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सीएम ने परखे हालात,हर संभव मदद का निर्देश
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फोटो-21-गोंडा में करनैलगंज के माझा रायपुर में भरा पानी। -संवाद
- फोटो : GONDA

गोंडा। सरयू नदी की उफान से बाढ़ का कहर झेल रहे 19 गांवों के 117 मंजरों की दुश्वारियां परखने को सीएम योगी ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। इस दौरान उन्होंने कटान के कारण चरसड़ी तटबंध को हो रहे नुकसान के साथ ही जलमग्न पड़ी दो हजार बीघा की फसल को भी देखा। निरीक्षण बाद उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश आला अफसरों को दिया।
बाढ़ की समस्या से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पीड़ितों को राहत सामग्री के वितरण में किसी भी तरह की कोई ढिलाई न बरते जाने की सख्त ताकीद भी की। जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने सीएम को भरोसा दिलाया कि सभी आला अधिकारी जिले में बाढ़ की स्थिति पर पूरी तत्परता के साथ नियमित तौर पर नजर बनाए रखे हैं। पीड़ितों को भी राहत टीमों द्वारा हर संभव मदद पहुंचाने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य भी किया जा रहा है। सीएम के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण का वीडियो सोशल मीडिया भी खूब देखा गया। हेलीकाप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन निरीक्षण करने के बाद उनका उड़नखटोला अयोध्या के लिए आगे बढ़ गया।
प्रभारी अधिकारी व एडीएम ने बताया कि जिले की दो तहसीलों के 19 ग्रामों के 117 मंजरे बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। तहसील तरबगंज के 18 ग्राम के 112 मंजरे व तहसील करनैलगंज के एक ग्राम के पांच मंजरे शामिल हैं। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन ने 106 नावें लगा रखी हैं। प्रभावित इलाकों में संक्रामक रोगों की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग की भी 24 टीमें पूरी तरह सक्रियता के साथ जुटी हैं। इतना ही नहीं खाद्य सामग्री का वितरण भी वाटर प्रूफ प्लास्टिक बैग में हो रहा है। इसमें पीड़ितों को 10-10 किग्रा आटा, चावल, आलू के साथ ही पांच किग्रा लाई दो किग्रा. भुना चना दो किलो अरहर दाल, आधा किग्रा नमक सब्जी मसाले के साथ ही मोमबत्ती, माचिस, रिफाइंड तेल समेत अन्य जरूरी सामग्री शामिल है।
बंधों में आई कटान को दूर कराने की तैयारी
बाढ़ के कारण बंधों में कटान से हुए नुकसान को दूर कराने के लिए भी बाढ़ विभाग वैकल्पिक कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है। जलस्तर बढ़ने के बाद भी बांधों के सहारे बाढ़ की विभीषिका को करनैलगंज तहसील में रोकने में काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। इस बार बाढ़ से ज्यादातर वही गांव प्रभावित हुए जो बांध से सटे थे या फिर बांध के बीच में थे। एलग्रिन चरसड़ी तटबंध करनैलगंज तहसील के भीतर की सीमित है। वहीं भिखारीपुर सकरौर बांध तरबगंज तहसील के ऐली परसौली तक है। इसके आगे बांध न होने से तरबगंज तहसील के सबसे ज्यादा 18 गांव प्रभावित रहे।
सीएम ने हवाई सर्वेक्षण से जिले में बाढ़ की स्थिति को परखा है। उनकी तरफ से पहले से ही राहत और बचाव कार्य के निर्देश थे। इसके अनुपालन में बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने का कार्य राजस्व टीमें कर रही हैं।
सुरेश कुमार सोनी, अपर जिलाधिकारी
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बाढ़ की समस्या से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पीड़ितों को राहत सामग्री के वितरण में किसी भी तरह की कोई ढिलाई न बरते जाने की सख्त ताकीद भी की। जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने सीएम को भरोसा दिलाया कि सभी आला अधिकारी जिले में बाढ़ की स्थिति पर पूरी तत्परता के साथ नियमित तौर पर नजर बनाए रखे हैं। पीड़ितों को भी राहत टीमों द्वारा हर संभव मदद पहुंचाने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य भी किया जा रहा है। सीएम के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण का वीडियो सोशल मीडिया भी खूब देखा गया। हेलीकाप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन निरीक्षण करने के बाद उनका उड़नखटोला अयोध्या के लिए आगे बढ़ गया।
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प्रभारी अधिकारी व एडीएम ने बताया कि जिले की दो तहसीलों के 19 ग्रामों के 117 मंजरे बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। तहसील तरबगंज के 18 ग्राम के 112 मंजरे व तहसील करनैलगंज के एक ग्राम के पांच मंजरे शामिल हैं। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन ने 106 नावें लगा रखी हैं। प्रभावित इलाकों में संक्रामक रोगों की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग की भी 24 टीमें पूरी तरह सक्रियता के साथ जुटी हैं। इतना ही नहीं खाद्य सामग्री का वितरण भी वाटर प्रूफ प्लास्टिक बैग में हो रहा है। इसमें पीड़ितों को 10-10 किग्रा आटा, चावल, आलू के साथ ही पांच किग्रा लाई दो किग्रा. भुना चना दो किलो अरहर दाल, आधा किग्रा नमक सब्जी मसाले के साथ ही मोमबत्ती, माचिस, रिफाइंड तेल समेत अन्य जरूरी सामग्री शामिल है।
बंधों में आई कटान को दूर कराने की तैयारी
बाढ़ के कारण बंधों में कटान से हुए नुकसान को दूर कराने के लिए भी बाढ़ विभाग वैकल्पिक कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है। जलस्तर बढ़ने के बाद भी बांधों के सहारे बाढ़ की विभीषिका को करनैलगंज तहसील में रोकने में काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। इस बार बाढ़ से ज्यादातर वही गांव प्रभावित हुए जो बांध से सटे थे या फिर बांध के बीच में थे। एलग्रिन चरसड़ी तटबंध करनैलगंज तहसील के भीतर की सीमित है। वहीं भिखारीपुर सकरौर बांध तरबगंज तहसील के ऐली परसौली तक है। इसके आगे बांध न होने से तरबगंज तहसील के सबसे ज्यादा 18 गांव प्रभावित रहे।
सीएम ने हवाई सर्वेक्षण से जिले में बाढ़ की स्थिति को परखा है। उनकी तरफ से पहले से ही राहत और बचाव कार्य के निर्देश थे। इसके अनुपालन में बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने का कार्य राजस्व टीमें कर रही हैं।
सुरेश कुमार सोनी, अपर जिलाधिकारी
फोटो-20-गोंडा में बाढ़ प्रभावित करनैलगंज क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करते मुख्यमंत्री। -संवाद- फोटो : GONDA