Kanpur: अग्रवाल ब्रदर्स के खिलाफ बढ़ाई NDPS की धारा, आरोपी फर्म संचालक फरार…पुलिस ने जारी किया लुकआउट नोटिस
Kanpur News: कानपुर में करोड़ों की नशीली दवाओं के स्टॉक के मामले में पुलिस ने अग्रवाल ब्रदर्स के फरार संचालक विनोद अग्रवाल पर एनडीपीएस की धारा बढ़ा दी है और लुकआउट नोटिस जारी किया है। साथ ही, यह खुलासा हुआ है कि उसने नौकरों और रिश्तेदारों के नाम पर अवैध मेडिकल स्टोरों का एक बड़ा नेटवर्क बना रखा था।
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कानपुर में बिरहाना रोड स्थित अग्रवाल ब्रदर्स पर गुरुवार को नशीली दवाओं के भंडारण और बेचने के मामले में एनडीपीएस की धारा बढ़ाई गई। आरोपी फर्म संचालक विनोद अग्रवाल फरार चल रहा है। मामले में एसटीएफ सहित कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। कमिश्नरी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। अब आरोपी विदेश भी जाने की कोशिश करेगा तो उसे एयरपोर्ट पर पकड़ लिया जाएगा।
ड्रग विभाग ने नवंबर में अग्रवाल ब्रदर्स की दुकान और गोदाम से करोड़ों की नशीली दवाएं बरामद की थीं। औषधि आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। फर्म के खिलाफ ड्रग इंस्पेक्टर ओमपाल ने 12 नवंबर को तहरीर दी थी और उसके बाद बीएनएस की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी।
अग्रवाल ब्रदर्स के खिलाफ एनडीपीएस की धारा बढ़ाई
बुधवार को नशीली कफ सिरप बेचने के मामले में एफएसडीए की जांच में प्रदेश भर की 12 फर्में सिंडिकेट से जुड़ी मिली थीं। इनमें विनोद अग्रवाल का भी नाम था। अमर उजाला ने गुरुवार के अंक में एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज न करने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की, तो अफसरों की नींद टूटी। जेसीपी आशुतोष कुमार ने बताया कि अग्रवाल ब्रदर्स के संचालक विनोद अग्रवाल खिलाफ एनडीपीएस की धारा बढ़ा दी गई है।
अपने करीबियों, रिश्तेदारों, दोस्तों और नौकरों के नाम से अग्रवाल ब्रदर्स ने खुलवाए मेडिकल स्टोर
थोक दवा व्यापारियों ने बताया कि अग्रवाल ब्रदर्स का संचालक विनोद अग्रवाल बेहद शातिर है। उसने अपने करीबियों, रिश्तेदारों, दोस्तों और यहां तक नौकरों तक के नाम से मेडिकल स्टोर शहर ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में खुलवाए हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम माया फार्मा के संचालक मुलायम सिंह का बताया जा रहा है।
ड्रग विभाग जांच करे, तो तमाम लोगों का पर्दाफाश होगा
मुलायम सिंह विनोद अग्रवाल ब्रदर्स का करीबी रहा है। जब टीम ने मार्या फार्मा में जांच की थी तो 1.81 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं मिली थीं। खास बात यह थी कि ये दवाएं अग्रवाल ब्रदर्स के यहां से खरीदी गई थीं। थोक व्यापारियों का कहना है कि ड्रग विभाग जांच करे, तो तमाम लोगों का पर्दाफाश होगा। थोक व्यापारियों ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी कई बार अग्रवाल ब्रदर्स जांच में बचता रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि सभी मेडिकल स्टोरों उनके संचालकों की भूमिका की जांच की जा रही है।