सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Kanpur News ›   Facts revealed in research: The sting of Corona... No taste, no smell for a year

शोध में सामने आए तथ्य: कोरोना का दंश... साल भर तक न स्वाद, न सुगंध

रजा शास्त्री, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Mon, 02 Jun 2025 11:37 AM IST
सार

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नाक, कान, गला रोग विभाग में 50 रोगियों पर अध्ययन किया गया। जिसमें सामने आया कि संक्रमण ठीक होने के बाद सूंघने की क्षमता प्रभावित रही। जीभ की टेस्ट बड्स भी प्रभावित रही।

 

विज्ञापन
Facts revealed in research: The sting of Corona... No taste, no smell for a year
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कोरोना ने पुरुषों की गंध अनुभूति पर अधिक असर डाला। संक्रमण ठीक होने के एक से सवा साल तक रोगियों के सूंघने की क्षमता प्रभावित रही है। उन्हें अच्छी और खराब दोनों तरह की खुशबू पता न चली। इसके साथ ही जीभ की टेस्ट बड्स प्रभावित होने से खाने के स्वाद का भी मजा नहीं मिला। यह तथ्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नाक, कान, गला रोग विभाग के एक अध्ययन में पता चला है।

Trending Videos


इस अध्ययन में कोरोना से ठीक हो गए 50 रोगियों को शामिल किया गया। इनकी जांच में पाया गया कि कोरोना संक्रमण के कारण ओल्फेक्टरी सेंसेशन प्रभावित हुआ। नाक, कान, गला रोग विभाग के इस अध्ययन 28 पुरुष और 22 महिलाएं शामिल रहीं। कोरोना संक्रमण जब ठीक हुआ तो इसके प्रभाव की जांच की गई। इसमें पाया गया कि नाक के ऊपरी और मस्तिष्क के निचले हिस्से के बीच संक्रमण का प्रभाव आया। यहीं से तंत्रिकाएं नाक के गंध अनुभूति क्षेत्र से होकर मस्तिष्क में जाती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


जब तंत्रिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा तो गंध का मैसेज मस्तिष्क पहुंचने में बाधित हुआ। इससे व्यक्ति को गंध आनी बंद हो गई। गंध अनुभूति क्षेत्र जब प्रभावित होता है तो इसका प्रभाव टेस्ट बड्स पर आता है। इससे स्वाद पता चलने की प्रक्रिया भी बाधित होने लगती है। यह शोध विभागाध्यक्ष डॉ. एसके कनौजिया और डॉ. अमृता श्रीवास्तव की देखरेख में डॉ. काजी साकिब ने किया। डॉ. साकिब ने बताया कि कोरोना संक्रमण कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। ओल्फेक्टरी एपीथीलियम पर असर आता है।

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक पुरुष प्रभावित हुए। कुछ को छोड़कर बाकी के सूंघने की क्षमता 12 से 14 महीने के बीच सामान्य हो गई। इसके अलावा मोटापाग्रस्त और कमजोर सेहत वाले लोगों पर कोरोना संक्रमण का अधिक असर हुआ। महिलाओं के मासिक धर्म के चरणों पर अधिक असर नहीं हुआ।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed