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'पापा पैसे ले आओ': पिता ने बताई कपिल पर हुई बर्बरता की कहानी, गोवा पुलिस बताकर धमका रहे थे हत्यारोपी

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस Published by: चमन शर्मा Updated Tue, 04 Nov 2025 02:11 PM IST
सार

पिता ने बताया कि फोन पर बेटे के आखिरी शब्द थे कि पापा पैसे ले ओ। आवाज से लग रहा था कि वह कराह रहा है और हमलावरों के आगे असमर्थ है। इसके बाद वे हेलो-हेलो करते रहे और बृहस्पतिवार रात 8.10 पर फोन कटने के बाद बंद हो गया।

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Kapil Murder Case update
मृतक कपिल चौधरी का हुआ अंतिम संस्कार - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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गोवा से थार लेने गए हाथरस के कपिल चौधरी का शव छह दिन बाद गांव कोरना में पहुंचा। पिता श्रीनिवास ने बेटे पर हुई बर्बरता की कहानी बयां की। बेटे की चोटों का जिक्र करते हुए उनकी आंख भर आईं। 3 नवंबर को घर के सामने ही खेत में ही पिता ने बेटे को मुखाग्नि दी। इस दौरान आस-पास के गांव के सैकड़ों लोग व मृतक के दोस्त भी मौजूद थे, जिन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि कपिल अब उनके बीच नहीं।

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पिता ने बताया कि कपिल के शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं था, जिस पर चोट नहीं थी। आंखों पर चोट थी, सिर में चोट, चेहरा सूजा हुआ था। छाती, पेट, कमर, पीठ, हाथ व पैरों पर डंडे से मार के निशान थे। बेटे की यह हालत देख पिता के होश उड़ गए। थोड़ा होश आया तो गोवा पुलिस उल्टे-सीधे सवाल जवाब करने लगी। श्रीनिवास अपने रिश्तेदार के साथ 31 अक्तूबर को दोपहर लगभग 3.30 बजे पहुंच गए थे। अपने परिचित के जरिए उन्होंने मोबाइल की लास्ट लोकेशन निकाल ली थी, जिससे वह सीधे नॉर्थ गोवा के कोलवले पुलिस स्टेशन क्षेत्र में पहुंचे। यहां टैक्सी ड्राइवर की मदद से छानबीन की।
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कपिल के पिता श्रीनिवास

कुछ जानकारी न मिलने पर वे शाम को कोलवले पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी, पुलिस ने किसी लावारिस शव के मिलने की पहले से सूचना नहीं दी, लेकिन जब पिता ने फोटो दिखाई तो कोलवले पुलिस हरकत में आई। पिता श्रीनिवास ने बताया कि फोटो देखने के बाद काफी देर तक पुलिस में कानाफूसी होती रही। इसके बाद वे उन्हें मोर्चरी लेकर गए, जहां शव दिखाया। इसके बाद पुलिस ने अपनी औपचारिकताएं पूर्ण कीं। श्रीनिवास की तहरीर पर लूट व हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

गोवा पुलिस बताकर परिवार और दोस्तों को धमका रहे थे हत्यारोपी

गोवा में जिस रात कपिल चौधरी की हत्या हुई उस रात एक हत्यारोपी ने खुद को गोवा पुलिस का टीआई पटनायक बता पिता और दोस्तों को फोन किया। उसने बताया कि कपिल वाहन चोरी में पकड़ा गया है। उसे छुड़ाने के लिए गोवा पैसे लेकर आने के लिए कहा गया।

पिता श्रीनिवास ने बताया कि रात आठ बजकर दस मिनट पर आखिरी बार बात हुई थीं, इसके बाद फोन बंद हो गया था। यह कॉल भी कपिल के मोबाइल से ही हत्यारोपी कर रहे थे। शाम सात बजे से कॉल आना शुरू हुई, जिसमें परिजनों को पता लगा कि वह किसी गिरोह के चक्कर में फंस गया है। पिता ने बताया कि उनके पास लास्ट कॉल थी, जिसमें आरोपियों ने महाराष्ट्र बॉर्डर से गाड़ी चोरी करने वाले रैकेट के पकड़ने की बात कही और कहा कि तीन गाड़ियां बरामद की गई है,चार लोगों को पकड़ा है। इनमें तुम्हारा बेटा भी शामिल है। उसे छुड़ाकर ले जाने के लिए रुपये मांगे। कॉल हिस्ट्री के आधार पर दोस्तों को भी फोन किए गए और यही बातें दोहराई गईं।

यह भी पढ़ें... Kapil Murder Case: आखिर वो अंकल कौन? जिनके पास दो बार गोवा जा चुका था कपिल; शरीर पर पहने कपड़े युवक के नहीं

पिता ने बताया कि उन्होंने गोवा पुलिस को सारी फोन रिकॉर्डिंग उपलब्ध करा दी हैं, जिस समय उनके बेटे से मारपीट की जा रही थी। मोबाइल नंबर भी दे दिए हैं। रिकॉर्डिंग व पकड़े गए आरोपियों के बयान से साफ है कि धोखाधड़ी व लूट करने के बाद घटना को दूसरा रूप देने की योजना थी।

बेटे के आखिरी शब्द पापा पैसे ले आओ
श्रीनिवास ने बताया कि फोन पर बेटे के आखिरी शब्द थे कि पापा पैसे ले ओ। आवाज से लग रहा था कि वह कराह रहा है और हमलावरों के आगे असमर्थ है। इसके बाद वे हेलो-हेलो करते रहे और बृहस्पतिवार रात 8.10 पर फोन कटने के बाद बंद हो गया।

गोवा में ''अंकल'' ने नहीं की मदद, गहराया शक

कपिल के पिता श्रीनिवास ने बताया कि कपिल गोवा में जिस अंकल के परिचय में था, वे सीधे उसे नहीं जानते हैं, लेकिन जानकारी में आया है कि वह व्यक्ति बलदेव गांव धनौटी नगरिया का रहने वाला है। उसने गोवा में परिजनों की मदद करने से साफ इन्कार कर दिया,जिस वजह उस पर भी संदेह है।

यह भी पढ़ें... 'ले आखिरी बार बात कर ले': थार खरीदने गए हाथरस के विधि छात्र की गोवा में हत्या, तीन दबोचे, लालच दे ऐसे ली जान

पिता के अनुसार वह वर्ष 2007-08 से गोवा में रह रहा है। प्रॉपर्टी के कार्य के संबंध में कुछ साल उनका मथुरा के बलराम से संपर्क हुआ था। अंकल इसी बलराम का चचिया ससुर है। दोस्तों ने बताया कि वह मथुरा से 27 की शाम बस से मुंबई के लिए निकला था और वहां से गोवा के लिए दूसरी बस पकड़ी थी। 29 की शाम को गोवा पहुंच गया था। रास्ते में लगातार अंकल से बात हुई थीं, लेकिन जब परिजनों ने उस नंबर पर बात की तो वह इन्कार करता रहा। बाद में स्वीकार किया कि केवल 27 अक्तूबर को उसकी बात हुई थी। श्रीनिवास ने बताया कि गोवा में अंकल ने कोई मदद नहीं की। पुलिस स्टेशन आने की बात पर गुमराह करता रहा। बाद में किसी भी मदद से साफ इंकार कर दिया, जब कि उसका घर कोलवले पुलिस स्टेशन के पास ही बताया गया था।

अंतिम संस्कार में शामिल ग्रामीण

अभी तक तीन हुए हैं गिरफ्तार
पिता की श्रीनिवास की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद रेंट पर कार देने वाले कैंडोलिम के गुरुदत्त लवांडे, उसके दोस्त डाइसन एग्रेलो व सूरज जोतीश ठाकुर को गिरफ्तार किया। श्रीनिवास ने बताया कि पांच लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें दो फरार हैं। अंकल पांचों से अलग है। गोवा पुलिस को उसके बारे में बताया गया है।

पुलिस ने फोटो खींचने से रोका, वीडियो डिलीट कराई
पिता श्रीनिवास ने बताया कि बेटे का शव देखने के बाद वे काफी देर तक बदहवास थे, दूसरे दिन जब पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाया जा रहा था तो वे एंबुलेंस में ही थे, तब फोटो व वीडियो बनाए, लेकिन पुलिस ने डिलीट करवा दिए। चोटों के निशान के फोटो नहीं लेने दिए। गोवा पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी भी परिजनों को नहीं दी है।

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