां से बात की है। इस पर सिपाही ने जवाब दिया कि उसने बात की है। निरीक्षण के बाद डीआईजी हरीश चंद्र ने बताया कि उन्होंने बालक की हत्या के संदर्भ में अधिकारियों से जानकारी की है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। बच्चे को इतने दिनों तक कहां रखा गया। इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। वहीं शहर की गुंजन विहार कॉलोनी में हुई लूट के बारे में कहा कि रेकी करके लूट की गई है। जल्द दोनों मामलों का खुलासा किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव कोरीखेड़ा निवासी चंद्रप्रकाश गुप्ता के पुत्र आशुतोष(10) का 10 दिसंबर की शाम अपहरण कर लिया गया था। 14 दिसंबर को बालक का शव आलू के खेत में पड़ा मिला। उसके सिर पर वजनदार वस्तु से प्रहार कर हत्या किए जाने की आशंका है। इस मामले में बालक की मां ने थाने में 11 लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस ने नामजद चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह व सीओ मोहम्मदाबाद अजय वर्मा थाने पहुंचे। उन्होंने गांव के प्रधान अशोक कुमार, बालक आशुतोष के चचेरे भाई अवधेश गुप्ता, आदेश गुप्ता, ताऊ सुबोध कुमार व प्रेमचंद्र को भी थाने बुलाया। इसके बाद एएसपी व सीओ ने परिजनों को एक-एक कर बुलाकर बंद कमरे में घटना के संबंध में जानकारी ली। बताया जा रहा है कि पुलिस की शक की सुई नामजद आरोपियों के अलावा करीबियों पर भी घूम रही है।
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अपहरण कर हत्या के बाद बालक आशुतोष के शव का रविवार शाम पोस्टमार्टम कराया गया। सोमवार को पुलिस मौजूदगी में पांचालघाट पर परिजनों ने जल प्रवाह कर शव का अंतिम संस्कार किया गया।
बालक का अपहरण कर हत्या की घटना के बाद गांव कोरीखेड़ा में दूसरे दिन सोमवार को सन्नाटा पसरा रहा। कोई भी ग्रामीण घटना के संबंध में बात करने के अनजान बनकर कतराता रहा। वहीं गांव में पुलिस तैनात रही है। फिलहाल गांव में भय का माहौल दिखा। पुलिस अधीक्षक आरती सिंह रात में गांव कोरीखेड़ा पहुंचीं। उनके साथ एएसपी अरुण कुमार सिंह व सीओ मोहम्मदाबाद अजय वर्मा भी मौजूद थे। एसपी ने बालक की मां पूनम, बहन अंशिका व चचेरे भाई आदेश से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान आदेश ने कहा कि शव मिलने के करीब आधा घंटे पहले उन्होंने दो आरोपियों को घटनास्थल की ओर से आते देखा था। जब उन्होंने पीछा किया तो दोनों आरोपी गांव न्यामतपुर ठाकुरान में घुस गए। एसपी ने कई बिंदुओं पर बीरीकी से पूछताछ की और इसके बाद घटनास्थल की ओर रवाना हुई। कोहरा होने और घटनास्थल खेत का होने से वह वहां तक नहीं पहुंच सकीं। इससे रास्ते से ही उन्हें वापस थाने होना पड़ा। रात 10.20 बजे डीआईजी हरीश चंद्र थाने पहुंचे। उन्होंने थानाध्यक्ष के कार्यालय में बंद कमरे में घटना की जानकारी ली। देर रात तक वह पूरे घटना क्रम के बारे में जानकारी करते रहे। डीआईजी हरीश चंद्र ने सोमवार को थाने का निरीक्षण किया। इस दौरान महिला हेल्प डेस्क पर मौजूद सिपाही हिमांशी से कोरीखेड़ी बीट के बारे में जानकारी की तो वह यह नहीं बता सकी कि बीट सिपाही कौन है। बाद में बताया गया कि कोरीखेड़ा बीट पर महिला सिपाही दीपिका की ड्यूटी है। उन्होंने सिपाही हिमांशी से जानकारी की कि उसने आशुतोष के परिजनों और मां से बात की है। इस पर सिपाही ने जवाब दिया कि उसने बात की है। निरीक्षण के बाद डीआईजी हरीश चंद्र ने बताया कि उन्होंने बालक की हत्या के संदर्भ में अधिकारियों से जानकारी की है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। बच्चे को इतने दिनों तक कहां रखा गया। इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। वहीं शहर की गुंजन विहार कॉलोनी में हुई लूट के बारे में कहा कि रेकी करके लूट की गई है। जल्द दोनों मामलों का खुलासा किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
