हाथरस नगर पालिका: कंपनी की सुस्ती, सर्वे हुआ नहीं, नए क्षेत्रों से इस वर्ष नहीं हो पाएगी कर वसूली
परिसीमन के बाद हाथरस नगर पालिका क्षेत्र में वार्डाें की संख्या 35 हो गई है। इनमें कुछ वार्ड ऐसे हैं, जिनका पूरा क्षेत्र नया है तो कुछ पुराने वार्डाें में नए क्षेत्रों को जोड़ा गया है। ऐसे में नगर पालिका की ओर से एक निजी कंपनी को लगाकर परिसीमन में शामिल हुए गांवों में गृह व जलकर की वसूली के लिए सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी है।
विस्तार
करीब चार साल पहले हाथरस नगर पालिका क्षेत्र में शामिल हुए 30 गांवों के बाशिंदों से नगर पालिका प्रशासन इस वित्तीय वर्ष में गृहकल और जलकर की वसूली नहीं कर पाएगा। अभी तक नगर पालिका प्रशासन इन क्षेत्रों में सर्वे ही पूरा नहीं करा पाया है। निजी कंपनी की सुस्ती से पालिका की आय में वृद्धि के प्रयासों को झटका लगा है।
परिसीमन के बाद नगर पालिका क्षेत्र में वार्डाें की संख्या 35 हो गई है। इनमें कुछ वार्ड ऐसे हैं, जिनका पूरा क्षेत्र नया है तो कुछ पुराने वार्डाें में नए क्षेत्रों को जोड़ा गया है। ऐसे में नगर पालिका की ओर से एक निजी कंपनी को लगाकर परिसीमन में शामिल हुए गांवों में गृह व जलकर की वसूली के लिए सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि पिछले तीन माह में मात्र तीन वार्ड का ही सर्वे किया जा सका है।
इन तीन वार्डाें के सर्वे की रिपोर्ट भी अभी तक नगर पालिका को नहीं दी गई है। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में नगर पालिका के लिए इन क्षेत्रों से जलकर व गृहकर की वसूली कर पाना संभव नहीं हो सकेगा। माना जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष से ही नगर पालिका परिसीमन वाले क्षेत्रों से गृह व जलकर की वसूली शुरू कर पाएगी।
सर्वे करने वाली कंपनी को जल्द काम निपटाने के लिए नोटिस दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में कर निर्धारण की पूरी तैयारी कर ली जाएगी। अगले वित्तीय वर्ष से इसे हर हाल में लागू करा दिया जाएगा।-रोहित सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, हाथरस।
करीब 25 हजार घरों का होना है सर्वे
परिसीमन के बाद करीब 25 हजार नए घर नगर पालिका क्षेत्र में शामिल हुए हैं। इन नए घरों से कर वसूली के लिए मकानों के क्षेत्रफल और इमारतों की स्थिति आदि बिंदुओं पर सर्वे किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही इन पर कर का निर्धारण किया जाएगा। नामित कंपनी को सर्वे पूरा किए जाने के लिए छह माह का समय दिया गया था, लेकिन तीन माह बीतने के बाद भी प्रगति 20 फीसदी भी नहीं है।
गंदगी व जलभराव बना सर्वे में रुकावट
सर्वे में देरी का मुख्य कारण परिसीमन वाले क्षेत्रों में गंदगी और जलभराव की समस्या होना भी है। सर्वे करने वाले कुछ लोगों की मानें तो बारिश के दिनों में इन क्षेत्रों में जलभराव व गंदगी जैसी समस्याओं ने विकराल रूप धारण कर रखा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में सर्वे करने जाने पर उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सोच-समझकर सर्वे के लिए क्षेत्र का चुनाव किया जा रहा है, जिससे सर्वे के दौरान किसी तरह के विवाद की स्थिति पैदा न हो।
दयानतपुर से शुरू किया सर्वे
गांव दयानतपुर का कुछ हिस्सा अब नगर पालिका क्षेत्र में हे। सर्वे टीम ने दयानतपुर से सर्वे का काम शुरू किया है। वर्तमान में वार्ड संख्या 09, 11 और 18 में सर्वे का काम चल रहा है। बता दें कि अलीगढ़-आगरा मार्ग पर दयानतपुर से मीतई, मथुरा-बरेली मार्ग पर सोखना से हतीसा तक के गोलाकार क्षेत्र में सर्वे कराया जाना है।
निकाय क्षेत्र में कर वसूली को किया गया अनिवार्य
शासन का पहले नगर निकाय क्षेत्र में कर वसूली किए जाने पर अधिक ध्यान नहीं था, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में नगर निकायों में अनिवार्य रूप से कर वसूली किए जाने के आदेश दिए गए हैं। कर वसूली के आधार पर ही वित्तीय अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की गई है, जबकि कर वसूली न करने वाली निकायों के वित्तीय अनुदान पर रोक लगाना शुरू किया गया है। एक अप्रैल से पुराने करदाताओं के बकाये पर ब्याज लगाए जाने का प्रावधान भी शुरू कर दिया गया है।
परिसीमन पर एक नजर
- 35 कुल वार्ड हैं अब नगर पालिका क्षेत्र में।
- 30 गांव नए जोड़े गए हैं परिसीमन के तहत।
- 25 हजार नए घर जोड़े गए हैं नगर पालिका क्षेत्र में।
- 45 हजार कुल घर हैं अब नगर पालिका क्षेत्र में।