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पितृपक्ष के पहले दिन पितरों को दिया पानी
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मुस्करा/गहरौली। 15 दिनों चलने वाले पितृपक्ष की शुरुआत सोमवार से हो गई। पहले दिन जातकों ने तालाब में स्नान कर जौ, तिल, कुश के साथ पितरों को पानी दिया। इसी के साथ तिथियों के अनुसार श्राद्ध शुरू है। पितृपक्ष अमावस्या को पितरों को विदाई दी जाएगी।
कस्बे के निकट बिहूंनी स्थित वर्मा नदी में सोमवार सुबह लगभग एक सैकड़ा की तादाद में लोग हाथ में कुश लेकर नदी किनारे जा पहुंचे। वहीं गहरौली में तालाब में स्नान कर पितरों का आह्वान किया। पंडित मंत्र उच्चारण कर पितरों का आह्वान करते नजर आए। ऐसी मान्यता है कुंडली में लगे पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृपक्ष एक अनुकूलतम समय है। जिसमें अपने पितरों की सेवा कर अपनी कुंडली से पितृ दोष को समाप्त किया जाता है। जिससे घर में खुशी के साथ धन धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है।
पं. अनिल महाराज ने बताया अश्विन मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के साथ पूर्णिमा श्राद्ध से पितरों के तर्पण का समय शुरू होता है। जिसमें लोग अपने पूर्वजों को कुश की टहनियों पर विराजमान करके जल तर्पण करते हुए उनका श्राद्ध करते हैं। जिससे पूर्वजों के आशीर्वाद से घर परिवार धन, वैभव से भरा रहे। बताया सोमवार से पूर्ण संत के साथ पितृपक्ष प्रारंभ हुए हैं जो कि 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे। इस बीच लोग अपने पूर्वजों की श्राद्ध कर भक्ति भाव से उनकी सेवा करेंगे।
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पं. अनिल महाराज ने बताया अश्विन मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के साथ पूर्णिमा श्राद्ध से पितरों के तर्पण का समय शुरू होता है। जिसमें लोग अपने पूर्वजों को कुश की टहनियों पर विराजमान करके जल तर्पण करते हुए उनका श्राद्ध करते हैं। जिससे पूर्वजों के आशीर्वाद से घर परिवार धन, वैभव से भरा रहे। बताया सोमवार से पूर्ण संत के साथ पितृपक्ष प्रारंभ हुए हैं जो कि 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे। इस बीच लोग अपने पूर्वजों की श्राद्ध कर भक्ति भाव से उनकी सेवा करेंगे।