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Hardoi News: सर्दियों में बढ़ा कान में संक्रमण, टिनिटस बीमारी से हो रहे परेशान
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हरदोई। कड़ाके की सर्दी से इन दिनों सबसे अधिक मरीज कान, नाक व गले से संबंधित आ रहे हैं। कान में सीटी बजना व भारीपन की शिकायत लेकर कई मरीज चिकित्सीय उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। ईएनटी विशेषज्ञ ने कान में संक्रमण से टिनिटस बीमारी से ग्रसित लोगों की भीड़ बढ़ने की बात कही है। इस बीमारी को नजरंदाज करने पर स्थायी बहरापन होने की संभावना उन्होंने व्यक्त की है।
बर्फीली हवाओं के चलते तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कंपकंपी छुटा देने वाली सर्दी का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। सर्दी-जुकाम, खांसी के साथ अब कान से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगी हैं। कान को सर्दी से बचाने में अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। टोपी या मफलर न पहनने से सर्द हवा कानों को प्रभावित कर रही है। ऐसे में कान के संक्रमण के रोगी बढ़ रहे हैं।
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि कान में संक्रमण से टिनिटस बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। रोजाना 75 से 85 मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनमें कान के संक्रमण की समस्या है। टिनिटस बीमारी में मरीज को कान में लगातार सीटी बजने की आवाज सुनाई देती है। लोग इसे मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं लेकिन यही लापरवाही धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे बहरापन और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
युवा और बच्चे हो रहे प्रभावित
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि टिनिटस बीमारी से सबसे अधिक युवा और बच्चे ग्रसित हो रहे हैं। बच्चे और युवा कान में मफलर पहनने से परहेज करते हैं। ऐसे में जब लगातार सर्द हवा कान में घुसती है तो वह संक्रमण का कारण बन जाती है और कान में दर्द होने लगता है। इसी को नजरअदांज करने से बीमारी हो जाती है।
टिनिटस के खतरे और लक्षण
चिकित्सक ने बताया कि टिनिटस का समय पर इलाज न कराया जाए तो यह सुनने की क्षमता को पूरी तरह खत्म कर सकता है। कुछ गंभीर मामलों में यह फेशियल पैरालिसिस का कारण भी बन सकता है। इसके लगातार बने रहने से मरीज डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो सकता है उसे आत्महत्या के विचार भी आने लगते हैं।
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ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि कान में संक्रमण से टिनिटस बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। रोजाना 75 से 85 मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनमें कान के संक्रमण की समस्या है। टिनिटस बीमारी में मरीज को कान में लगातार सीटी बजने की आवाज सुनाई देती है। लोग इसे मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं लेकिन यही लापरवाही धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे बहरापन और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
युवा और बच्चे हो रहे प्रभावित
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि टिनिटस बीमारी से सबसे अधिक युवा और बच्चे ग्रसित हो रहे हैं। बच्चे और युवा कान में मफलर पहनने से परहेज करते हैं। ऐसे में जब लगातार सर्द हवा कान में घुसती है तो वह संक्रमण का कारण बन जाती है और कान में दर्द होने लगता है। इसी को नजरअदांज करने से बीमारी हो जाती है।
टिनिटस के खतरे और लक्षण
चिकित्सक ने बताया कि टिनिटस का समय पर इलाज न कराया जाए तो यह सुनने की क्षमता को पूरी तरह खत्म कर सकता है। कुछ गंभीर मामलों में यह फेशियल पैरालिसिस का कारण भी बन सकता है। इसके लगातार बने रहने से मरीज डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो सकता है उसे आत्महत्या के विचार भी आने लगते हैं।
