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Kanpur News: परिवार से दूरी और सफलता का दबाव हॉस्टल के विद्यार्थियों में बढ़ा रहा तनाव
सार
कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों में मानसिक तनाव और अवसाद के मामले बढ़े हैं। सर्वे में पाया गया कि छात्राओं में तनाव की दर अधिक है। रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है।
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छत्रपति शाहूजी महाराज विवि
- फोटो : संवाद
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विस्तार
कानपुर। परिवार से दूरी और सफलता का दबाव छत्रपति शाहूजी महाराज विवि के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं में मानसिक तनाव बढ़ा रहा है। इसमें 56.8 फीसदी में मध्यम स्तर और 3.9 फीसदी में उच्च स्तर का तनाव है।
छात्रों की अपेक्षा छात्राओं में तनाव अधिक है। दो फीसदी विद्यार्थी गंभीर अवसाद से ग्रसित पाए गए हैं। यह रिपोर्ट समाज कार्य व क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग ने हॉस्टल में रह रहे विद्यार्थियों पर हुए सर्वे के आधार पर तैयार की है। हॉस्टल के 400 छात्रों और 400 छात्राओं पर सर्वे किया गया है। विवि की यह सर्वे रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है।
स्कूल ऑफ आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के डीन प्रो. संदीप कुमार सिंह व क्लीनिकल साइकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि छात्रावास में रह रहे छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य की मजबूती जानने के उद्देश्य से यह सर्वे कराया गया।
सर्वे वर्विक-एडिनबर्ग मेंटल वेल-बीइंग स्केल, पर्सीव्ड स्ट्रेस स्केल और बेक डिप्रेशन इन्वेंटरी पैरामीटर के आधार पर किया गया। तीन चरणों में हुए सर्वे में पाया कि छात्रावास में रहने वाली छात्राएं मानसिक रूप से अधिक परेशान हैं।
छात्राओं को छात्रावास में सामंजस्य बैठाने में समय लगता है। उनमें सामाजिक व पारिवारिक चिंता के साथ घर से दूर रहना और कामयाबी का दबाव अधिक रहता है। वहीं छात्र भी तनाव में रहते हैं लेकिन वह जल्द एडजस्ट हो जाते हैं।
प्रो. संदीप कुमार सिंह ने बताया कि सर्वे में 39.2 फीसदी छात्रों में निम्न स्तर का तनाव मिला है। 10.8 फीसदी में हल्का अवसाद, 4.7 फीसदी में मध्यम अवसाद, दो फीसदी में गंभीर अवसाद और 0.6 फीसदी में अत्यधिक गंभीर अवसाद के लक्षण मिले हैं। वहीं 54 फीसदी छात्र हॉस्टल में मानसिक रूप से समृद्ध मिले जबकि 3.1 फीसदी छात्र औसत से कम रहे।
अवसाद की स्थिति
अवसाद
छात्र
छात्राएं
सामान्य
325
303
सीमांत
12
15
हल्का
32
54
अत्यधिक
3
2
गंभीर
8
8
मध्यम
20
18
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छात्रों की अपेक्षा छात्राओं में तनाव अधिक है। दो फीसदी विद्यार्थी गंभीर अवसाद से ग्रसित पाए गए हैं। यह रिपोर्ट समाज कार्य व क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग ने हॉस्टल में रह रहे विद्यार्थियों पर हुए सर्वे के आधार पर तैयार की है। हॉस्टल के 400 छात्रों और 400 छात्राओं पर सर्वे किया गया है। विवि की यह सर्वे रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है।
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स्कूल ऑफ आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के डीन प्रो. संदीप कुमार सिंह व क्लीनिकल साइकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि छात्रावास में रह रहे छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य की मजबूती जानने के उद्देश्य से यह सर्वे कराया गया।
सर्वे वर्विक-एडिनबर्ग मेंटल वेल-बीइंग स्केल, पर्सीव्ड स्ट्रेस स्केल और बेक डिप्रेशन इन्वेंटरी पैरामीटर के आधार पर किया गया। तीन चरणों में हुए सर्वे में पाया कि छात्रावास में रहने वाली छात्राएं मानसिक रूप से अधिक परेशान हैं।
छात्राओं को छात्रावास में सामंजस्य बैठाने में समय लगता है। उनमें सामाजिक व पारिवारिक चिंता के साथ घर से दूर रहना और कामयाबी का दबाव अधिक रहता है। वहीं छात्र भी तनाव में रहते हैं लेकिन वह जल्द एडजस्ट हो जाते हैं।
प्रो. संदीप कुमार सिंह ने बताया कि सर्वे में 39.2 फीसदी छात्रों में निम्न स्तर का तनाव मिला है। 10.8 फीसदी में हल्का अवसाद, 4.7 फीसदी में मध्यम अवसाद, दो फीसदी में गंभीर अवसाद और 0.6 फीसदी में अत्यधिक गंभीर अवसाद के लक्षण मिले हैं। वहीं 54 फीसदी छात्र हॉस्टल में मानसिक रूप से समृद्ध मिले जबकि 3.1 फीसदी छात्र औसत से कम रहे।
अवसाद की स्थिति
अवसाद
छात्र
छात्राएं
सामान्य
325
303
सीमांत
12
15
हल्का
32
54
अत्यधिक
3
2
गंभीर
8
8
मध्यम
20
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