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धान की रोपाई रुकी, खरीफ की फसलें सूखने लगीं
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- फोटो : GHATAMPUR
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घाटमपुर। इस वर्ष जुलाई में औसत बारिश भी नहीं हुई है। मौसम का रुख देख किसान सकते में हैं। खेतों में धान की रोपाई का काम ठप है। वहीं, खरीफ की अन्य फसलें भी मुरझाने लगी हैं।
राजकीय कृषि बीज भंडार घाटमपुर के प्रभारी विवेक सिंह ने बताया कि कानपुर परिक्षेत्र में मानसूनी बारिश शुरू होने का समय 15 से 20 जून के मध्य का है। घाटमपुर क्षेत्र में पांच जुलाई से मात्र 34 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। इस अवधि में औसतन 80 से 100 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए था। कृषि विषयवस्तु विशेषज्ञ रामनरेश सिंह भदौरिया ने बताया कि खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई करने के लिए 5 से 25 जुलाई के बीच का समय अच्छा होता है। जुलाई में पर्याप्त बारिश होनी चाहिए। बताया कि बारिश न होने से धान की फसल की रोपाई नहीं हो पाई है।
इधर, टिकरी-गौरवा (मकरंदपुर) निवासी पुष्पेंद्र सिंह, शेरपुर (बेंदा) गांव निवासी मुनेश यादव, परास गांव निवासी अनंतू तिवारी, गिरसी गांव निवासी आदर्श सचान, रेउना गांव के संपन्न किसान धीरज द्विवेदी और बिराहिनपुर गांव निवासी राजेश कुमार यादव ने बताया कि मानसूनी बारिश का क्रम अनियमित है। बताया कि एक साथ दस-बीस किलोमीटर के दायरे में बारिश होने की जगह सीमित क्षेत्र में हो रही है। जिससे खरीफ की ज्वार-बाजरा, मक्का, तिली-उड़द, मूंग और अरहर के साथ ही सब्जियों की फसलें भी मुरझाने लगी हैं।
जुलाई में पिछले पांच सालों में हुई बारिश
वर्ष वर्षा (मिलीमीटर में)
2015 96 मिमी
2016 177 मिमी
2017 138 मिमी
2018 150 मिमी
2019 95 मिमी
2020 34 मिमी
नोट- जुलाई में हुई बारिश के आंकड़े तहसील के वर्षा रिकार्ड रजिस्टर के अनुसार।
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राजकीय कृषि बीज भंडार घाटमपुर के प्रभारी विवेक सिंह ने बताया कि कानपुर परिक्षेत्र में मानसूनी बारिश शुरू होने का समय 15 से 20 जून के मध्य का है। घाटमपुर क्षेत्र में पांच जुलाई से मात्र 34 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। इस अवधि में औसतन 80 से 100 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए था। कृषि विषयवस्तु विशेषज्ञ रामनरेश सिंह भदौरिया ने बताया कि खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई करने के लिए 5 से 25 जुलाई के बीच का समय अच्छा होता है। जुलाई में पर्याप्त बारिश होनी चाहिए। बताया कि बारिश न होने से धान की फसल की रोपाई नहीं हो पाई है।
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इधर, टिकरी-गौरवा (मकरंदपुर) निवासी पुष्पेंद्र सिंह, शेरपुर (बेंदा) गांव निवासी मुनेश यादव, परास गांव निवासी अनंतू तिवारी, गिरसी गांव निवासी आदर्श सचान, रेउना गांव के संपन्न किसान धीरज द्विवेदी और बिराहिनपुर गांव निवासी राजेश कुमार यादव ने बताया कि मानसूनी बारिश का क्रम अनियमित है। बताया कि एक साथ दस-बीस किलोमीटर के दायरे में बारिश होने की जगह सीमित क्षेत्र में हो रही है। जिससे खरीफ की ज्वार-बाजरा, मक्का, तिली-उड़द, मूंग और अरहर के साथ ही सब्जियों की फसलें भी मुरझाने लगी हैं।
जुलाई में पिछले पांच सालों में हुई बारिश
वर्ष वर्षा (मिलीमीटर में)
2015 96 मिमी
2016 177 मिमी
2017 138 मिमी
2018 150 मिमी
2019 95 मिमी
2020 34 मिमी
नोट- जुलाई में हुई बारिश के आंकड़े तहसील के वर्षा रिकार्ड रजिस्टर के अनुसार।
