UP: तीन माह में 29 गोशालाओं में 41 गोवंशों ने तोड़ा दम, संरक्षित किए गए 31 और 73 सहभागिता के चलते दिए गए गोवंश
Kanpur News: मामले में पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि मरने वाले गोवंश में ज्यादातर वृद्धावस्था वाले थे। कुछ की मौत आपस में लड़ जाने से घायल होने से भी हुई है। समय-समय पर वैक्सीनेशन होने से बीमारी से मौतें नहीं हुई हैं। पूरी सतर्कता बरती जाती है।

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कानपुर के घाटमपुर ब्लॉक क्षेत्र की 29 गोशालाओं में 20 मई से 20 अगस्त के बीच तीन कुल 41 गोवंश की मौत हुई है। वहीं इसी 31 गोवंश पकड़कर बंद किए गए हैं जबकि 73 गोवंश को सहभागिता के चलते लोगों को दिए गए हैं। विकास खंड क्षेत्र में मदुरी गांव में गोशाला वृहद है, जबकि पालिका क्षेत्र में कान्हा गोशाला स्थित है।

इसके अलावा 27 गोशालाएं क्षेत्र में हैं। महीने की 20 तारीख को आंकड़े संकलित कर गोशालाओं को मिलने वाले खर्च की डिमांड भेजी जाती है। 20 मई को सभी गोशालाओं में कुल 2630 गोवंश थे। तीन माह बाद 20 अगस्त को गोवंश की संख्या घटकर 2547 रह गई। इस तरह से 83 गोवंश कम हो गए।
बीमारी और अन्य कारणों से मौत
इनमें 73 गोवंश सहभागिता (लोगों का पालन के लिए लेना) में गए हैं। वहीं 31 आवारा गोवंश आए हैं, जबकि 41 गोवंशों की बीमारी और अन्य कारणों से मौत हुई है। वृहद गोशाला मदुरी में तीन महीनों में सर्वाधिक पांच गोवंश की मौत हुई है। वहीं कोरियां गोशाला में चार पशुओं ने दम तोड़ा है। अन्य गोशालाओं में एक या दो गोवंशों की माैत का आंकड़ा है।
मरने वाले गोवंश में ज्यादातर वृद्धावस्था वाले थे। कुछ की मौत आपस में लड़ जाने से घायल होने से भी हुई है। समय-समय पर वैक्सीनेशन होने से बीमारी से मौतें नहीं हुई हैं। पूरी सतर्कता बरती जाती है। -अरुण कुमार, पशु चिकित्साधिकारी घाटमपुर
हरे चारे व पौष्टिक भोजन के साथ बीमार गोवंश के इलाज के लिए निर्देश दिए जाते हैं। गोवंश आपस में न लड़ने पाएं इसके लिए केयर टेकरों को भी निर्देशित कर बैरिकेडिंग लगाने को भी निर्देशित किया जाएगा। -अबिचल प्रताप सिंह, एसडीएम