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Hardoi News: जांघ से मांसपेशी लेकर की गई घुटने की सर्जरी, मजबूत हुई अतेंद्र के दौड़ने की उम्मीद
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फोटो- 15- घुटने की सर्जरी करते डॉ. ब्रह्म प्रकाश साथ में अन्य चिकित्सक। स्रोत: विभाग
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हरदोई। मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं के अंधेरे के बीच उजाले की किरण भी नजर आ रही है। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने तीन माह पहले गड्ढे में गिरने से घायल हुए युवक के लिगामेंट का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया है। युवक की जांघ से मांसपेशी लेकर लिगामेंट को फिर से जोड़ दिया गया है। ऐसे में अब मरीज के फिर से दौड़ने की उम्मीद भी मजबूत हो गई है।
विकास खंड सुरसा के गांव सथरी निवासी अतेंद्र त्रिलोक चंद्र इंटर कॉलेज में 11वीं का छात्र है। करीब तीन माह पहले एक दिन खेलते समय उसका पैर गड्ढे में पड़ गया और घुटना टेढ़ा हो गया। मेडिकल कॉलेज में उसने कई दिनों उपचार कराया लेकिन सुधार नहीं हुआ। निजी क्लीनिकों से भी फायदा नहीं मिला। चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर किया। वह कानपुर के भी एक प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में दिखाने गया लेकिन आराम न मिलने से लौट आया।
करीब एक माह पहले मेडिकल कॉलेज में डॉ. सुरेंद्र गेहलोत की ओपीडी में वह फिर दिखाने पहुंचा। अतेंद्र की रिपोर्ट के साथ चिकित्सक ने हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रह्म प्रकाश से विचार विमर्श किया। डॉ. ब्रह्म प्रकाश ने अतेंद्र के पैर की एमआरआई करवाई। एमआरआई रिपोर्ट में अतेंद्र के घुटने की बांयीं गद्दी (लिगामेंट) फटी और कार्टिलेज में दिक्कत मिली। डॉ. ब्रह्म प्रकाश व अन्य चिकित्सकों ने बुधवार देर रात तक करीब तीन घंटे ऑपरेशन कर जांघ से मांसपेशी लेकर घुटने की दूरबीन विधि से सर्जरी की। सर्जरी सफल होने पर चिकित्सकाें ने अतेंद्र के फिर से दौड़ने की उम्मीद जताई है।
इनसेट
आयुष्मान कार्ड से हुआ निशुल्क इलाज
हड्डी के ऑपरेशन के लिए मरीज को भले ही फीस नहीं देनी पड़ती है लेकिन हड्डी जोड़ने के लिए कुछ उपकरण खरीदने के लिए पैसे अदा करने पड़ते हैं। अतेंद्र के लिगामेंट का ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड की वजह से पूरी तरह से निशुल्क हुआ। दूरबीन विधि से चिकित्सकों ने सिर्फ आधा मिलीमीटर के दो चीरे लगाए और जांघ के नीचे से तीन सेंटीमीटर की मांसपेशी निकाल कर लिगामेंट को लूप और स्क्रू के सहारे जोड़ दिया। मेडिकल भाषा में एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) सर्जरी कर चिकित्सकों ने दोबारा अतेंद्र को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।
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विकास खंड सुरसा के गांव सथरी निवासी अतेंद्र त्रिलोक चंद्र इंटर कॉलेज में 11वीं का छात्र है। करीब तीन माह पहले एक दिन खेलते समय उसका पैर गड्ढे में पड़ गया और घुटना टेढ़ा हो गया। मेडिकल कॉलेज में उसने कई दिनों उपचार कराया लेकिन सुधार नहीं हुआ। निजी क्लीनिकों से भी फायदा नहीं मिला। चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर किया। वह कानपुर के भी एक प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में दिखाने गया लेकिन आराम न मिलने से लौट आया।
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करीब एक माह पहले मेडिकल कॉलेज में डॉ. सुरेंद्र गेहलोत की ओपीडी में वह फिर दिखाने पहुंचा। अतेंद्र की रिपोर्ट के साथ चिकित्सक ने हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रह्म प्रकाश से विचार विमर्श किया। डॉ. ब्रह्म प्रकाश ने अतेंद्र के पैर की एमआरआई करवाई। एमआरआई रिपोर्ट में अतेंद्र के घुटने की बांयीं गद्दी (लिगामेंट) फटी और कार्टिलेज में दिक्कत मिली। डॉ. ब्रह्म प्रकाश व अन्य चिकित्सकों ने बुधवार देर रात तक करीब तीन घंटे ऑपरेशन कर जांघ से मांसपेशी लेकर घुटने की दूरबीन विधि से सर्जरी की। सर्जरी सफल होने पर चिकित्सकाें ने अतेंद्र के फिर से दौड़ने की उम्मीद जताई है।
इनसेट
आयुष्मान कार्ड से हुआ निशुल्क इलाज
हड्डी के ऑपरेशन के लिए मरीज को भले ही फीस नहीं देनी पड़ती है लेकिन हड्डी जोड़ने के लिए कुछ उपकरण खरीदने के लिए पैसे अदा करने पड़ते हैं। अतेंद्र के लिगामेंट का ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड की वजह से पूरी तरह से निशुल्क हुआ। दूरबीन विधि से चिकित्सकों ने सिर्फ आधा मिलीमीटर के दो चीरे लगाए और जांघ के नीचे से तीन सेंटीमीटर की मांसपेशी निकाल कर लिगामेंट को लूप और स्क्रू के सहारे जोड़ दिया। मेडिकल भाषा में एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) सर्जरी कर चिकित्सकों ने दोबारा अतेंद्र को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।