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Hathras News: घुंघरू बनाकर तरक्की की राह पकड़ रहीं महिलाएं
संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस
Updated Fri, 28 Nov 2025 02:33 AM IST
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सादाबाद के बिसावर में कच्ची चांदी से घुंघरू बनातीं महिलाएं। स्रोत : स्वयं
- फोटो : samvad
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बिसावर क्षेत्र की महिलाएं चांदी की पायल के घुंघरू बनाकर तरक्की की राह पकड़ रही हैं। लड्डू गोपाल स्वयं सहायता समूह की पहल पर शुरू हुए इस काम से अब तक 25 महिलाएं सीधे जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
समूह से जुड़ीं महिलाएं मथुरा और आगरा से आने वाली कच्ची चांदी का उपयोग कर बेहद आकर्षक और टिकाऊ घुंघरू तैयार कर रही हैं। पायल, करधनी और अन्य आभूषणों में लगने वाले इन घुंघरुओं की स्थानीय बाजारों में अच्छी मांग है। त्योहार और शादियों के सीजन में तो इनकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है।
महिलाएं बताती हैं कि इस काम को शुरू करने में स्वयं सहायता समूह ने प्रशिक्षण, कच्चा माल उपलब्ध कराने और बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहले जहां महिलाएं घर-गृहस्थी तक सीमित थीं, वहीं अब अपने हुनर के दम पर महीने में आठ से 15 हजार रुपये तक की कमाई कर रही हैं।
प्रशासन की तरफ से भी ऐसे समूहों को प्रोत्साहित करने और माल खपाने के लिए बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। गांव की अन्य महिलाएं भी अब इस कार्य को सीखने और समूह से जुड़ने में रुचि दिखा रही हैं। उपायुक्त स्वत: रोजगार प्रेमनाथ यादव ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
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समूह से जुड़ीं महिलाएं मथुरा और आगरा से आने वाली कच्ची चांदी का उपयोग कर बेहद आकर्षक और टिकाऊ घुंघरू तैयार कर रही हैं। पायल, करधनी और अन्य आभूषणों में लगने वाले इन घुंघरुओं की स्थानीय बाजारों में अच्छी मांग है। त्योहार और शादियों के सीजन में तो इनकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है।
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महिलाएं बताती हैं कि इस काम को शुरू करने में स्वयं सहायता समूह ने प्रशिक्षण, कच्चा माल उपलब्ध कराने और बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहले जहां महिलाएं घर-गृहस्थी तक सीमित थीं, वहीं अब अपने हुनर के दम पर महीने में आठ से 15 हजार रुपये तक की कमाई कर रही हैं।
प्रशासन की तरफ से भी ऐसे समूहों को प्रोत्साहित करने और माल खपाने के लिए बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। गांव की अन्य महिलाएं भी अब इस कार्य को सीखने और समूह से जुड़ने में रुचि दिखा रही हैं। उपायुक्त स्वत: रोजगार प्रेमनाथ यादव ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।