घाटमपुर (कानपुर देहात)। कस्बा स्थित कूष्मांडा देवी मंदिर परिसर में 114 साल के बुजुर्ग को आखिर ठिकाना मिल गया। यह संभव हुआ घाटमपुर क्षेत्र के युवकों की पहल से। युवकों ने बुजुर्ग की फोटो फेसबुक में डाली। इसे देखकर औरैया के दो युवक रविवार को मंदिर परिसर में पहुंचे और बुजुर्ग की पहचान की। बताया कि बाबा का अमौआ हार, दिबियापुर औरैया में आश्रम है। यह स्वतंत्रता सेनानी हैं। इन युवकों ने बाबा को उनके आश्रम पहुंचा दिया। कूष्मांडा देवी मंदिर परिसर में लॉकडॉउन के दौरान बुजुर्ग पहुंचे। उनके एक पैर में फैक्चर था। करीब ढाई महीने से आसपास के माली और मंदिर आने वाले वाले लोग उनके भोजन की व्यवस्था कर रहे थे।
लोगों के पूछने पर बुजुर्ग अपना सही नाम-पता भी नहीं बता पा रहे थे। इसकी जानकारी पाकर शनिवार दोपहर नेशनल ह्युमन राइट्स फेडरेशन के जिला महासचिव पुष्कर अवस्थी सत्यम साहू, अमन यादव, प्रिंसराज निगम, अवधेश कुमार समेत कई साथियों के साथ वहां पहुंचे और बुजुर्ग से मिले। काफी प्रयास के बाद पुष्कर व उनके साथियों के पता चला कि लॉकडॉउन के समय बुजुर्ग घाटमपुर रेलवे स्टेशन पर भटकते मिले थे। वहां से उनको कोई लेकर मंदिर में छोड़ गया था। इसके बाद पुष्कर ने साथियों की मदद से बुजुर्ग को स्नान कराया। नए कपड़े पहनाए और फिर उनकी फोटो खींचकर फेसबुक में डाली।
पुष्कर ने बताया कि फेसबुक में बुजुर्ग की फोटो देखने के बाद औरैया के दो युवक मंदिर परिसर में आए। इनमें शामिल रामा डेंटल के कर्मचारी रोहित यादव ने बताया कि बुजुर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं। इनका नाम बाबा इलेचि गिरि और उम्र 114 वर्ष है। बाबा का अमौआहार, दिबियापुर औरैया में आश्रम है। वह महात्मा गांधी के करीबी होने की बात बताते हैं। बाबा करीब छह महीने पहले आश्रम से लापता हो गए थे। तब से उनके शिष्य खोजबीन भी कर रहे थे। रोहित ने देर शाम फोन पर बताया कि वह बाबा को लेकर उनके आश्रम अमौआ हार पहुंचा दिया गया है।