Kanpur: अवैध मेडिकल स्टोर पर बेचा जा रहा था नशे का इंजेक्शन, छापा मार दो मेडिकल स्टोर किए सील, दवाइयां बरामद
विधानसभा उपचुनाव समाप्त होने के बाद पहली बार हुई जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के पास आए एक शिकायतकर्ता ने बताया कि मसवनापुर क्षेत्र में एक मेडिकल स्टोर पर बड़ी मात्रा में काफी समय से नशे का इंजेक्शन खुलेआम बेचा जा रहा है।
विस्तार
औषधि विभाग ने सोमवार को मसवानपुर स्थित कामदगिरी मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर अवैध तरीके से बेचे जा रहे 300 से ज्यादा नशे का इंजेक्शन बरामद किया है। जिसकी कीमत 10 हजार रुपये से अधिक है। इसमें शाम को हुई इस कार्रवाई में विभाग ने मेडिकल स्टोर को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया है। इसके साथ ही एक और मेडिकल स्टोर सील किया गया है। नशीले इंजेक्शन का नमूना जांच के लिए लखनऊ राजकीय प्रयोगशाला भेज दिया गया है। इस मेडिकल स्टोर पर सिर्फ नशे का इंजेक्शन ही बेचा जा रहा था। इसके पास लाइसेंस भी नहीं मिला। जांच में नमूना फेल पाए जाने पर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर, जेल भेजा जाएगा।
विधानसभा उपचुनाव समाप्त होने के बाद पहली बार हुई जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के पास आए एक शिकायतकर्ता ने बताया कि मसवनापुर क्षेत्र में एक मेडिकल स्टोर पर बड़ी मात्रा में काफी समय से नशे का इंजेक्शन खुलेआम बेचा जा रहा है। जिससे आसपास के युवक व अन्य लोग नशे के लती हो रहे हैं। जिलाधिकारी ने इस शिकायत पर औषधि विभाग के निरीक्षक को बुलाकर तत्काल बताए हुए स्थान पर जाकर छापा मारने का निर्देश दिया था। जब टीम वहां पहुंची तो नशे का इंजेक्शन लेने पहुंचे कुछ लोग वहां से भाग निकले। इस दौरान मेडिकल स्टोर संचालक वहां नहीं मिला लेकिन मौके वहां काम करने वाला एक कर्मचारी दीपक सिंह मिला। इससे पूछताछ में पता चला कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी नहीं है।
औषधि निरीक्षक ओमपाल सिंह ने बताया कि इंजेक्शन के सैंपल जांच को भेजे जाने के साथ ही मेडिकल स्टोर सील किया गया है। इसके अलावा एक अन्य ओम मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई की गई। यहां कोई नशीली दवा तो नहीं बिक रही थी, लेकिन संचालक बिल नहीं दिखा पाया और उनके पास कोई फार्मासिस्ट भी नहीं था दोनों ही मेडिकल स्टोरों को सील कराया गया है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि बरामद इंजेक्शन का प्रयोग दर्द में किया जाता है, लेकिन इसे लोग नशे के रूप में भी प्रयोग करते हैं। इसलिए बिना चिकित्सकीय सलाह के इन दवाइयों की बिक्री नहीं की जाती है।
कैंसर जैसे भीषण दर्द में प्रयोग होते हैं यह इंजेक्शन
औषधि निरीक्षक ओमपाल सिंह ने बताया कि मेडिकल स्टोर पर बरामद किए् नशे के रूप में प्रयोग किए जा रहे इंजेक्शन आमतौर पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में होने वाले भीषण दर्द से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। ब्यूप्रेनोर्फिन नामक यह इंजेक्शन सीधे दिमाग पर असर करता है। इसके प्रयोग से शरीर में कोई साइड इफेक्ट न होने पाए ऐसे में साथ एक दूसरा इंजेक्शन फेनिरामाइन मैलेट का प्रयोग भी नशेबाज करते हैं। यह आम तौर पर एलर्जी को दूर करने का काम करता है। नशा करने के लिए इन दोनों इंजेक्शन को एक साथ मिलकर सिरिंज के जरिए लिया जाता है।
मेडिकल स्टोर की जाली में हाथ डालते ही थमा देते थे पैकेट
मसवानपुर के कामदगिरी मेडिकल स्टोर जहां पर औषधि विभाग ने छापा मारा है, वहां पूरा स्टोर सामने से जाली लगाकर बंद किया गया है। बीच में थोड़ी से जगह छोड़ी गई है, जिसमें मुट्ठी में पैसा लेकर हाथ अंदर डालते ही अंदर बैठा कोई व्यक्ति नशे के इंजेक्शन का पैकैट पकड़ा देता है। यह सिलसिला लंबे समय से यहां चल रहा था।
औषधि विभाग को सख्त निर्देश दिया गया है कि पूरे जनपद में इस तरह का अभियान चलाकर अवैध तरीके से इस तरह बेची जा रही दवाइयों की बिक्री पर रोक लगाने और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। -राकेश कुमार सिंह जिलाधिकारी
11 नवंबर को भी पांच मेडिकल स्टोरों से बरामद हुई थीं नशीली दवाएं
पिछले महीने चमनगंज में भी बड़ी मात्रा में पांच मेडिकल स्टोरों से बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद की गई थीं। जिसमें निज़ामी मेडिकल स्टोर , नूर मेडिकल स्टोर , एमएसएसआर मेडिकल स्टोर , शाइन मेडिकल स्टोर , फ़ैज़ मेडिकल स्टोर पर छापे की कार्रवाई की गई थी। यहां पर चार तरह की संदिग्ध औषधियों का नमूना परीक्षण के लिए लिया गया था। बाकी दवाओं को सीज कर दिया गया था। जिसकी कुल कीमत करीब 145210 रुपये आंकी गई थी।