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UP: खंती में गिरी बस में भरा पानी तो छटपटाने लगे बच्चे, खिड़कियों से बिलखते बच्चों को देख दहल गया लोगों का दिल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 11 Sep 2025 08:36 PM IST
सार
बाइक में टक्कर मारने के बाद बस पानी भरे खंती में पलट गई। 50 बच्चे फंस गए। बच्चों को ग्रामीणों ने निकाला। दुर्घटना साढ़-जहानाबाद मार्ग पर गोपालपुर गांव के पास हुई।
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पानी भरे खंती में पलटी बस से बच्चों को निकालते ग्रामीण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
साढ़-जहानाबाद मार्ग पर गोपालपुर गांव के पास गुरुवार की सुबह बच्चों से भरी प्राइवेट स्कूल की बस सामने से आ रहे बाइक सवार पिता-पुत्र को कुचलते अनियंत्रित होकर पानी भरे खंती में गिरकर पलट गई। इस दुर्घटना में बाइक सवार पिता-पुत्र की मौके पर मौत हो गई। पीछे बैठी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। बस में 50 छात्र-छात्राएं सवार थीं। सभी में चीख पुकार मच गई।
साढ़ थाना क्षेत्र के गोपालपुर के पास गुरुवार को खंती में गिरी स्कूली बस में पानी भरा तो उसके अंदर फंसे 50 बच्चे छटपटाने लगे। वह खिड़की से बचाने की गुहार लगा रहे थे। तभी वहां से निकल रहे तीन युवक पानी में उतरकर बच्चों को बाहर निकालने में जुट गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इस दाैरान कापी, किताबें और टिफिन बाॅक्स पानी में उतराते दिखाई दिए।
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साढ़ थाना क्षेत्र के गोपालपुर के पास गुरुवार को खंती में गिरी स्कूली बस में पानी भरा तो उसके अंदर फंसे 50 बच्चे छटपटाने लगे। वह खिड़की से बचाने की गुहार लगा रहे थे। तभी वहां से निकल रहे तीन युवक पानी में उतरकर बच्चों को बाहर निकालने में जुट गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इस दाैरान कापी, किताबें और टिफिन बाॅक्स पानी में उतराते दिखाई दिए।
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पानी में डूबने से भीगे छात्रों के बस्ते
- फोटो : अमर उजाला
डग्गामार बस को बना दिया स्कूली बस
हादसे के बाद अभिभावक प्रबंधतंत्र पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि मिथिलेश सिंह शिक्षा निकेतन में जुलाई से यही डग्गामार बस सुबह शाम बच्चों ला और ले जा रही थी। यातायात विभाग से पता चला कि बीते दिनों चालक के पास डीएल न हाेने पर चालान हुआ था। बस के अंदर हेल्पर या स्कूल का कोई शिक्षक या शिक्षिका भी नहीं थे। हादसे से सहमे बाहर खड़े बच्चों ने बताया कि बस में सीटों के अलावा बेंच डालकर भी बच्चों को बैठाया जाता है। रोजाना इस बस से करीब 60 बच्चे आते-जाते हैं। वहीं, विद्यालय प्रबंधक गोविंद सिंह ने बताया कि बस की आवश्यकता होने पर गांव की ही बस को किराये पर लगा लिया था।
हादसे के बाद अभिभावक प्रबंधतंत्र पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि मिथिलेश सिंह शिक्षा निकेतन में जुलाई से यही डग्गामार बस सुबह शाम बच्चों ला और ले जा रही थी। यातायात विभाग से पता चला कि बीते दिनों चालक के पास डीएल न हाेने पर चालान हुआ था। बस के अंदर हेल्पर या स्कूल का कोई शिक्षक या शिक्षिका भी नहीं थे। हादसे से सहमे बाहर खड़े बच्चों ने बताया कि बस में सीटों के अलावा बेंच डालकर भी बच्चों को बैठाया जाता है। रोजाना इस बस से करीब 60 बच्चे आते-जाते हैं। वहीं, विद्यालय प्रबंधक गोविंद सिंह ने बताया कि बस की आवश्यकता होने पर गांव की ही बस को किराये पर लगा लिया था।
मृतकों की फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
बुधवार शाम ही जोधपुर से घर आया था
हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र की माैत के बाद पालपुर गांव में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। मृतक सुरेश चंद्र निगम के तीन बेटे थे। इनमें मनीष उर्फ राजू और प्रमोद जोधपुर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। छोटा बेटा अमित घर में परचून की दुकान रखे है। दो बेटियों में बड़ी सोनी शादी के बाद भी तीन साल से मायके में ही रह रही है। छोटी बेटी प्रियंका प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए साढ़ कोचिंग करने जाती है। पत्नी शशी बेटे और पति की मौत से बेसुध है। बेटा मनीष बुधवार शाम ही जोधपुर से घर आया था। गुरुवार को पिता की आंख दिखाने शहर जा रहा था तभी हादसा हो गया और पिता-पुत्र की माैत हो गई।
हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र की माैत के बाद पालपुर गांव में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। मृतक सुरेश चंद्र निगम के तीन बेटे थे। इनमें मनीष उर्फ राजू और प्रमोद जोधपुर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। छोटा बेटा अमित घर में परचून की दुकान रखे है। दो बेटियों में बड़ी सोनी शादी के बाद भी तीन साल से मायके में ही रह रही है। छोटी बेटी प्रियंका प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए साढ़ कोचिंग करने जाती है। पत्नी शशी बेटे और पति की मौत से बेसुध है। बेटा मनीष बुधवार शाम ही जोधपुर से घर आया था। गुरुवार को पिता की आंख दिखाने शहर जा रहा था तभी हादसा हो गया और पिता-पुत्र की माैत हो गई।