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घर बैठे होगा आंख का इलाज: अब मरीजों को नहीं जाना होगा अस्पताल, इस ऐप की मदद से डॉक्टर देंगे दवा
अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर
Published by: श्याम जी.
Updated Sun, 03 Sep 2023 10:03 PM IST
सार
आई जिनी एप की मदद से अब दूर-दराज बैठे रोगी की जांच डॉक्टर कर लेंगे। इसके साथ ही तुरंत रोगी को व्हाट्सएप पर दवा का पर्चा भी भेज देंगे। रोगी को अस्पताल तभी आना पड़ेगा जब उसे सर्जरी करानी होगी।
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प्रोफेसर डॉक्टर परवेज खान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आई जिनी एप की मदद से अब दूर-दराज बैठे रोगी की जांच डॉक्टर कर लेंगे। इसके साथ ही तुरंत रोगी को व्हाट्सएप पर दवा का पर्चा भी भेज देंगे। ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी आदि के रोगियों को अस्पताल आने की जरूरत नहीं रहेगी। रोगी को अस्पताल तभी आना पड़ेगा जब उसे सर्जरी करानी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त उपकरण लेकर सिर्फ टेक्नीशियन रोगी के पास जाएगा। टेक्नीशियन रोगी की आंख में उपकरण लगाएगा और डॉक्टर की स्क्रीन पर स्थिति आ जाएगी। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी से लाइव बात भी कर लेंगे। इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा आदि मर्ज के रोगियों को बहुत राहत मिल जाएगी।
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. परवेज खान ने टेली मेडिसिन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त उपकरणों का प्रयोग किया है। डॉ. खान ने फैक्टरियों और गांवों के पांच सौ रोगियों पर इसका ट्रायल किया है। ट्रायल सफल रहा है। अब इस तरीके के नियमित इस्तेमाल की तैयारी है। इसमें आई जिनी एप की मदद ली जा रही है। डॉ. खान ने बताया कि इसमें स्लिट लैंप, फोटो रैंप तथा आंखों का प्रेशर पता करने वाले एआई युक्त उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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डॉ. खान ने बताया कि रोगियों की जांच एप के माध्यम से होगी। टेक्नीशियन बॉक्स लेकर गांवों और फैक्टरियों में रोगी के पास जाएगा। उसका काम इतना रहेगा कि उपकरण रोगी की आंख पर लगा दे। इसके बाद सारी जांच हो जाएगी। टेक्नीशियन अपने पास कुछ दवाएं और चश्मे भी रखेगा। अगर जरूरत होगी तो रोगी को तुरंत उपलब्ध करेगा।