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Hardoi News: 12 ब्लॉकों की 370 ग्राम पंचायतों के खातों में 4.10 करोड़ रुपये डंप
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हरदोई। ग्राम पंचायतों के खातों में रुपये भी हैं और कार्ययोजना में शामिल काम भी होने हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही से 12 विकास खंड की करीब 370 ग्राम पंचायतों में 4.10 करोड़ से अधिक रुपये खातों में डंप हैं। काम न होने से ग्रामीणों को विकास और अन्य कार्यों की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गांवों में विकास और अन्य कार्यों को कराए जाने के साथ ही मानदेय आदि के भुगतान के लिए पंचायतीराज विभाग के माध्यम से राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद से रुपये दिए जाते हैं। राज्य वित्त और केंद्रीय वित्त आयोग की मद से मिलने वाले रुपयों से कार्ययोजना में शामिल कामों को कराया जाता है। इसमें गांव में नाली, खड़ंजा, हैंडपंप की मरम्मत, मार्ग प्रकाश व्यवस्था, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों का सुंदरीकरण आदि काम शामिल होते हैं।
राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद में मिलने और खर्च होने वाले रुपयों का हिसाब-किताब ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन प्रदर्शित होता रहता है। इससे पंचायतीराज विभाग आसानी से ग्राम पंचायतवार समीक्षा कर प्रगति और स्थिति का आकलन कर लेता है। जिले की 12 ब्लॉकों की 370 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद के रुपये प्राप्त किए जाने के बाद भी जिम्मेदार काम नहीं करा रहे हैं।
इससे उन गांवों के लोगों को विकास कार्यों का लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं खर्च न होने से जनपद की प्रगति भी प्रभावित हो रही है। बताया कि विकास खंड सुरसा, कछौना, भरावन, बेहंदर, बिलग्राम, हरियावां, अहिरोरी, कोथावां, सांडी, संडीला, भरावन और पिहानी आदि विकास खंडों की अधिक संख्या में ग्राम पंचायतों के खातों में रुपये पड़े हैं।
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राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद में मिलने वाले रुपये से गांवों में कार्ययोजना में शामिल कामों को कराए जाने की व्यवस्था है। आमजन की सुविधा और सहूलियत के कामों के साथ ही स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवन के सुंदरीकरण के काम भी कराए जा सकते हैं। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर कम खर्च और खातों में अधिक रुपये वाली ग्राम पंचायतों को चिह्नित कराया जा रहा है। लापरवाही पर पंचायत सचिवों की जवाबदेही तय की जाएगी। -विनय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी
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गांवों में विकास और अन्य कार्यों को कराए जाने के साथ ही मानदेय आदि के भुगतान के लिए पंचायतीराज विभाग के माध्यम से राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद से रुपये दिए जाते हैं। राज्य वित्त और केंद्रीय वित्त आयोग की मद से मिलने वाले रुपयों से कार्ययोजना में शामिल कामों को कराया जाता है। इसमें गांव में नाली, खड़ंजा, हैंडपंप की मरम्मत, मार्ग प्रकाश व्यवस्था, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों का सुंदरीकरण आदि काम शामिल होते हैं।
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राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद में मिलने और खर्च होने वाले रुपयों का हिसाब-किताब ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन प्रदर्शित होता रहता है। इससे पंचायतीराज विभाग आसानी से ग्राम पंचायतवार समीक्षा कर प्रगति और स्थिति का आकलन कर लेता है। जिले की 12 ब्लॉकों की 370 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद के रुपये प्राप्त किए जाने के बाद भी जिम्मेदार काम नहीं करा रहे हैं।
इससे उन गांवों के लोगों को विकास कार्यों का लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं खर्च न होने से जनपद की प्रगति भी प्रभावित हो रही है। बताया कि विकास खंड सुरसा, कछौना, भरावन, बेहंदर, बिलग्राम, हरियावां, अहिरोरी, कोथावां, सांडी, संडीला, भरावन और पिहानी आदि विकास खंडों की अधिक संख्या में ग्राम पंचायतों के खातों में रुपये पड़े हैं।
राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग की मद में मिलने वाले रुपये से गांवों में कार्ययोजना में शामिल कामों को कराए जाने की व्यवस्था है। आमजन की सुविधा और सहूलियत के कामों के साथ ही स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवन के सुंदरीकरण के काम भी कराए जा सकते हैं। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर कम खर्च और खातों में अधिक रुपये वाली ग्राम पंचायतों को चिह्नित कराया जा रहा है। लापरवाही पर पंचायत सचिवों की जवाबदेही तय की जाएगी। -विनय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी
