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Jalaun News: चार साल के मासूम के सीटी स्कैन के लिए दो दिन भटकती रही मां, फिर घर लौटी
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उरई। चार साल के बेटे का सीटी स्कैन कराने के लिए महिला दो दिन से मेडिकल कॉलेज के चक्कर काटती रही। पहले दिन उसे कोटा पूरा होना और दूसरे दिन क्रिसमस डे का हॉफ डे होना बताकर टरकाया गया। बाद में डॉक्टर ने शुक्रवार को आने की बात कही। इस पर महिला लौट गई।
कालपी क्षेत्र के उसरगांव निवासी नीलेश (4) पुत्र मनोज बुधवार को छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। गिरने के दौरान उसके सिर में चोट आई, परिजन उसे मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सक ने जांच के बाद सिर में चोट की आशंका जताते हुए सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। नीलेश की मां अंजली जब बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन काउंटर पर पहुंचीं, तो उन्हें बताया गया कि उस दिन 30 सीटी स्कैन का कोटा पूरा हो चुका है। अब यहां सीटी स्कैन कराना संभव नहीं है। उन्हें बच्चे का निजी सीटी स्कैन सेंटर जाने की सलाह दी। मेडिकल कॉलेज से निराश होकर अंजली बृहस्पतिवार को बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं। यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।
अस्पताल स्टाफ ने यह कहकर सीटी स्कैन करने से मना कर दिया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की सलाह पर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं किया जाता। इसके लिए पहले जिला अस्पताल के चिकित्सक को दिखाना जरूरी है। लगातार चक्कर काटने के दौरान इसी बीच क्रिसमस डे के कारण जिला अस्पताल की ओपीडी हाफ डे होने के चलते बंद हो गई। मां बच्चे को गोद में लिए अस्पताल परिसर में इधर-उधर भटकती रही। वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे इमरजेंसी में दिखाने की सलाह दी। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर अभय ने बच्चे की जांच की और सिर में चोट को देखते हुए सीटी स्कैन की संस्तुति की। हालांकि डॉक्टर ने परिजनों को यह कहकर घर भेज दिया कि शुक्रवार को जिला अस्पताल में सीटी स्कैन कराया जा सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में घायल मासूम और उसकी मां को दो दिन तक मानसिक और शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ी। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर सीटी स्कैन हो जाता तो बच्चे के इलाज को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाती।
जिला अस्पताल में मुफ्त, मेडिकल कॉलेज में लगता है शुल्क
मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन कराने पर अलग अलग अंग के हिसाब से छह सौ रुपये से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक शुल्क (यूजर चार्ज) के रूप में लिया जाता है। साथ ही मरीज को केवल फिल्म दी जाती है, रिपोर्ट नहीं दी जाती है। वहीं जिला अस्पताल में सीटी स्कैन निशुल्क होता है। हालांकि जिला अस्पताल के सीएमएस ने मेडिकल कॉलेज से आने वाले पर्चे पर सीटी स्कैन की रोक लगा दी है। (संवाद)
वर्जन
मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे सीटी स्कैन सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध है। अगर किसी कर्मचारी ने सीटी स्कैन करने से मना किया है तो उसकी जांच की जाएगी। डॉ. अरविंद त्रिवेदी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज
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कालपी क्षेत्र के उसरगांव निवासी नीलेश (4) पुत्र मनोज बुधवार को छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। गिरने के दौरान उसके सिर में चोट आई, परिजन उसे मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। वहां मौजूद चिकित्सक ने जांच के बाद सिर में चोट की आशंका जताते हुए सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। नीलेश की मां अंजली जब बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन काउंटर पर पहुंचीं, तो उन्हें बताया गया कि उस दिन 30 सीटी स्कैन का कोटा पूरा हो चुका है। अब यहां सीटी स्कैन कराना संभव नहीं है। उन्हें बच्चे का निजी सीटी स्कैन सेंटर जाने की सलाह दी। मेडिकल कॉलेज से निराश होकर अंजली बृहस्पतिवार को बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं। यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।
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अस्पताल स्टाफ ने यह कहकर सीटी स्कैन करने से मना कर दिया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की सलाह पर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं किया जाता। इसके लिए पहले जिला अस्पताल के चिकित्सक को दिखाना जरूरी है। लगातार चक्कर काटने के दौरान इसी बीच क्रिसमस डे के कारण जिला अस्पताल की ओपीडी हाफ डे होने के चलते बंद हो गई। मां बच्चे को गोद में लिए अस्पताल परिसर में इधर-उधर भटकती रही। वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे इमरजेंसी में दिखाने की सलाह दी। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर अभय ने बच्चे की जांच की और सिर में चोट को देखते हुए सीटी स्कैन की संस्तुति की। हालांकि डॉक्टर ने परिजनों को यह कहकर घर भेज दिया कि शुक्रवार को जिला अस्पताल में सीटी स्कैन कराया जा सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में घायल मासूम और उसकी मां को दो दिन तक मानसिक और शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ी। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर सीटी स्कैन हो जाता तो बच्चे के इलाज को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाती।
जिला अस्पताल में मुफ्त, मेडिकल कॉलेज में लगता है शुल्क
मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन कराने पर अलग अलग अंग के हिसाब से छह सौ रुपये से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक शुल्क (यूजर चार्ज) के रूप में लिया जाता है। साथ ही मरीज को केवल फिल्म दी जाती है, रिपोर्ट नहीं दी जाती है। वहीं जिला अस्पताल में सीटी स्कैन निशुल्क होता है। हालांकि जिला अस्पताल के सीएमएस ने मेडिकल कॉलेज से आने वाले पर्चे पर सीटी स्कैन की रोक लगा दी है। (संवाद)
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मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे सीटी स्कैन सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध है। अगर किसी कर्मचारी ने सीटी स्कैन करने से मना किया है तो उसकी जांच की जाएगी। डॉ. अरविंद त्रिवेदी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज
