Kanpur: अमेरिका…दुबई और आस्ट्रेलिया भेजी रकम, 50 को जुर्माने का नोटिस, ITR में विदेशी खाते छिपाने पर एक्शन
Kanpur News: कानपुर सहित उत्तर प्रदेश से विदेशों में बिना आईटी विभाग को बताए 800 संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट विदेशी बैंकों ने एफएआईयू को भेजी है। इसके बाद कानपुर के 50 व्यापारी, कारोबारी और अधिकारी रडार पर आ गए हैं। इन लोगों को 10 लाख रुपये का जुर्माना और नोटिस जारी किया गया है।
विस्तार
कानपुर में आयकर विभाग को बिना बताए कानपुर समेत प्रदेश से विदेश में रकम भेजी जा रही हैं। कई देशों के बैंकों ने आयकर विभाग को ऐसी करीब 800 सूचनाएं भेजी हैं। उन्होंने संदिग्ध लेनदेन या संदिग्ध व्यक्ति होने की आशंका जताई है। कानपुर में इस तरह के 50 मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा नोएडा और फिर गाजियाबाद के हैं, जहां से विदेशी खातों में रकम भेजी गई हैं। भेजे गए देश में अमेरिका, दुबई, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया प्रमुख हैं। कानपुर के 50 लोगों काे नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें व्यापारी, कारोबारी और सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
दरअसल, विदेश में प्रापर्टी लेने वाले, इक्विटी, विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले, विदेश से रकम के लेनदेन और विदेश के कंपनी में निवेश करने वाले आदि की निगरानी आयकर विभाग की फॉरेन एसेट्स इंटेलीजेंस यूनिट (एफएआईयू) करती है। विदेश में रकम खपाने वाले लोगों की पड़ताल में यूनिट लग गई है। इन सूचनाओं पर यूनिट के अधिकारी जांच-पड़ताल कर रहे हैं। यह ऐसे लोग हैं जिन्होंने आयकर विभाग को बिना जानकारी दिए विदेश स्थित बैंक में खाते खोले हैं और रकम ट्रांसफर की है।
लोगों को नोटिस देकर मांग रहे हैं जवाब
इन लोगों ने आयकर विवरणी में विदेश के बैंकों में खाते खोलने की जानकारी नहीं दी है। उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। आयकर के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक विदेश के बैंक से आयकर की यूनिट को भारतीयों द्वारा खाते खोलने और निवेश करने की जानकारी मिली है। जांच में सबसे ज्यादा वेतनभोगी और कारोबारी शामिल हैं। विदेश के बैंकों में खाता खोलने में कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। विदेश के बैंकों से मिली सूचनाओं के आधार पर आयकर अधिकारी ऐसे लोगों को नोटिस देकर जवाब मांग रहे हैं।
विभाग ऐसे लोगों की जांच कर रहा है
दरअसल, विदेश में रकम भेजने पर और वहां खाता खोलने का जिक्र आयकर रिटर्नों में किया जाता है लेकिन विभाग को जो जानकारी दी गई उसमें इन खातों का ही जिक्र नहीं किया गया है। अब विभाग ऐसे लोगों की जांच कर रहा है। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए एफएआईयू और टीडीएस शाखा मिलकर आउटरीच कार्यक्रम को भी आयोजित करने जा रहा है, जिससे लोगों को इस नियम की जानकारी मिल सके और नोटिस और जुर्माना से बच सकें।
विदेश के बैंकों से लेनदेन पर सख्त हैं नियम
यूनिट के अफसर ब्लैक मनी एक्ट 2015 के तहत निगरानी करते हैं। 16 साल तक के पुराने मामलों की फाइल अफसर खोल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, शिकायत के आधार पर, छापे के दौरान मिले इनपुट, मुखबिर की सूचना पर, देसी, विदेशी जांच एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर अफसर आगे की कार्रवाई कर सकेंगे। जो जानकारी विदेश के बैंकों के जरिए दी गई है उन्होंने संदिग्ध बताया है। ऐसे में नोटिस भेजे गए हैं और विदेश में रकम भेजने का श्रोत, उद्देश्य को सबूत के साथ विभाग को देने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल विदेश में निवेश करने वाले भारतीय को आईटीआर में विदेशी संपत्ति का खुलासा अनिवार्य है।