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रौद्र रूप: खतरे के निशान के पार मंदाकिनी-बरदहा, यूपी-एमपी बॉर्डर में प्रशासन ने आवागमन रोका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चित्रकूट Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Sun, 01 Aug 2021 01:32 PM IST
सार

तीर्थ क्षेत्र समेत यूपी-एमपी सीमा पर बाहरी लोगों का आवागमन रोक दिया गया है। चित्रकूट व सतना जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक लगातार माइक से मुनादी कर मंदिर व नदियों की ओर न जाने के लिए सतर्क कर रहे हैं।

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Mandakini river in Chitrakoot: Villages lost their connection with the city, vehicles stuck at UP MP border
चित्रकूट में मंदाकिनी का रौद्र रूप - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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चित्रकूट जिले में बारिश से फिर मंदाकिनी नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। रविवार की सुबह से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही मंदाकिनी के अलावा पाठा क्षेत्र की बरदहा नदी भी उफान पर है। इससे एक दर्जन गांव का संपर्क टूट गया है।
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तीर्थ क्षेत्र समेत यूपी-एमपी सीमा पर बाहरी लोगों का आवागमन रोक दिया गया है। चित्रकूट व सतना जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक लगातार माइक से मुनादी कर मंदिर व नदियों की ओर न जाने के लिए सतर्क कर रहे हैं।
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शनिवार व रविवार दो दिनों में झमाझम वर्षा ने आफत बढ़ा दी है। जलस्तर बढ़ने से रामघाट स्थित घोड़ासी टेंपो स्टैंड से पानी सड़क पर आने से प्रशासन ने आवागमन पर रोक लगा दी है। तीर्थ क्षेत्र गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम, स्फटिक शिला के आसपास के लोगों को प्रशासन ने खाली करवाया है।

मंदाकिनी नदी मप्र की सीमाओं में भी विकराल रूप धारण कर लिया है। पूरा रामघाट जलमग्न हो गया है। रामघाट किनारे बसने वाले दुकानदार दुकानें खाली कर ऊपरी स्थान पर जा चुके हैं। बारिश थमने का नाम नहीं ले रही। इधर पयस्वनी डायवर्जन से पानी का बहाव काफी तेज होने से ग्रामीण सांसत में है। बांध से गिरने वाले पानी का जलस्तर सतह तक चल रहा है। लोग इस नजारे को देखने के लिए उमड़ रहे हैं।

35 गांव बाढ़ से घिरे, ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ीं

फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ही दूर बचा है। जिले के 35 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। सबसे ज्यादा अमृतपुर तहसील के 20 गांव प्रभावित हैं। रविवार को गंगा में 1.42 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। 

शनिवार को जलस्तर 136.85 मीटर पर पहुंच गया। वहीं खतरे का निशान 137.10 मीटर पर है। बाढ़ से अमृतपुर के 20 गांव, कमालगंज के तीन व शमसाबाद ब्लाक के 12 गांव पानी से घिरे हैं। इससे ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह बंद है। लोगों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। वहीं रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर 134.70 मीटर पर रह गया है। रामगंगा अभी चेतावनी बिंदु से नीचे हैं। इसमें 5520 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। 

घरों में घुसा पानी, नाव की मांग 
अमृतपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित 20 गांवों के कई घरों में पानी घुस गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सबलपुर पानी भरने से बंद हो गया है। गंगा आरती का चबूतरा भी पानी में डूब गया। क्षेत्र का गांव सुंदरपुर, कुछुआ गाढ़ा, आशा की मड़ैया, उदयपुर, कंचनपुर सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, लायकपुर, बमियारी, अमीराबाद, रतनपुर, कुबेरपुर, कुशामपुर, सैदापुर, गौटिया, भड्डनपुर की मड़ैया, नगला दुर्गू, सवितापुर, ऊगरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ, तीसराम की मड़ैया, कुड़री सारंगपुर, करनपुर घाट समेत अन्य गांवों में पानी घुस चुका है।

रामपुर, जोगाराजपुर, आशा की मड़ैया के ग्रामीण आवागन के लिए नाव की मांग तहसीलदार से की है। गांवों में मवेशियों को चारे की भी खासी दिक्कत है। पांचाल घाट पर गंगा पुत्रों की झोपड़ियों में पानी भर गया। इससे गंगा पुत्र झोपड़ियां खाली कर ऊंचे स्थान पर चले गए। 

तहसीलदार ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का किया दौरा
तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाह ने कानूनगो महेंद्र पांडेय के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के गांव कंचनपुर सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, ईमादपुर सोमवंशी, तीसराम की मड़ैया, अम्बरपुर, आदि का निरीक्षण किया। तहसीलदार ने बताया कि हरसिंहपुर कायस्थ में 3, तीसराम की मड़ैया, रामपुर, जोगराजपुर, कंचनपुर सबलपुर, कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट में एक-एक नाव लगाई गई है।

पुलिया का निर्माण पूरा न होने से 8 गांव का रास्ता बंद
पुलिया का निर्माण बरसात से पहले पूरा न होने से आठ गांवों का रास्ता बंद हो गया है। कंचनपुर सबलपुर में बदायूं मार्ग से ईमादपुर सोमवंशी को जाने वाले मार्ग पर लोकनिर्माण विभाग द्वारा करीब 12 लाख रुपये की लागत से पुलिया बनाई जा रही है। पुलिया का लिंटर डाला जा चुका है।

अभी तक खेतों से रास्ता था लेकिन पानी भरने से वह रास्ता बंद हो गया। जोगराजपुर, ईमादपुर सोमवंशी समेत सात गांवों के लोग इसी मार्ग से आते-जाते हैं। पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से अब ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पीडब्ल्यूडी के एई महिपाल सिंह ने बताया कि पुलिया निर्माण हो चुका है। लिंटर पका नहीं इसलिए रास्ता चालू नहीं किया गया।

लीलापुर मार्ग पर भरा बाढ़ का पानी 
गंगा सोता नाला में आ जाने से लीलापुर से किराचन को जाने वाले मार्ग पर तीन फीट से अधिक पानी बह रहा है। छोटे वाहन न निकल पाने से ग्रामीणों को तहसील व जिला मुख्यालय आने जाने में  परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमीरपुर मार्ग पर करीब दो फीट पानी चल रहा है। इससे ग्रामीणो को वाहन निकालने  में परेशानी हो रही है। इसी तरह पानी बढ़ा तो कई गांव का आवागमन बंद हो जाएगा।

बाढ़ का खतरा देख ग्रामीण करने लगे इंतजाम
गंगा में बाढ़ आने की आशंका को देखते हुए ग्रामीण बाढ़ के दिनों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। आशा की मड़ैया के लालू, विजयपाल, महाराम, नन्हें, सोबरन, गिरंद, नरवीर आदि ग्रामीण अस्थाई आटा चक्की को गांव में बुलवाया। इससे गेहूं पिसवाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई।

पांच गांवों की काट दी गई बिजली
फर्रुखाबाद। रविवार को गांव फुलहा, मुंशी नगला, नगरिया, भगवानपुर, बसोला नगला में पानी भरने से एसडीओ के निर्देश पर अवर अभियंता ने बिजली काट दी है। इन गांवों को चपरा फीडर से बिजली दी जाती है।
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