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Consumer Court: ई-स्कूटर हुआ खराब, सही कर नहीं दिया, कोर्ट ने कंपनी को दिए यह दो विकल्प, ग्राहक खुश
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: चमन शर्मा
Updated Tue, 13 May 2025 03:29 AM IST
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सार
ई स्कूटर में खराबी आ गई। उसे सही करने के लिए वर्कशॉप भेजा। सही कर दिया। अगले दिन फिर खराब हो गया। फिर से वर्कशॉप भेजा गया। फिर सही कर वापस ही नहीं दिया। ग्राहक ने जिला उपभोक्ता कोर्ट में मामला प्रस्तुत किया।

कंज्यूमर कोर्ट
- फोटो : प्रतीकात्मक

विस्तार
हाथरस के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक ई-स्कूटर कंपनी को आदेश दिया है कि वह शहर के नवल नगर निवासी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर अकाउंटेंट को उसकी स्कूटी की कीमत में से 30 फीसदी धनराशि की कटौती करके शेष 84 हजार रुपये वापस करें।
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शहर के नवल नगर निवासी भारतीय स्टेट बैंक की कर्मचारी शिल्पी अग्रवाल ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने ओला इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु के अधीन ओला इलेक्ट्रिक स्टोर गिजरौली के यहां से 26 सितंबर 2023 को स्कूटर खरीदा था। करीब नौ महीने बाद इसमें खराबी आ गई। शिकायत के बाद वाहन को अलीगढ़ वर्कशॉप पर सही करने भेजा गया।
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यहां कुछ काम करने के बाद ई-स्कूटर को उन्हें वापस कर दिया। अगले ही दिन 18 जुलाई 2024 को वह रास्ते में बंद हो गया। शिकायत के बाद इसे आगरा वर्कशॉप ले जाया गया। तब से लेकर आज तक इस ई-स्कूटर को सही करके नहीं दिया गया है। शिल्पी ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि वह अब इसे सही नहीं कराना चाहती हैं, बल्कि खराब स्कूटर वापस करके खरीद की धनराशि वापस लेना चाहती हैं। उन्होंने इस मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया।
इस मामले की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार व सदस्य कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय के समक्ष हुई। आयोग ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह खरीदे गए वाहन को पूर्ण रूप से मरम्मत करके सुचारू रूप से संचालित स्थिति में एक महीने के अंदर शिकायतकर्ता को प्रदान करें। यदि दोष रहित मरम्मत संभव न हो तो वाहन के मूल्य 1,19,999 रुपये में से 30 फीसदी कटौती करके 84000 रुपये देना सुनिश्चित करें। कंपनी से शिकायतकर्ता को मुकदमे का खर्च 5000 रुपये और मानसिक संताप के रूप में 5000 हजार रुपये भी देने को कहा गया है।