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कानपुर में दिवाली पर आतिशबाजी से प्रदूषण 12 गुना अधिक, पर पिछली बार से कम
यूपी डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 30 Oct 2019 03:49 PM IST
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आतिशबाजी से प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
कानपुर में दिवाली के मौके पर आतिशबाजी से आसमान में धूल और धुएं का घेरा अधिक समय तक नहीं रहा। इसकी वजह रही कि इस बार पटाखे कम छुड़ाए गए और आसमान भी साफ रहा। आसमान साफ रहने से धूल के कण वातावरण में नहीं रुक सके।
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आतिशबाजी से प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
इसके चलते कानपुर में प्रदूषण की मात्रा अधिकतम एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 600 रहा। पिछली बार एक्यूआई 700 तक पहुंचा था। परेड चौराहा और गंगा बैराज पर प्रदूषण की मात्रा सबसे अधिक पाई गई।
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आतिशबाजी से प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
बाकी क्षेत्रों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच रहा। एक अनुमान के मुताबिक इस बार शहर में करीब 165 करोड़ रुपये के पटाखे बिके, जबकि पिछली बार 200 करोड़ से अधिक के पटाखे बिखे थे।
आतिशबाजी से प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
शहर के कुछ क्षेत्रों का एक्यूआई
गंगा बैराज- 600
परेड चौराहा- 600
गुरुदेव टाकीज- 385
आचार्य नगर- 410
टाटमिल चौराहा- 350
श्यामनगर- 300
हरजेंदरनगर- 300
गंगा बैराज- 600
परेड चौराहा- 600
गुरुदेव टाकीज- 385
आचार्य नगर- 410
टाटमिल चौराहा- 350
श्यामनगर- 300
हरजेंदरनगर- 300
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आतिशबाजी से प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
दीप टाकीज- 260
बारा देवी- 300
मोतीझील- 275
जाजमऊ- 500
चकेरी- 370
(एक वर्गमीटर की परिधि में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोग्राम के कणों को एक्यूआई कहते हैं। सामान्य एक्यूआई शून्य से 50 माइक्रोग्राम होना चाहिए)
बारा देवी- 300
मोतीझील- 275
जाजमऊ- 500
चकेरी- 370
(एक वर्गमीटर की परिधि में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोग्राम के कणों को एक्यूआई कहते हैं। सामान्य एक्यूआई शून्य से 50 माइक्रोग्राम होना चाहिए)
