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पेयजल आपूर्ति योजना में घोटाला: कागजों में बिछा दी पाइपलाइन, 40 लाख पी गए अधिकारी-ठेकेदार

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस Published by: चमन शर्मा Updated Sun, 16 Nov 2025 12:04 PM IST
सार

योजना के अंतर्गत नगला भीम की गलियों में एचडीपीई पाइपलाइन डाली जानी थी। इस पाइपलाइन से प्रत्येक घर को कनेक्शन भी देने थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। नगला भीम के लोगों को पता ही नहीं कि ऐसी कोई कार्ययोजना भी बनी और उसका भुगतान भी हो गया।

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peyjal aapurti yojana scam in Hathras
नगला भीम कलवारी में नहीं बिछाई गई अमृत योजना की पाइपलान - फोटो : संवाद
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विस्तार
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घर-घर तक स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के नाम पर नगर पालिका परिषद हाथरस के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिलकर 40.13 लाख रुपये डकार गए। गांव नगला भीम कलवारी में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन डाली जानी थी, लेकिन यहां इस प्रोजेक्ट के तहत काम की शुरुआत तक नहीं की गई है। लोगों से इस योजना के बारे में बात की गई तो वे हैरान रह गए। उन्होंने गांव में पेयजल आपूर्ति से संबंधित कोई भी काम न होने की जानकारी दी।

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पेजयल आपूर्ति के लिए गांव में पानी की कोई पाइपलाइन नहीं डाली गई है। न घरों में कनेक्शन किए गए हैं। लोग अपनी व्यवस्था से पीने योग्य पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। - विपिन गौतम निवासी नगला भीम कलवारी।

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गांव के लोग सबमर्सिबल पंप से या बाहर से पानी मंगाकर पीने योग्य पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। यहां पाइपलाइन डालने या घरों में कनेक्शन देने का कोई काम नहीं हुआ है। - संजीव गोयल निवासी नगला भीम कलवारी।
क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के काम कराए गए हैं। नगला भीम कलवारी के मामले में संबंधित जेई से पत्रावली मंगाकर जांच की जाएगी। कोई कमी मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।-रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका परिषद हाथरस।
इस प्रकरण से संबंधित पत्रावलियों की जांच कराई जाएगी। मामला गंभीर है। अगर अनियमितता हुई है तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।-अतुल वत्स, डीएम।


यह थी योजना
राज्य सेक्टर की पेजयल योजना के अंतर्गत राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण व शहरी इलाकों में घर-घर तक पेयजल पहुंचाती हैं। इसी योजना के अंतर्गत नगर पालिका परिषद हाथरस ने वर्ष 2022-23 में 12 परियोजनाएं तैयारी की थीं, जिसका बजट 3.94 करोड़ रुपये था। इन्हीं परियोजनाओं में से एक वार्ड-17 के नगला भीम कलवारी की थी। यहां पर पेयजल की पाइपलाइन बिछाकर घर-घर पानी के कनेक्शन पहुंचाने की कार्ययोजना बनी थी। बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कराने के बाद 15 जुलाई 2023 को इसका टेंडर निकाला गया। कार्ययोजना का टेंडर 38.79 लाख रुपये का था, जो कि निचली दर के आधार पर 32.55 लाख रुपये में मैसर्स दुबे इंटरप्राइजेज को मिला था। 5 अगस्त 2023 को इसी फर्म को कार्य आदेश भी दे दिया गया था।

तीन बार में हुआ 40.13 लाख का भुगतान

ठेकेदार को पेजयल आपूर्ति के इस काम का भुगतान तीन बार में किया गया। पहला बिल नवंबर 2023 में 12.01 लाख रुपये का पास हुआ। इसके बाद जून 2024 में 17.61 लाख रुपये तथा अंतिम भुगतान सितंबर 2024 में 10.51 लाख रुपये का किया गया। इस तरह से इस प्रोजेक्ट पर कुल 39.68 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसके अलावा अन्य खर्च मिलाकर कुल 40.13 लाख रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन नगला भीम के लोगों तक पानी नहीं पहुंचा।

न पाइपलाइन न डाली, न कनेक्शन हुए
योजना के अंतर्गत नगला भीम की गलियों में एचडीपीई पाइपलाइन डाली जानी थी। इस पाइपलाइन से प्रत्येक घर को कनेक्शन भी देने थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। नगला भीम के लोगों को पता ही नहीं कि ऐसी कोई कार्ययोजना भी बनी और उसका भुगतान भी हो गया। ठेकेदार ने कागजों में 233 कनेक्शन दर्शाकर उसका भुगतान प्राप्त किया।

3.94 करोड़ के कामों में फर्जी एफडीआर का आरोप
छह महीने पहले प्रकाश में आए नगर पालिका परिषद के फर्जी एफडीआर प्रकरण में इन 12 कामों की जांच नहीं हुई थी। एफडीआर मामले के शिकायतकर्ता प्रशांत कौशिक का आरोप है कि राज्य सेक्टर पेयजल योजना के इन कार्यों की फाइलों को छिपा लिया गया था, यदि इन 12 कामों की जांच की जाए तो इनमें भी फर्जी एफडीआर मिलेंगी। यही नहीं इन कामों का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो और भी बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।

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