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Hamirpur News: रिबोर के लिए पैसा नहीं, दूसरे से पानी खरीद रहे किसान
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:33 AM IST
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हमीरपुर। जनपद में सिंचाई व्यवस्था बेपटरी है। कहीं पर तकनीकी कमी से नलकूप ठप है, तो कहीं विद्युत दोष कारण बना हुआ है। प्रस्ताव पास होने के बाद भी 116 नलकूपों का रिबोर धनराशि के अभाव में अटका है। टेल वाले इलाकों में नहरों का पानी नहीं पहुंच रहा। किसान सिंचाई के लिए पानी खरीदने को मजबूर है।
जनपद में 560 नलकूप है। इसमें एक तिहाई नलकूप खराब है। सुमेरपुर क्षेत्र में 138 नलकूप है जिसमें से 54 बंद है। मुस्करा में 15 नलकूप है तीन खराब है। मौदहा में 32 बंद पड़े है। सरीला में 26, गोहांड में चार नलकूप खराब है। इसी तरह पत्योरा क्षेत्र का एक नलकूप दो साल से ठप पड़ा है। कुरारा क्षेत्र में 160 नलकूप है। इसमें से 144, 194, 380 नंबर जखेला में बंद है। 293 नंबर पारा का खराब है। 290,254 जल्ला मौजे का खराब है। 188, 362 नंबर टिकौना, 207 नंबर टोडरपुर समेत 42 नलकूप ठप हैं। नलकूप विभाग की जांच पड़ताल में 116 नलकूपों को रिबोर योग्य पाया गया। शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया था। अभी तक बजट अवमुक्त न होने की वजह से नलकूपों का रिबोर नहीं हो पा रहा है। किसानों को 400 रुपये तक प्रति बीघा एक बार सिंचाई करने पर किसानों को खर्च करना पड़ रहा।
132 नलकूप स्वीकृत हुए लेकिन बोरिंग नहीं हुई
जनपद में 132 नलकूप तो ऐसे है जो शासन से स्वीकृत हो गए थे। इसके बाद इनकी बोरिंग कराई जानी थी। इसके बाद काम शुरू होने का इंतजार ही किसान करते रहे। आजतक यहां पर बोरिंग नहीं हो सकी। अगर यह सभी बोरिंग हो जाते तो जिले में नलकूपों की संख्या 700 के आसपास होती।
एक साल से नलकूप खराब
- टोडरपुर निवासी किसान कृष्ण कुमार कुशवाहा ने बताया 207 नंबर नलकूप एक साल से अधिक समय से खराब है। सैकड़ों बीघा जमीन की सिंचाई समय पर नहीं हो पाती। किसानों ने निजी संसाधन कर लिए है। जिनके पास नहीं है उन्हें 400 रुपये बीघा के हिसाब से एक बार की सिंचाई के लिए पानी खरीदना पड़ता है।
- कुरार निवासी किसान गिरीश पालीवाल का कहना है मेरी खेती झलोखर मौजे में है। यहां पर एक नंबर नलकूप बीते तीन साल से बंद है। इससे कई किसानों को फायदा होता था। समय पर सिंचाई हो जाती थी। खराबी को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
जनपद में 116 नलकूप चिहिन्त किए गए थे जो रिबोर योग्य थे। इनका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। बजट अभी प्राप्त नहीं हुआ है जैसे ही बजट आता है काम शुरू करा दिया जाएगा।
इं.हरीओम वर्मा, राजकीय नलकूप विभाग
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जनपद में 560 नलकूप है। इसमें एक तिहाई नलकूप खराब है। सुमेरपुर क्षेत्र में 138 नलकूप है जिसमें से 54 बंद है। मुस्करा में 15 नलकूप है तीन खराब है। मौदहा में 32 बंद पड़े है। सरीला में 26, गोहांड में चार नलकूप खराब है। इसी तरह पत्योरा क्षेत्र का एक नलकूप दो साल से ठप पड़ा है। कुरारा क्षेत्र में 160 नलकूप है। इसमें से 144, 194, 380 नंबर जखेला में बंद है। 293 नंबर पारा का खराब है। 290,254 जल्ला मौजे का खराब है। 188, 362 नंबर टिकौना, 207 नंबर टोडरपुर समेत 42 नलकूप ठप हैं। नलकूप विभाग की जांच पड़ताल में 116 नलकूपों को रिबोर योग्य पाया गया। शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया था। अभी तक बजट अवमुक्त न होने की वजह से नलकूपों का रिबोर नहीं हो पा रहा है। किसानों को 400 रुपये तक प्रति बीघा एक बार सिंचाई करने पर किसानों को खर्च करना पड़ रहा।
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132 नलकूप स्वीकृत हुए लेकिन बोरिंग नहीं हुई
जनपद में 132 नलकूप तो ऐसे है जो शासन से स्वीकृत हो गए थे। इसके बाद इनकी बोरिंग कराई जानी थी। इसके बाद काम शुरू होने का इंतजार ही किसान करते रहे। आजतक यहां पर बोरिंग नहीं हो सकी। अगर यह सभी बोरिंग हो जाते तो जिले में नलकूपों की संख्या 700 के आसपास होती।
एक साल से नलकूप खराब
- टोडरपुर निवासी किसान कृष्ण कुमार कुशवाहा ने बताया 207 नंबर नलकूप एक साल से अधिक समय से खराब है। सैकड़ों बीघा जमीन की सिंचाई समय पर नहीं हो पाती। किसानों ने निजी संसाधन कर लिए है। जिनके पास नहीं है उन्हें 400 रुपये बीघा के हिसाब से एक बार की सिंचाई के लिए पानी खरीदना पड़ता है।
- कुरार निवासी किसान गिरीश पालीवाल का कहना है मेरी खेती झलोखर मौजे में है। यहां पर एक नंबर नलकूप बीते तीन साल से बंद है। इससे कई किसानों को फायदा होता था। समय पर सिंचाई हो जाती थी। खराबी को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
जनपद में 116 नलकूप चिहिन्त किए गए थे जो रिबोर योग्य थे। इनका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। बजट अभी प्राप्त नहीं हुआ है जैसे ही बजट आता है काम शुरू करा दिया जाएगा।
इं.हरीओम वर्मा, राजकीय नलकूप विभाग