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ग्रामीणों के बीच कम होंगे खेत-मेड़ के विवाद
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- फोटो : GHATAMPUR
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भीतरगांव (कानपुर)। सरकार की स्वामित्व योजना को अमली जामा पहनाने के लिए बुधवार को विकास खंड के छतरापुर गांव से शुरुआत हुई। घाटमपुर के तहसीलदार विजय यादव और नर्वल के तहसीलदार विनीत कुमार ने दलबल के साथ गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और योजना के बारे में समझाया।
बताया गया कि केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों की परिसंपत्तियों पर उनका मालिकाना हक सत्यापित करने से पहले राजस्व लेखपाल और पंचायत सचिव की संयुक्त रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके आधार पर गांव वालों का मालिकाना हक तय होगा। इसके बाद ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए मंदिर, गली, मकान-दुकान, खेत-खलिहान और ग्राम समाज की जमीनों का चिन्हांकन कराया जाएगा। ड्रोन सर्वे के आधार पर संबंधित गांवों का नक्शा भी बनेगा।
नई व्यवस्था के तहत तय मालिकाना हक और नक्शे के आधार पर ही संबंधित व्यक्तियों को मालिकाना हक का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। नायब तहसीलदार अरसला नाज ने बताया कि यदि एक मकान या दुकान में एक से अधिक हिस्सेदार हैं तो उनका हिस्सा भी तय होगा। कोई आपत्ति होने पर संबंधित पक्षों की राजस्व न्यायालय में सुनवाई की जाएगी। बताया कि इससे गांवों से बाहर रहने वाले लोगों की परिसंपत्तियों पर दबंगों के कब्जे के मामले भी रुकेंगे।
तहसीलदार (नर्वल) विनीत कुमार ने बताया कि अभी गांवों की आबादी के अंदर के मकान, दुकान अथवा निजी स्वामित्व के संबंध में तहसील स्तर पर कोई अधिकृत रिकार्ड उपलब्ध नहीं हैं।
इसके चलते आए दिन खेत, मेड़ आदि को लेकर आपसी झगड़े होते रहते हैं। नई व्यवस्था में रिकार्ड तैयार होने के बाद तहसील और जिले स्तर पर उपलब्ध रहेंगे। जिससे संबंधित व्यक्ति मालिकाना हक प्रमाणपत्र के आधार पर संपत्ति की खरीद-फरोख्त के साथ ही उस पर बैंक लोन आदि भी ले सकेंगे।
इस मौके पर राजस्व निरीक्षक सतीश कनौजिया, नम्रता, आनंद पाल, रुचि मिश्रा, वरुण कुमार सहित कई राजस्व लेखपाल और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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बताया गया कि केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों की परिसंपत्तियों पर उनका मालिकाना हक सत्यापित करने से पहले राजस्व लेखपाल और पंचायत सचिव की संयुक्त रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके आधार पर गांव वालों का मालिकाना हक तय होगा। इसके बाद ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए मंदिर, गली, मकान-दुकान, खेत-खलिहान और ग्राम समाज की जमीनों का चिन्हांकन कराया जाएगा। ड्रोन सर्वे के आधार पर संबंधित गांवों का नक्शा भी बनेगा।
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नई व्यवस्था के तहत तय मालिकाना हक और नक्शे के आधार पर ही संबंधित व्यक्तियों को मालिकाना हक का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। नायब तहसीलदार अरसला नाज ने बताया कि यदि एक मकान या दुकान में एक से अधिक हिस्सेदार हैं तो उनका हिस्सा भी तय होगा। कोई आपत्ति होने पर संबंधित पक्षों की राजस्व न्यायालय में सुनवाई की जाएगी। बताया कि इससे गांवों से बाहर रहने वाले लोगों की परिसंपत्तियों पर दबंगों के कब्जे के मामले भी रुकेंगे।
तहसीलदार (नर्वल) विनीत कुमार ने बताया कि अभी गांवों की आबादी के अंदर के मकान, दुकान अथवा निजी स्वामित्व के संबंध में तहसील स्तर पर कोई अधिकृत रिकार्ड उपलब्ध नहीं हैं।
इसके चलते आए दिन खेत, मेड़ आदि को लेकर आपसी झगड़े होते रहते हैं। नई व्यवस्था में रिकार्ड तैयार होने के बाद तहसील और जिले स्तर पर उपलब्ध रहेंगे। जिससे संबंधित व्यक्ति मालिकाना हक प्रमाणपत्र के आधार पर संपत्ति की खरीद-फरोख्त के साथ ही उस पर बैंक लोन आदि भी ले सकेंगे।
इस मौके पर राजस्व निरीक्षक सतीश कनौजिया, नम्रता, आनंद पाल, रुचि मिश्रा, वरुण कुमार सहित कई राजस्व लेखपाल और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
