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हाथरस नगर पालिका: पहले कुत्तों की संख्या होगी नियंत्रित, फिर खोलेंगे एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस Published by: चमन शर्मा Updated Sun, 09 Nov 2025 03:56 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों, अस्पतालोंं, खेल मैदानों व अन्य सार्वजनिक स्थलों से लावारिस कुत्तों को हटाने के आदेश जारी किए हैं।

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Animal Birth Control Center in Hathras
शहर में घूमते कुत्ते - फोटो : संवाद
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विस्तार
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कुत्तों को सड़कों से हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाथरस नगर पालिका प्रशासन हरकत में आ गया है। तय किया गया है कि पहले कुत्तों की संख्या नियंत्रित की जाएगी और उसके बाद एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) स्थापित होगा। इस सेंटर के लिए जमीन भी तलाश ली गई है। नगर पालिका बोर्ड की बैठक में इसके लिए प्रस्ताव पास कराया जाएगा। यही नहीं डॉग कैचर व प्रशिक्षित स्टाफ के जरिये रिहायशी इलाकों में घूमने वाले कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों, अस्पतालोंं, खेल मैदानों व अन्य सार्वजनिक स्थलों से लावारिस कुत्तों को हटाने के आदेश जारी किए हैं। नागरिकों विशेषकर बच्चों, रोगियों और खिलाड़ियों के जीवन और सुरक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया है। इसके लिए इन स्थानों पर उचित बाड़ लगाने के आदेश के साथ ही नगर पालिका व प्रशासनिक अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। इन्हें कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण और रिहायशी इलाकों से कुत्तों को पड़ककर आश्रय स्थल तक पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।
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वर्तमान परिस्थिति में नगर पालिका परिषद पर लावारिस कुत्तों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। न तो कुत्तों को पकड़ने के संसाधन हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। नगर पालिका क्षेत्र में कुत्तों के लिए आश्रय स्थल भी नहीं है, जहां पकड़कर इन्हें रखा जा सके। आसपास के जिलों में केवल मथुरा में एबीसी सेंटर स्थापित हुआ है। वहां अभी भवन तैयार है, सेंटर चालू नहीं हो सका है। एबीसी सेंटर में लावारिस कुत्तों की नसबंदी की जाती है।

एबीसी सेंटर का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। इस पर भी चर्चा होगी कि रिहायशी इलाकों से पकड़े जाने वाले कुत्तों को कहां रखा जाए। कहीं एक स्थान पर इन्हें रखना व्यावहारिक नहीं है, इसलिए पहले संख्या इनकी नियंत्रित करने पर जोर रहेगा।-रोहित सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका

55 लोग हो रहे शिकार

सड़क पर घूमते लावारिस कुत्ते बड़ा खतरा हैं। भूख व दुर्व्यवहार के कारण ये खूंखार हो जाते हैं और आए-दिन लोगों पर हमला करते हैं। बच्चे आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं। हाल ही में कुत्ते काटने के बढ़ते मामलों पर संवाद न्यूज एजेंसी ने पांच नवंबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि जिले में रोजाना औसतन 55 लोगों पर कुत्ते हमला कर रहे हैं।

12 को बोर्ड की बैठक में पेश होगा प्रस्ताव
लावारिस कुत्तों का मुद्दा अब आगामी 12 नवंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में गूंजेगा। नगर पालिका ने एबीसी सेंटर के लिए स्थल का चयन कर रखा है। जलेसर रोड स्थित सीवेज फार्म पर इसके लिए जगह तय की गई है। साथ ही डॉग कैचर व प्रशिक्षित स्टाफ की भर्ती के लिए भी बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा।

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